शराब घोटाला : केजरीवाल हटे तो संकट बढ़ेगा या सीएम बदलेगा

सीएम दावा करते रहें कि जेल जाने के बाद वह वहीं से सरकार चलाएंगे। लेकिन इस पूर्व नौकरशाह को मालूम है कि यह बयान उनके समर्थकों को खुश तो कर सकता है, सरकार की रक्षा नहीं कर सकता। उपराज्यपाल वीके सक्सेना स्पष्ट कर चुके हैं कि जेल से नहीं चलेगी दिल्ली सरकार।

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Dr Rameshwar Dayal
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CM arvind kejariwal
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NEW DELHI : शराब घोटाले ( Liquor scam ) के आरोपों में घिरे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( arvind kejriwal ) दावा कर रहे हैं कि अगर उन्हें जेल हुई तो वह जेल से ही सरकार (government from jail ) चलाएंगे। अपने स्वभाव के अनुरूप उन्होंने सनसनी पैदा करने के लिए यह बयान दे तो दिया, लेकिन पूरी संभावना है कि ऐसा करने पर उनकी सरकार के सामने गंभीर संकट खड़ा हो सकता है। सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री बदला तो कौन हो सकता है दिल्ली का सीएम। अभी तक की जो संभावनाएं हैं, उसके अनुसार सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल व सरकार के दो मंत्री आतिशी व सौरभ भारद्वाज के नाम ही सामने आ रहे हैं। लेकिन ‘आप’ को जो कैरेक्टर है, उस हिसाब से अंतिम वक्त में इस पार्टी में कुछ भी हो सकता है। दूसरी ओर केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ इंडिया गठबंधन दिल्ली में बड़ी रैली आयोजित कर रहा है। 

केजरीवाल जेल गए तो संकट बढ़ेगा

सीएम केजरीवाल दावा करते रहें कि जेल जाने के बाद वह वहीं से सरकार चलाएंगे। लेकिन इस पूर्व नौकरशाह को मालूम है कि यह बयान उनके समर्थकों को खुश तो कर सकता है, उनकी सरकार की रक्षा नहीं कर सकता। उसका कारण है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना स्पष्ट कर चुके हैं कि जेल से नहीं चलेगी दिल्ली सरकार। संविधान विशेषज्ञ मान रहे हैं कि केजरीवाल अगर जेल गए तो दिल्ली में संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा, ऐसे में उपराज्पाल के पास यह पावर है कि वह राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर सकते हैं। असली बात यह है कि आप नेता किसी भी हाल में दिल्ली की सत्ता नहीं छोड़ना चाहते, क्योकि ऐसा करने से पार्टी पर भी निगेटिव असर पड़ेगा और पार्टी का प्रचार भी बुरी तरह प्रभावित होगा। ऐसे में सरकार बचाने के प्रयास तो किए ही जाएंगे। 

संगठन नहीं केजरीवाल की ही चलेगी

तो सवाल यही है कि अरविंद हटे तो कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? क्या उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल पदभार संभाल लेंगी या सीएम के दो खास सिपहसालार आतिश या सौरभ भारद्वाज में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। दिल्ली की राजनीतिक समझ रखने वाले लोगों का कहना है कि असल में इन तीनों का कोई जनाधार नहीं है। आतिशी व सौरभ आंदोलन से उपजे नेता हैं तो सुनीता पर नजरे इसलिए जम रही हैं कि वह अरविंद की पत्नी है। असल में ये लोग अपने काम के बजाय सोशल मीडिया की बदौलत ही नेता बने हैं, इसलिए इनकी ही चर्चा हो रही है। अब देखना यह होगा कि हालिया हालात किस नेता की ओर इशारा कर रहे हैं। वैसे बता दें कि आम आदमी पार्टी में बहुत मजबूत संगठन नहीं है, बस जो केजरीवाल चाहेंगे, वही होगा। अगर पार्टी संगठन के जरिए सीएम चुनने की बात करती है तो उस पर लोग बहुत अधिक विश्वास नहीं करेंगे।

क्या सुनीता केजरीवाल पर दांव लगा सकती है AAP 

राननीतिक पंडितों का कहना है कि आप को लोगों की सहानुभूति तो चाहिए ही, साथ ही वह यह संदेश भी देना चाहेगी कि केजरीवाल की गैर-मौजूदगी में भी दिल्ली सरकार काम कर रही है। तो इस मामले में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल फिट नजर आती है। सोशल मीडिया की रिपोर्ट बताती हैं कि हाल में लोगों की रुचि सुनीता केजरीवाल में बढ़ी है और वे गूगल व सोशल मीडिया में उनके बारे में जानकारी रख रहे हैं। पंडितों का कहना है कि दिल्ली को जिस मिजाज के सीएम की जरूरत है, सुनीता में वे सभी गुण हैं। वह आईआरएस रह चुकी हैं। ग्रेसफुल लेडी हैं और उन्हें बोलने की समझ भी है। सबसे बड़ी बात है कि वह अरविंद केजरीवाल की पत्नी हैं। खास बात है कि उनको लेकर कोई विवाद नहीं है, दूसरे अगर वह सीएम बनती हैं तो पार्टी में या आप नेताओं में किसी तरह का विरोध भी नहीं होगा। दिल्ली की सीएम महिला होगी, वह पढ़ी-लिखी हैं और केजरीवाल की पत्नी हैं- ये बातें दिल्ली में आप की मजबूती को बनाए रखेंगी। 

सौरभ भारद्वाज या आतिशी में कौन मुफीद रहेगा 

अगर किसी वजह से सुनीता सीएम नहीं बनती हैं, जिसकी संभावना न के बराबर है तो कहा जा रहा है कि दिल्ली की आप सरकार के दो मंत्री सौरभ भारद्वाज या आतिशी में से किसी एक का भाग्य जाग सकता है। सौरभ पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वह लगातार तीन बार विधायक बनते आ रहे हैं। पहली और अब वर्तमान आप सरकार में वह मंत्री हैं। आतिशी साल 2013 से ही पार्टी से जुड़ी हैं, लेकिन व वर्ष 2020 में पहली बार ही विधायक बनी थी और अब मंत्री भी हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग उनको खूब जानते और खोजते हैँ, जबकि सौरभ की ख्याति इस मामले में कम है। अगर कुछ इनमें से किसी एक का चयन होगा तो संभावना है कि आतिशी ही दिल्ली की सीएम बनाई जाएंगी।  

गिरफ्तारी के खिलाफ कल रैली

दूसरी ओर केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में कल इंडिया गठबंधन ने बड़ी रैली बुलाई है। इसका नेतृत्व आम आदमी पार्टी और कांग्रेस करेंगे। लेकिन बताते हैं कि दोनों के मुद्दे अलग अलग हैं। आप की तरफ से बांटे जा रहे निमंत्रण पत्र में केजरीवाल की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाते हुए रैली में पहुंचने का आह्वान किया है, जबकि कांग्रेस के अनुसार लोकतंत्र को बचाने का मुद्दा बताया जा रहा है। असल में कांग्रेस इस रैली को लेकर गंभीर नहीं थी, लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में उसका गठबंधन है, इसलिए वह इसमें शामिल हो रही है। बताते हैं कि रैली में शामिल होने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व में चर्चा हुई थी कि कांग्रेस को अपनी सीटों से मतलब रखना चाहिए। हो सकता है कि वर्तमान हालात से कांग्रेस को फायदा हो। इसलिए रैली में भी कांग्रेस को लीड लेनी होगी। 

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