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Photograph: (the sootr)
भारत में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) सुधारों की दिशा में प्रमुख कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से इस सुधार की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद अब आज से जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक शुरू हो गई है।
इस बैठक में मुख्य रूप से जीएसटी दरों में बदलाव और टैक्स स्लैब्स की दर को घटाने पर विचार किया जाएगा। जीएसटी की दरों में कमी का सीधा फायदा आम आदमी को होगा। कई रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दाम कम होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
पीएम मोदी ने दिए थे बदलाव के संकेत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लागू जीएसटी दरों में बदलाव करने के संकेत स्वतंत्रता दिवस पर दिए थे। लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अब समय है कि जीएसटी की दरों में बदलाव किया जाए। उन्होंने कहा था कि उनके पास कई ऐसी शिकायतें पहुंची हैं, जहां कई जरूरी वस्तुओं पर अधिक जीएसटी दर लगाई गई है। उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए थे कि दरों में संशोधन का सीधा लाभ आम आदमी की जेब पर पड़ेगा और उसे काफी राहत मिलेगी।
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जीएसटी काउंसिल की बैठक आज
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक बुधवार, 3 सितंबर से दिल्ली में शुरू हो चुकी है। इस बैठक में जीएसटी काउंसिल सदस्य वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में जीएसटी की नई दरों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। बैठक के बाद बदलाव पर जो निर्णय होगा, उसे जानने के लिए लोग उत्सुक हैं।
दो दिवसीय बैठक के बाद वित्त मंत्री देश को संबोधित करेंगी,वे जीएसटी दरों में बदलाव की जानकारी देंगी। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही संकेत दे चुके हैं कि इस बार दरों में संशोधन का लाभ आम आदमी को मिलेगा।
GST क्या है? (What is GST?)
जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) प्रणाली है, जो एकीकृत तरीके से भारत में सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक ही टैक्स लागू करता है। इसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के राज्य और केंद्रीय करों को एक साथ जोड़ना और व्यापार को सरल बनाना है। इसे 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था, और तब से इसमें कई बार बदलाव किए गए हैं।
वर्तमान में जीएसटी की यह हैं दरें
वर्तमान में, जीएसटी की दरें चार अलग-अलग स्लैब्स में लागू होती हैं – 5%, 12%, 18%, और 28%। इस प्रस्तावित सुधार में इन स्लैब्स को घटाकर सिर्फ दो स्लैब में लाने की योजना है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, कुछ वस्तुओं पर विशेष दरें लागू की जाएंगी, लेकिन आम तौर पर यह सुधार कपड़ा, खाद्य पदार्थ, और अन्य बुनियादी वस्तुओं के लिए लागू होगा।
जीएसटी दरों में बदलाव और इसके फायदे को ऐसे समझेंजीएसटी काउंसिल की बैठक: जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक आज से शुरू हो रही है, जिसमें जीएसटी स्लैब में बदलाव और दरों में संशोधन पर चर्चा होगी। टैक्स स्लैब में बदलाव: केंद्र सरकार 4 टैक्स स्लैब्स (5%, 12%, 18%, और 28%) को घटाकर केवल 5% और 18% स्लैब में समाहित करने की योजना बना रही है। सस्ते होंगे रोजमर्रा के सामान: जीएसटी में बदलाव से दूध, पनीर, साबुन, तेल, चिप्स, टीवी, एसी, और कार-बाइक जैसी चीजों की कीमतों में कमी हो सकती है। शैक्षिक सामग्री पर जीएसटी में छूट: शिक्षा से जुड़े सामान जैसे मानचित्र, एटलस और लैब नोटबुक्स पर जीएसटी को समाप्त करने का प्रस्ताव है। छोटे उद्योगों को मिलेगा लाभ: इन सुधारों से छोटे उद्योगों को राहत मिल सकती है, साथ ही अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और सुधार होगा। |
जीएसटी सुधारों से क्या सस्ता होगा?
केंद्र सरकार ने जीएसटी के तहत चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, और 28%) को घटाकर केवल दो स्लैब (5% और 18%) रखने की योजना बनाई है। इसके तहत रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे दूध, पनीर, साबुन, तेल, कपड़े, चिप्स, पास्ता, और अन्य खाद्य पदार्थ सस्ते हो सकते हैं। इसके साथ ही, टेलीविजन (TV), एयर कंडीशनर (AC), मोबाइल फोन, और कार-बाइक की कीमतों में भी कमी आ सकती है।
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दूध और पनीर पर घटेगा जीएसटी स्लैब
जिन खाद्य उत्पादों को 12% जीएसटी के दायरे में रखा गया है, उन्हें अब 5% स्लैब में लाने की तैयारी है। इसमें पैकेज्ड फूड्स जैसे नमकीन, चिप्स, जैम, किचप, कंडेन्स्ड मिल्क, घी, मक्खन, और दूध से बने बेवरेजेस शामिल हैं। इसका मतलब है कि इन उत्पादों की कीमतों में कटौती हो सकती है, जिससे आम जनता को फायदा होगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन पर टैक्स में कमी
मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, और एसी जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर लागू जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, छोटी कारों और दोपहिया वाहनों पर भी टैक्स में कमी हो सकती है, जिससे इनके दाम में 10% तक की गिरावट हो सकती है।
जीएसटी स्लैब में इन चीज को रखा जाएगा जीरो?
कुछ वस्तुओं को जीरो जीएसटी स्लैब में लाने की भी योजना है। इनमें खाद्य उत्पाद जैसे UHT दूध, प्री-पैकेज्ड पनीर, पिज्जा ब्रेड, और रोटी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, शिक्षा से जुड़े सामान जैसे मानचित्र, एटलस, और शैक्षणिक चार्ट को भी जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है।
गरीब वर्ग और छोटे उद्योगों को फायदा पहुंचाना लक्ष्य
जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी सुधारों का मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को खोलना है। उन्होंने बताया कि जीएसटी दरों में बदलाव से अर्थव्यवस्था में अधिक पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही देश के करोड़ों कमजोर वर्ग के लोगों को महंगाई से काफी राहत मिलेगी। इस बदलाव का फायदा देश के छोटे उद्योगों को भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि जीएसटी दरों में कमी के चलते रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें घटेंगी।
क्या होंगे जीएसटी रिफॉर्म्स के फायदे?
सामान की सस्ती कीमतें: दूध, चिप्स, टीवी, एसी, और कार-बाइक जैसी चीजें सस्ती हो सकती हैं।
साधारण कर संरचना: टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर इसे अधिक सरल और पारदर्शी बनाया जा रहा है।
छोटे उद्योगों को लाभ: छोटे व्यवसायों को जीएसटी में सुधार से आर्थिक मदद मिल सकती है।
उपभोक्ताओं को राहत: इन बदलावों से आम आदमी को प्रत्यक्ष फायदा मिलेगा।
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