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Photograph: (THESOOTR)
नेपाल में हाल ही में एक ऐतिहासिक राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया जब सुशीला कार्की को नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति पौडेल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
सुशीला कार्की, जो नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रह चुकी हैं, को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनका कार्यकाल अगले चुनाव तक रहेगा, जो अगले छह महीने से एक साल के अंदर हो सकते हैं।
सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करना नेपाल के राजनीतिक संकट को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
राजनीतिक बदलाव का संकेत
नेपाल सरकार के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि इस बार एक महिला को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया है। इससे पहले इस पद के लिए चर्चा में बालेंद्र शाह और कुलमान घीसिंग के नाम थे, लेकिन अंत में सुशीला कार्की का नाम सबसे उपयुक्त विकल्प के रूप में सामने आया। उनके नेतृत्व में नेपाल को उम्मीद है कि राजनीतिक संकट जल्द ही सुलझ जाएगा, और नेपाल चुनाव की ओर अग्रसर होगा।
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कार्की का नेतृत्व
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सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया क्योंकि उनकी निष्पक्षता और न्यायिक पृष्ठभूमि ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी। कार्की का मानना है कि नेपाल को स्थिरता और राजनीतिक सुधार की जरूरत है, और वे इसे आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगी।
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नेपाल में सियासी गतिरोध
नेपाल में लंबे समय से राजनीतिक गतिरोध बना हुआ था, जिससे देश के नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। प्रधानमंत्री पद के लिए कई नाम सामने आए, लेकिन किसी भी नाम पर पूरी सहमति नहीं बन पा रही थी। इस बीच, सुशीला कार्की का नाम चर्चा में आया, और जेन जी आंदोलनकारियों के बीच उन्हें एक आम सहमति मिल गई।
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संविधानिक सुधार
नेपाल के राष्ट्रपति ने कई राजनीतिक नेताओं और संवैधानिक विशेषज्ञों से सलाह ली, ताकि एक स्थिर और सशक्त सरकार बनाई जा सके। इसके परिणामस्वरूप, सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। उनकी नियुक्ति के बाद, नेपाल में शांति की दिशा में एक नया कदम बढ़ा है।
महिला प्रधानमंत्री का चुनाव
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नेपाल में यह पहला अवसर है जब एक महिला को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल सकता है और अन्य देशों में भी महिलाओं के नेतृत्व में बदलाव की उम्मीदें बढ़ सकती हैं।
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महिला सशक्तिकरण की दिशा
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सुशीला कार्की का नेपाल का प्रधानमंत्री बनना न केवल नेपाल राजनीति के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक प्रेरणादायक कदम है। इससे यह साबित होता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर प्रभावी नेतृत्व कर सकती हैं। नेपाल में महिला प्रधान मंत्री का चुनाव आने वाले समय में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
नेपाल में शांति की ओर कदम
नेपाल में कर्फ्यू की ढील और शांति की प्रक्रिया ने नागरिकों के बीच एक नई उम्मीद जगा दी है। कर्फ्यू में ढील देने से जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। प्रशासन भी जमीनी स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू की ढील देने पर विचार कर रहा है, ताकि लोग अपने कामकाज में वापस लौट सकें और देश की स्थिरता में योगदान दे सकें।
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कर्फ्यू में ढील
कुछ स्थानों पर कर्फ्यू शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू है, लेकिन अब प्रशासन ने इसे शिथिल करने की योजना बनाई है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि नेपाल में हालात सुधारने की दिशा में काम हो रहा है।
नेपाल में भविष्य की दिशा
नेपाल में सुशीला कार्की के नेतृत्व में राजनीतिक सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि उनका कार्यकाल स्थिरता की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। उनके प्रधानमंत्री बनने से नेपाल में महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
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