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संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने हाईवे पर सफर को और तेज बनाने का वादा किया है। गडकरी ने कहा कि देश में टोल वसूली सिस्टम में बदलाव होने वाला है। नया सिस्टम अगले एक साल में लागू हो जाएगा। मौजूदा टोल सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। इसकी जगह एक नया सिस्टम लागू होगा। यह इलेक्ट्रॉनिक और बैरियर-लेस टोल सिस्टम होगा। अब टोल पर गाड़ियों को रुकना नहीं पड़ेगा।
पहला कदम 10 जगहों पर शुरू
इस नए सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है। इसे फिलहाल 10 जगहों पर आजमाया गया है। लक्ष्य है कि इसे एक साल के भीतर लागू किया जाए। इसे पूरे देश के हाईवे पर लाना है। गडकरी ने यह भी बताया कि अभी देशभर में करीब 4,500 हाईवे प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स की कुल लागत लगभग 10 लाख करोड़ रुपए है।
कैसे बदला टोल वसूली का सफर?
पहले टोल प्लाजा (Toll plaza) पर लंबी लाइन लगती थी। गाड़ियों को रुककर नकद या कार्ड से भुगतान करना पड़ता था। इससे राहगीरों का समय बहुत खराब होता था। फिर FASTag का सिस्टम आया। FASTag आने से टोल पर रुकने का समय तो कम हुआ, लेकिन कई बार इसमें भी लंबी लाइन लग जाती थी। इसलिए अब सरकार का अगला कदम हाईटेक टोल सिस्टम की ओर है। यह सिस्टम पूरी तरह से बिना बैरियर वाला होगा।
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NETC प्रोग्राम से आसान हुआ टोल
यह सबनेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की देन है। उन्होंने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) प्रोग्राम बनाया है। यह पूरे देश के लिए एक जैसा सिस्टम है। यह आपस में जुड़ा हुआ इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म है। इसका मकसद टोल वसूली को आसान बनाना है। अलग-अलग हाईवे पर अलग सिस्टम की परेशानी खत्म होगी। अब एक ही तकनीक से टोल वसूली की जाएगी।
बिना रुके ऐसे कटेगा टोल
NETC सिस्टम का मुख्य हिस्सा FASTag था। यह RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक पर काम करता था। यह टैग गाड़ी के शीशे पर चिपकाया जाता था।
नए सिस्टम में और सुधार किया गया है। गाड़ी जैसे ही टोल लेन से गुजरेगी, कैमरा नंबर प्लेट को पढ़ेगा। यह ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) तकनीक है।
कैमरा नंबर प्लेट को आसानी से पढ़ लेगा।
जुड़े खाते (FASTag, बैंक या UPI) से टोल अपने आप कट जाएगा।
वाहन बिना रुके सीधे आगे बढ़ता रहेगा।
हाईटेक टोल के बड़े फायदे
यह नई तकनीक सफर को बहुत आरामदायक बनाएगी। इसके कई बड़े फायदे हैं:
टोल पर लाइन खत्म: अब गाड़ियों को बेवजह रुकना नहीं पड़ेगा।
समय और ईंधन की बचत: रुकने का समय बचेगा तो पेट्रोल-डीजल भी बचेगा।
सफर तेज और आसान: सफर की स्पीड बनी रहेगी।
प्रदूषण कम: गाड़ी बार-बार रुकेगी नहीं, तो प्रदूषण भी कम होगा।
यह कदम भारत के नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा देगा।
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