Indian Railways : वेटिंग टिकट कंफर्म होगा या नहीं, जानिए रेलवे का सीक्रेट फॉर्मूला

भारतीय रेलवे के अनुसार, वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावना कई कारणों पर निर्भर करती है। जानिए इस सीक्रेट फॉर्मूले के बारे में, जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि टिकट कंफर्म होगा या नहीं।

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Jitendra Shrivastava
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indian-railways-waiting-ticket Photograph: (thesootr)

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रेलवे यात्रा में वेटिंग टिकट (Train Waiting Ticket) की समस्या आम है, खासकर त्योहारों और व्यस्त रूटों पर। हालांकि, रेलवे ने कुछ ऐसे आंकड़े जारी किए हैं, जिनसे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस वेटिंग टिकट के कंफर्म होने की संभावना अधिक है। कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म यह अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन भारतीय रेलवे ने इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े और फॉर्मूले साझा किए हैं।

कंफर्मेशन की संभावना पर असर डालने वाले कारण

रेलवे के अनुसार, लगभग 21% यात्री बुकिंग के बाद अपने टिकट को कैंसिल कर देते हैं। इसके अलावा, 4-5% यात्री ऐसे होते हैं जो ट्रेन यात्रा पर नहीं जाते, बावजूद इसके कि उनका टिकट कंफर्म हो चुका होता है। इन दो कारणों से खाली सीटें बनती हैं, जिन्हें वेटिंग लिस्ट वाले यात्री प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, रेलवे के पास एक इमरजेंसी कोटा भी होता है, जो किसी खास स्थिति में उपयोग किया जाता है। यदि यह कोटा खाली बचता है, तो इसे वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को भी दिया जा सकता है।

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वेटिंग टिकट कंफर्म होने के लिए एक सीक्रेट फॉर्मूला

रेलवे के अनुसार, स्लीपर कोच में कुल 72 सीटें होती हैं, जिसमें से औसतन 21% यात्री अपने टिकट को कैंसिल कर देते हैं। इससे लगभग 15 सीटें खाली हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त, 4-5% यात्री सफर नहीं करते, जिससे 3-4 और सीटें खाली हो सकती हैं। इस प्रकार, एक स्लीपर कोच में 18 सीटें खाली हो सकती हैं जो वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को मिल सकती हैं। 
अगर एक ट्रेन में 10 स्लीपर कोच हैं, तो उन 10 कोचों में कुल 180 सीटें (10 × 18) वेटिंग लिस्ट वालों को मिल सकती हैं। इसी तरह, एसी कोचों में भी कुछ सीटें कंफर्म हो सकती हैं।

वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावना कम क्यों ?

वेतन व त्योहारी सीजन में जब यात्री कम टिकट कैंसिल करते हैं, तो वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों के लिए सीटें खाली होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, व्यस्त रूट्स पर यह समस्या और बढ़ जाती है, क्योंकि इन रूट्स पर यात्री अधिक होते हैं और कैंसिलेशन की संख्या कम होती है।  स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावना अधिक रहती है क्योंकि इन कोचों में सीटों की संख्या ज्यादा होती है और टिकट कैंसिल होने की दर भी अधिक होती है।

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वेटिंग टिकट कंफर्म होने की संभावना कैसे बढ़ाएं?

  1. जल्दी टिकट बुक करें: यात्रा की तारीख तय होने पर जल्दी टिकट बुक करें। जितनी जल्दी बुकिंग होगी, वेटिंग लिस्ट की संभावना उतनी ही कम होगी।
  2. कम व्यस्त रूट पर यात्रा करें: यदि संभव हो, तो कम व्यस्त रूट पर यात्रा करने की कोशिश करें, ताकि वेटिंग लिस्ट कम हो।
  3. फ्लेक्सिबल यात्रा तारीखें: यदि आपकी यात्रा की तारीखें फ्लेक्सिबल हैं, तो आप विभिन्न तारीखों पर टिकट बुक करने की कोशिश कर सकते हैं।
  4. वेटिंग स्टेटस चेक करते रहें: रेलवे की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर नियमित रूप से अपनी वेटिंग लिस्ट स्टेटस चेक करें ताकि आपको अपडेट मिलता रहे।



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