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Photograph: (THESOOTR)
भारतीय नौसेना ने हाल ही में एक और महत्वपूर्ण स्वदेशी युद्धपोत INS माहे को अपनी ताकत में शामिल किया है। यह युद्धपोत, जिसे ‘साइलेंट हंटर’ के नाम से जाना जाता है, दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम है।
मुंबई में आयोजित एक विशेष समारोह में इसे भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया। इस युद्धपोत का निर्माण पूरी तरह से भारत में किया गया है और यह देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
INS माहे की विशेषता यह है कि यह उथले पानी में भी अत्यधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकता है। खासकर तटीय इलाकों और समुद्री रास्तों की सुरक्षा के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इस लेख में हम INS माहे के डिजाइन, क्षमताओं, और इसके महत्व को विस्तार से जानेंगे।
INS माहे का डिजाइन और विशेषताएं....
1. उथले पानी में संचालन
INS माहे को विशेष रूप से उथले पानी में संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका उद्देश्य तटीय इलाकों की सुरक्षा और दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाना है। यह युद्धपोत शैलो वॉटर यानी कम गहराई वाले समुद्री क्षेत्रों में भी उच्च सटीकता के साथ ऑपरेशन कर सकता है।
2. स्वदेशी निर्माण
INS माहे का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा भारत में ही तैयार किया गया है। यह 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का एक मजबूत उदाहरण है। युद्धपोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) द्वारा किया गया है।
3. साइलेंट हंटर की पहचान
INS माहे को ‘साइलेंट हंटर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका मुख्य कारण है इसका शोर-रहित संचालन। यह युद्धपोत स्टेल्थ टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है, जिससे यह दुश्मन की निगरानी प्रणाली से बचकर, चुपचाप पनडुब्बियों का पता लगाने और ट्रैक करने में सक्षम होता है।
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INS माहे ऐसे देगा सुरक्षा...
1. कोस्टल डिफेंस (Coastal Defense)
INS माहे को तटीय सुरक्षा में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह समुद्री रास्तों को सुरक्षित रखने और दुश्मन के हमलों को रोकने में मदद करेगा।
2. पानी के नीचे निगरानी (Underwater Surveillance)
यह युद्धपोत पनडुब्बियों की तलाश में अत्यधिक कुशल है। इसका उपयोग दुश्मन पनडुब्बियों की खोज करने, उनका पीछा करने और उन्हें नष्ट करने के लिए किया जाएगा।
3. माइन ड्रॉपिंग (Mine Dropping)
INS माहे माइन ड्रॉपिंग की क्षमता से भी लैस है, जिससे यह समुद्र में दुश्मन के किसी भी प्रकार के खतरे से निपटने में सक्षम होगा।
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INS माहे का नामकरण
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INS माहे का नाम पुडुचेरी के माहे शहर से लिया गया है, जो भारत के मालाबार तट पर स्थित है। यह शहर समुद्री इतिहास और तटीय संस्कृति का प्रतीक है। इसके नामकरण से भारतीय नौसेना की समुद्री परंपरा और तटीय सामरिक महत्व को भी दर्शाया गया है।
INS माहे की गति और फुर्ती
INS माहे को तेज, फुर्तीला और अत्यधिक गतिशील युद्धपोत के रूप में डिज़ाइन किया गया है। इसका उच्च गति और लचीलापन इसे तटीय इलाकों और उथले पानी में बेहद प्रभावी बनाता है। यह युद्धपोत तटीय क्षेत्रों में तेजी से गश्त कर सकता है और दुश्मन के जहाजों या पनडुब्बियों का तुरंत पता लगा सकता है।
क्यों कहा जाता है ‘साइलेंट हंटर’
INS माहे का नाम ‘साइलेंट हंटर’ इसलिए रखा गया क्योंकि यह बेहद कम शोर में काम करता है। इसकी स्टेल्थ क्षमता और शोर-रहित इंजन इसे दुश्मन की निगरानी से बचकर, बिना किसी चेतावनी के दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगाने में सक्षम बनाते हैं।
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