एग्जिट पोल में जब-जब AAP पिछड़ी, तब-तब दिल्ली की जनता ने बैठाया कुर्सी पर

आम आदमी पार्टी (AAP) को झटका लग सकता है। अब दिल्ली के संदर्भ में एग्जिट पोल के अनुमान कितने सच होते हैं, इसे लेकर 'द सूत्र' ने पिछले एग्जिट पोल्स का विश्लेषण किया।

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Jitendra Shrivastava
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exit-poll-aap-lags-behind-people Photograph: (thesootr)

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NEW DELHI. दिल्ली विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल के अनुमानों ने आम आदमी पार्टी की धड़कनें बढ़ा दी हैं। अब सबकी नजरें 8 फरवरी को आने वाले फाइनल नतीजों पर टिकी हैं। क्या एग्जिट पोल सही साबित होंगे या फिर एक बार फिर दिल्ली की जनता सबको चौंका देगी? इसका जवाब जल्द ही सामने आएगा।

फिलहाल अधिकतर एग्जिट पोल्स में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) को झटका लग सकता है। अब दिल्ली के संदर्भ में एग्जिट पोल के अनुमान कितने सच होते हैं, इसे लेकर 'द सूत्र' ने पिछले एग्जिट पोल्स का विश्लेषण किया। 

पढ़िए खास खबर...

BJP का दावा: दिल्ली में डबल इंजन सरकार 

एग्जिट पोल में बीजेपी को बढ़त मिलने के बाद मनोज तिवारी ने कहा, दिल्ली की जनता ने मोदी को डबल इंजन सरकार देने का फैसला कर लिया है। हम फाइनल नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। BJP इस चुनाव को मोदी सरकार की नीतियों और विकास योजनाओं की जीत के रूप में देख रही है। पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली की जनता ने इस बार 'आप' सरकार के वादों को नकारकर स्थिर और पारदर्शी शासन के लिए वोट किया है।

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AAP का पलटवार– एग्जिट पोल गलत साबित होंगे

दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने एग्जिट पोल के नतीजों को सिरे से नकार दिया है। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 2013, 2015 और 2020 में भी हमारे लिए गलत अनुमान लगाए गए थे। इस बार भी एग्जिट पोल गलत साबित होंगे और हमारी सरकार पूर्ण बहुमत से बनेगी। 
AAP के अनुसार, उनका जमीनी नेटवर्क मजबूत है। जनता के बीच उनकी पकड़ अब भी बरकरार है। पार्टी ने चुनाव प्रचार में मुफ्त बिजली-पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा मॉडल को केंद्र में रखा था। ऐसे में AAP का दावा है कि जनता एक बार फिर उनके साथ खड़ी है।

पिछले चुनावों में एग्जिट पोल वर्सेज नतीजे

दिल्ली चुनाव में एग्जिट पोल कई बार गलत साबित हुए हैं। BBC हिन्दी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चुनावों के अनुमानों और वास्तविक नतीजों पर नजर डालें तो दिलचस्प तस्वीर उभरती है। 

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दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम और अनुमानों की तुलना (2013-2020)

वर्षपार्टीअनुमानित सीटेंवास्तविक सीटें
2020AAP49-6862
BJP2-218
कांग्रेस00
2015AAP35-5367
BJP3-273
कांग्रेस00
2013AAP06-3128
BJP29-4132
कांग्रेस88

केजरीवाल के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी?

अगर AAP की हार होती है तो केजरीवाल सरकार को कई बड़े झटके लग सकते हैं। पार्टी सत्ता से बाहर हो जाती है तो कार्यकर्ता और नेता दूसरी पार्टियों में शामिल हो सकते हैं। पार्टी के भीतर समीकरण बदल सकते हैं। नई लीडरशिप उभर सकती है। AAP की हार सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन INDIA को भी झटका लगेगा। AAP अब तक विपक्षी गठबंधन में मजबूत दल है, हार की स्थिति में कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय दल AAP से दूरी बना सकते हैं।

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