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Photograph: (the sootr)
बाढ़ और बारिश के कारण देश का उत्तरी क्षेत्र खासा प्रभावित है। देश के उत्तरी राज्यों में बाढ़, बारिश और लैंडस्लाइड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पंजाब में जहां फसलें पानी में चार-चार फीट तक डूबी हैं, तो उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन के गली-मोहल्लों में गंगा-यमुना का पानी पहुंच गया है।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अभी भी कई प्रमुख मार्ग लैंडस्लाइड के कारण बंद हैं। छत्तीसगढ़ के रायपुर एयरपोर्ट पर बिजली गिरने से कई फ्लाइट्स कैंसल करनी पड़ीं।
मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर थम गया है, जबकि कुछ जिलों में हल्की बारिश रिकॉर्ड की गई। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती घेरा अगले 4-5 दिन सक्रिय रहेगा, जिसके असर के चलते देश के तटीय और मध्य भारत में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश सहित ओडिशा में अगले एक-दो दिन भारी बारिश की संभावना जताई है।
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मथुरा-वृंदावन में बाढ़ के कारण बिगड़ी स्थिति
उत्तर भारत में मानसून की भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में 50% क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हो गया है। राधा वल्लभ मंदिर में पानी घुसने से श्रद्धालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इसके अलावा, गंगा और यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर ने स्थिति को और विकट बना दिया है। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद इन क्षेत्रों में बाढ़ की चपेट में आए लोगों को राहत की उम्मीदें भी धूमिल हो गई हैं।
मुख्य तथ्य:
मथुरा और वृंदावन में 50% क्षेत्र बाढ़ की चपेट में।
राधा वल्लभ मंदिर में पानी भर गया।
गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ा।
हरियाणा के घग्गर ड्रेन में दरार: 300 एकड़ फसल डूबी
हरियाणा के सिरसा में घग्गर ड्रेन में भारी कटाव हुआ है, जिससे 300 एकड़ फसल डूब गई। यह घटना बुधवार को घटी, जब ड्रेन में करीब 50 फीट चौड़ी दरार आ गई। इस दरार से किसानों को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि बारिश के कारण पहले ही उनकी फसलें प्रभावित हो चुकी थीं। इस क्षेत्र में फसलों के डूबने से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।
मुख्य तथ्य:
सिरसा में घग्गर ड्रेन में 50 फीट चौड़ी दरार आई।
300 एकड़ फसल डूबी।
प्रभावित क्षेत्र में किसानों की हालत खराब।
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हिमाचल प्रदेश में अबतक कुल 380 मौतें
हिमाचल प्रदेश में आगामी 72 घंटों के लिए मौसम विभाग ने कई जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है, क्योंकि वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय हो रहा है। 1 जून से 10 सितंबर के बीच राज्य में कुल 380 मौतें हुई हैं, जिनमें 76 लोगों की जान बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड से गई।
इसके अलावा, 40 लोग अभी भी लापता हैं। हाल ही में हुई बारिश के कारण चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग और 582 सड़कों पर यातायात बाधित है। राज्य में लगातार बारिश और इसके प्रभाव से स्थिति गंभीर बनी हुई है।
हुड्डा ट्रैक्टर चलाकर जलभराव इलाके में पहुंचे
हरियाणा के यमुनानगर में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार को जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और ट्रैक्टर चलाकर स्थिति को देखा। उन्होंने कहा कि राज्य में बाढ़ से भारी तबाही हुई है और यह पूरी तरह से सरकार की नाकामी है। उन्होंने किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की।
वहीं, महेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक राव दान सिंह ने भिवानी के सागवान और बीरण गांवों का दौरा किया और नाव पर सवार होकर जलभराव का निरीक्षण किया। सिरसा और फतेहाबाद में घग्गर ड्रेन में कटाव से 300 एकड़ फसल जलमग्न हो गई, जिसे ग्रामीणों ने मिट्टी से भरकर बंद किया।
एमपी के 20 जिलों में औसत से कम बारिश
मध्य प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में अब तक बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ है, खासकर मालवा-निमाड़ क्षेत्र जैसे इंदौर-उज्जैन संभाग में हालात खराब हैं। खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, शाजापुर और बड़वानी में 27 इंच बारिश भी नहीं हुई है।
हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर के दूसरे पखवाड़े में इन क्षेत्रों में भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। वर्तमान में मानसून ट्रफ, डिप्रेशन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं, लेकिन ये प्रदेश से दूर हैं, जिससे कुछ जिलों में ही बारिश हो रही है और बाकी क्षेत्रों में सूखा पड़ा हुआ है।
छत्तीसगढ़: रायपुर एयरपोर्ट का नेविगेशन सिस्टम फेल
छत्तीसगढ़ के रायपुर में बिजली गिरने के कारण एयरपोर्ट का नेविगेशन सिस्टम फेल हो गया। इससे 5 फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा। यह स्थिति यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनी, क्योंकि वे अपने निर्धारित गंतव्य तक नहीं पहुँच पाए। इस घटना ने यह दिखा दिया कि प्राकृतिक आपदाओं का असर केवल भूमि पर नहीं, बल्कि तकनीकी सिस्टम पर भी पड़ सकता है।
मुख्य तथ्य:
रायपुर एयरपोर्ट का नेविगेशन सिस्टम फेल हुआ।
5 फ्लाइट्स को डायवर्ट किया गया।
बिजली गिरने के कारण यह घटना हुई।
राजस्थान: बारिश थमी, कई जिलों में तापमान 4 डिग्री तक बढ़ा
राजस्थान में मानसून की बारिश का दौर समाप्त हो चुका है, और बुधवार को राज्य के सभी शहरों में तेज धूप रही। कई शहरों में दिन के तापमान में 1 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई, खासकर जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में। हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार 17 सितंबर से एक नया सिस्टम राजस्थान की ओर सक्रिय होगा, जिससे दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश का छोटा दौर शुरू हो सकता है। इस प्रणाली के प्रभाव से मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
अन्य राज्य प्रभावित
पंजाब: राहत सामग्री भेजी गई
गुजरात सरकार ने पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 700 टन राहत सामग्री भेजी है। राहत सामग्री में पानी, खाने के पैकेट्स, कपड़े और दवाइयां शामिल हैं। इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी राहत कार्यों में शामिल होने के लिए पंजाब रवाना हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश: फर्रुखाबाद में हाईवे पर बाढ़
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में बदायूं स्टेट हाईवे पर बाढ़ का पानी बह रहा था, जिससे एक युवक पानी में बहने लगा। वहां उपस्थित लोगों ने उसे किसी तरह बचा लिया, लेकिन यह घटना बाढ़ की गंभीरता को दर्शाती है।
गुजरात: बनासकांठा में 16 इंच बारिश
गुजरात के बनासकांठा जिले में पिछले तीन दिनों में 16 इंच से ज्यादा बारिश हुई है, जिससे दर्जनों गांव डूब गए हैं। अब बारिश थम चुकी है, लेकिन पानी अभी भी गांवों में जमा हुआ है।