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Photograph: (the sootr)
ब्लड शुगर (Blood Sugar) के असर के बारे में सोचते समय, ज्यादातर लोग डायबिटीज (Diabetes) और इससे जुड़ी जटिलताओं जैसे आँखों की बीमारी, किडनी की समस्या, दिल की बीमारियों या पैरों के कटने जैसी परेशानियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन हाल के शोध में यह सामने आया है कि डायबिटीज का एक और गंभीर प्रभाव हमारे दिमाग पर पड़ सकता है। यह धीरे-धीरे हमारी याददाश्त और संज्ञानात्मक क्षमता को नुकसान पहुँचाता है। डॉक्टर्स का कहना है कि अब हमें केवल शरीर की बीमारियों का इलाज नहीं करना चाहिए, बल्कि दिमाग की सेहत पर भी ध्यान देना चाहिए।
धीरे-धीरे होता है डायबिटीज का मस्तिष्क पर असर
चिकित्सकों के अनुसार आमतौर पर डायबिटीज से किडनी, आंखों की समस्या जैसी बीमारियां सामने आती है। लेकिन नए शोध के अनुसार डायबिटीज धीरे-धीरे मस्तिष्क पर भी प्रभाव डाल रही है।
डाॅक्टरों के अनुसार इंसुलिन केवल शुगर को ही नियंत्रित नहीं करता बल्कि हमारे मस्तिष्क की सेहत के लिए भी बेहद जरूरी है। जब मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं मिलता है, तो उसी सेहत खराब होने लगती है।
डॉक्टरों ने पुणे की 62 वर्षीय मीना का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि समय के साथ डायबिटीज के कारण मीना की याददास्त कमजोर होती जा रही है। शुरुआत में इसे बढ़ती उम्र से जोड़कर देखा गया, लेकिन रिसर्च के बाद इसका कारण डायबिटीज सामने आया।
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भारत में 100 मिलियन डायबिटीज के मरीज
भारत में 100 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं, और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। एक 2021 में की गई यूरोपीय शोध में पाया गया कि जो लोग 35 से 55 वर्ष के बीच थे, उन पर डायबिटीज का असर उनकी उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता गया।
लंबे समय तक ब्लड शुगर (Blood Sugar) के हाई लेवल पर रहने से दिमाग में महत्वपूर्ण गिरावट का जोखिम भी बढ़ जाता है। डॉक्टर उधय फड़के का कहना है कि 40 के दशक में डायबिटीज से पीड़ित लोग पहले से ही ब्रेन फॉग और भूलने की आदतों से जूझ रहे हैं।
डायबिटीज के कारण मस्तिष्क में बदलाव
डायबिटीज मस्तिष्क को कई तरीकों से प्रभावित करता है। यह सूजन (Inflammation) पैदा करता है, मस्तिष्क को रक्त आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और मस्तिष्क की क्षमता को भी बाधित करता है कि वह amyloid-beta जैसे विषाक्त प्रोटीनों को बाहर कर सके, जो अल्जाइमर का एक प्रमुख लक्षण है। समय के साथ, यह विषाक्त प्रोटीनों का जमाव नर्व सेल की मृत्यु और याददाश्त की हानि को बढ़ाता है।
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ऐसे करें मस्तिष्क की सेहत में सुधार?
आहार: एक अच्छे आहार का पालन करें जो मस्तिष्क की सेहत के लिए लाभकारी हो। ऐसा आहार जो पत्तेदार साग, साबुत अनाज, नट्स और स्वस्थ वसा से भरपूर हो, मस्तिष्क के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह आहार रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है और न्यूरॉन को संरक्षित करता है।
व्यायाम: व्यायाम, विशेषकर एरोबिक्स और ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम, इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं और मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक BDNF (Brain-Derived Neurotrophic Factor) प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाते हैं।
मधुमेह के दवाएं: मधुमेह की दवाएं जैसे मेटफॉर्मिन (Metformin) और नए दवाएं जैसे GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट्स (Semaglutide) भी मस्तिष्क की सेहत को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हमें जल्दी कार्रवाई करनी चाहिए और रक्त शर्करा को नियंत्रित करके मस्तिष्क को सुरक्षित रखना चाहिए।
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