Lok Sabha Election के बीच सरकार का बड़ा फैसला, प्याज एक्सपोर्ट से बैन हटाया

लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया है। अब एक हजार किलो प्याज 45 हजार 800 रुपए से कम में नहीं बेच सकेंगे। साथ ही सरकार ने 40% निर्यात शुल्क लगाने का भी फैसला लिया है

Advertisment
author-image
Vikram Jain
New Update
Lok Sabha Elections Modi government decision lift onion export ban minimum export price
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

NEW DELHI. लोकसभा चुनाव के बीच मोदी सरकार (Modi government) ने प्याज के निर्यात से शनिवार को बैन हटा दिया। अब एक हजार किलो प्याज 45 हजार 800 रुपए से कम में नहीं बेच सकेंगे। सरल कहे तो बाजार में 45 रुपए से कम में प्याज नहीं बिकेंगी। यह आदेश शनिवार से ही लागू हो गया है और अगले आदेश तक मान्य रहेगा। इसके अलावा सरकार ने प्याज निर्यात (onion export) पर 40% निर्यात शुल्क लगाने का भी फैसला लिया है। पिछले साल दिसंबर में जब प्याज की कीमत 70 से 80 रुपए पहुंच गई थी तब सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था।

40% निर्यात शुल्क लगाने का भी फैसला

सरकार ने प्याज निर्यात पर लगी रोक पर लगी को हटाते हुए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (minimum export price

) 550 डॉलर यानी करीब 45,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन तय किया है। यानी जो प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा, उसकी कीमत मिनिमम 45,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन होना जरूरी है। इसके अलावा सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% निर्यात शुल्क लगाने का भी फैसला लिया है।

ये खबर भी पढ़ें... 

इकलौते बेटे को खोया , अब अस्थियां नहीं मिल रहीं...मां की आंखों से झिरते आंसू, पिता की एड़ियां घिस गईं

बमकांड पर सुमित्रा महाजन बोलीं- लोग कह रहे वह NOTA चुनेंगे, BJP का किया अच्छा नहीं लगा

सरकार के फैसले पर सियासत

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बीच तीसरे चरण की वोटिंग से पहले मोदी सरकार के इस फैसले पर सियासत भी शुरू हो गई है। विपक्षी दल के नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। शेतकारी संगठन के नेता अनिल घनवत ने दावा किया कि प्रतिबंध वापस लेने से प्याज उत्पादकों को शायद ही कोई फायदा होगा। दरअसल, अगले चरण में आगामी फेज में सबसे ज्यादा प्याज उत्पादन वाले राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में चुनाव होने हैं। महाराष्ट्र के नासिक, कोल्हापुर, अहमदनगर, धुले, पुणे, मराठवाड़ा, शिरूर, शिरडी, छत्रपति संभाजीनगर, बीड और डिंडोरी लोकसभा सीटें शामिल हैं। यहां पर प्याज उत्पादकों का एक बड़ा वर्ग है। 

ये खबर भी पढ़ें... 

Jitu Patwari पर 5 दिन में तीसरा केस दर्ज, जानें अब क्या है मामला

निर्यात पर रोक से नाराज थे किसान

बता दे कि प्याज के निर्यात पर बैन से किसान काफी नाराज थे। लंबे समय से केंद्र सरकार से इसे हटाने की मांग कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री डॉ. भारती पवार, सांसद डॉ. सुजय विखे पाटिल और हेमंत गोडसे सहित कई बड़े नेता प्याज उत्पादक बेल्ट से चुनाव मैदान में हैं। निर्यात पर प्रतिबंध ने इन्हें बैकफुट पर भेज दिया था। कांग्रेस ने पिछले महीने मोदी सरकार पर प्याज निर्यात पर प्रतिबंध के कारण महाराष्ट्र के किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था।

ये खबर भी पढ़ें... 

सीएम मोहन यादव ने जीएसटी को लेकर व्यापारियों से कही ये बड़ी बात

नवरात्रि के बाद तेजी से बढ़े थे प्याज के दाम

अक्टूबर में नवरात्रि के बाद देशभर में प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ने लगीं और केवल एक हफ्ते में दोगुने से ज्यादा बढ़ गईं थीं। जिसके बाद सरकार ने कंज्यूमर्स के ऊपर बोझ कम करने के लिए 27 अक्टूबर से नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन (National Cooperative Consumer Federation) और नेफेड जैसे सरकारी बिक्री केंद्रों के जरिए 25 रुपए किलो के रेट से प्याज की बिक्री शुरू की थी।

Lok Sabha elections मोदी सरकार नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस प्याज निर्यात National Cooperative Consumer Federation minimum export price onion export Modi government लोकसभा चुनाव