अब नहीं मिलेगी Nimesulide पेन किलर, सरकार ने लगाया बैन

केंद्र सरकार ने 100 mg से अधिक निमोस्लाइड की बिक्री और निर्माण पर रोक लगा दी है। 29 दिसंबर से लागू इस नियम का उद्देश्य लिवर की सुरक्षा करना है। जानें पूरी खबर।

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Anjali Dwivedi
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government ban nimesulide painkiller
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पांच प्वाइंट में समझें पूरा मामला

  • सरकार ने 100 mg से ज्यादा वाली निमोस्लाइड दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है।
  • यह फैसला लिवर को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए लिया गया है।
  • नए नियम 29 दिसंबर 2025 से प्रभावी रूप से लागू हो चुके हैं।
  • जानवरों के लिए यह दवा 20 फरवरी 2025 से ही पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  • डॉक्टर अब मरीजों को पैरासिटामोल या आइबुप्रोफेन जैसे सुरक्षित विकल्प देंगे।

अगर आप भी बदन दर्द या बुखार होने पर मेडिकल स्टोर से खरीदकर सीधे पेन किलर खा लेते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार ने दर्द की मशहूर दवा निमोस्लाइड (Nimesulide) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 100 mg से अधिक डोज वाली सभी ओरल यानी खाने वाली दवाओं की मैन्यूफैक्चरिंग और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। Nimesulide ban

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लिवर के लिए बड़ा खतरा है हाई डोज

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, निमोस्लाइड एक नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा है। यह दर्द में तुरंत राहत तो देती है, लेकिन इसकी भारी मात्रा मानव शरीर के लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। एक्सपर्ट का मानना है कि बाजार में इस दवा के कई सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं, इसलिए मरीजों की जान जोखिम में डालना सही नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह सख्त कदम उठाया गया है। निमोस्लाइड पेन किलर बैन

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कब से लागू हुआ यह नए नियम

यह पाबंदी 29 दिसंबर 2025 से पूरे देश में लागू हो गई है। सरकार के इस आदेश के बाद अब दवा कंपनियों को 100 mg से ज्यादा वाली दवाओं का उत्पादन तुरंत बंद करना होगा। साथ ही, जो स्टॉक पहले से बाजार में मौजूद है, उसे भी वापस मंगाना होगा। हालांकि, राहत की बात यह है कि 100 mg तक की कम डोज वाली दवाएं डॉक्टर की पर्ची पर मिलती रहेंगी। स्वस्थ लिवर 

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जानवरों के लिए पहले से ही है बैन

आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब निमोस्लाइड पर कैंची चली हो। लगभग 11 महीने पहले, 20 फरवरी 2025 को सरकार ने जानवरों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सभी प्रकार की निमोस्लाइड पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। अब इंसानों के लिए भी इसके हाई डोज को रोक लगा दिया गया है। बच्चों के लिए यह दवा देश में पहले से ही बैन है।

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मरीजों और मेडिकल स्टोर पर क्या होगा असर?

इस बैन के बाद Cipla जैसी बड़ी कंपनियों की कुछ दवाएं दुकानों से हट सकती हैं। अब मरीजों को दर्द के लिए पैरासिटामोल या आइबुप्रोफेन जैसे अन्य विकल्प दिए जाएंगे। विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आपके घर में पहले से कोई ऐसी दवा रखी है। वह100 mg से ज्यादा की है, तो उसे बिना डॉक्टरी सलाह के बिल्कुल न लें। नियमों का उल्लंघन करने वाले स्टोर और कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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