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Photograph: (THESOOTR)
NATIONAL DESK. भारत के जम्मू-कश्मीर प्रदेश में चूना पत्थर (limestone) की खदानों की नीलामी होने जा रही है। यह नीलामी प्रदेश के इतिहास में पहली बार हो रही है और यह भारतीय खनन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार ने इस निर्णय को देश के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में देखा है। इन खदानों से निकलने वाले चूना पत्थर का उपयोग सीमेंट उद्योग, निर्माण कार्य और अन्य औद्योगिक गतिविधियों में किया जाएगा।
यह नीलामी न केवल जम्मू-कश्मीर, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि इससे प्रदेश को राजस्व प्राप्त होगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस लेख में हम जम्मू-कश्मीर की इस नीलामी प्रक्रिया, इसके महत्व, और संभावित प्रभावों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
चूना पत्थर खदानों की नीलामी...
1. पहली बार नीलामी
जम्मू-कश्मीर में चूना पत्थर की खदानों की नीलामी पहली बार 1957 के माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (MDMR) एक्ट के तहत हो रही है। यह नीलामी राज्य के खनन इतिहास में एक नई शुरुआत है। इस नीलामी के तहत 7 खदानों की नीलामी की जाएगी, जो अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में स्थित हैं।
2. खदानों की कैटेगरी
इन खदानों को G3 और G4 श्रेणियों में बांटा गया है। G3 श्रेणी का मतलब है कि कुछ खदानों में चूना पत्थर का पर्याप्त भंडार पाया गया है, जबकि G4 श्रेणी में खदानों में चूना पत्थर की तलाश अभी भी चल रही है। इन खदानों का क्षेत्रफल करीब 314 हेक्टेयर है, जो व्यापक खनन गतिविधियों के लिए उपयुक्त है।
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जम्मू-कश्मीर की खदानों का महत्व...
1. सीमेंट उद्योग के लिए चूना पत्थर
जम्मू-कश्मीर की खदानों से निकाला जाने वाला चूना पत्थर सीमेंट उद्योग ( cement industry ) के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। चूना पत्थर में CaCO₃ (कैल्शियम कार्बोनेट) की उच्च मात्रा होती है, जो सीमेंट बनाने में इस्तेमाल होती है।
इन खदानों से पूरे देश की बड़ी सीमेंट कंपनियों को कच्चा माल प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए, जेके सीमेंट और अल्ट्राटेक जैसी कंपनियां यहां से चूना पत्थर खरीदती हैं।
2. आर्थिक विकास और रोजगार
इस नीलामी से जम्मू-कश्मीर में रोजगार (employment) के नए अवसर उत्पन्न होंगे। खनन कार्यों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, साथ ही इससे छोटे उद्योगों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश के लिए यह नीलामी आय का एक बड़ा स्रोत बनेगी, जिससे राज्य के आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।
3. देश को मिलेगा लाभ
जम्मू-कश्मीर के खनिज संसाधनों से न केवल प्रदेश को, बल्कि पूरे देश को भी लाभ होगा। इससे राजस्व (revenue) बढ़ेगा, जो केंद्र और राज्य सरकारों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने में मदद करेगा। यह देश के 2047 के लक्ष्य, यानी विकसित भारत (Developed India) के निर्माण में योगदान देगा।
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नीलामी के आयोजन में शामिल नेता
नीलामी का आयोजन केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में होगा। इस आयोजन में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी भी शामिल होंगे। यह नीलामी पूरी तरह से ऑनलाइन होगी, और इसकी निगरानी खुद मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
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जम्मू-कश्मीर में खदानों का भंडार...
1. ख्रेव खदान का महत्व
जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी चूना पत्थर खदान पुलवामा की ख्रेव खदान है, जो सीमेंट उद्योग के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल उपलब्ध कराती है। इस खदान को "सीमेंट सिटी ऑफ कश्मीर" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यहां से निकाले गए चूना पत्थर का उपयोग देश भर में सीमेंट निर्माण के लिए किया जाता है।
2. आधुनिक उपकरण से खनन
चूना पत्थर की खदानों में खनन कार्य में अत्याधुनिक उपकरण और तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस प्रक्रिया के द्वारा, खदानों से उच्च गुणवत्ता वाले चूना पत्थर को निकाला जाएगा, जिसका उपयोग निर्माण कार्यों में व्यापक रूप से किया जाएगा।
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