मणिपुर में हाल ही में एक ठगी का मामला सामने आया है, जहां अज्ञात व्यक्तियों ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र जय शाह बताकर विधायकों को फोन किया और मंत्री पद के बदले 4 करोड़ रुपये की मांग की। इस घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
विधायकों को फर्जी कॉल्स
मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत सिंह समेत कई विधायकों को अज्ञात नंबरों से कॉल आए, जिनमें कॉल करने वालों ने खुद को जय शाह बताया। उन्होंने विधायकों को मंत्री पद देने के बदले 4 करोड़ रुपये की मांग की। सत्यव्रत सिंह ने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप पर बार-बार कॉल आ रहे थे, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को जय शाह बताते हुए सरकार बनाने के लिए 4 करोड़ रुपये की मांग की।
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पुलिस की कार्रवाई
मणिपुर पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4) और 319(2) के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा विधायकों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है, और इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में भी ठगी का प्रयास
इससे पहले, उत्तराखंड में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं, जहां अज्ञात व्यक्तियों ने खुद को जय शाह बताकर भाजपा विधायकों से पैसे की मांग की थी। हरिद्वार के रानीपुर से विधायक आदेश चौहान को 14 फरवरी की रात एक कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को जय शाह बताते हुए पार्टी फंड में 5 लाख रुपये की मांग की थी। विधायक ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी, और जांच जारी है।
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फायदा उठाने की कोशिश
मणिपुर में हाल ही में राजनीतिक अस्थिरता के बीच, ठगों ने इस स्थिति का फायदा उठाकर विधायकों को गुमराह करने की कोशिश की। 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया है, और नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
सावधानी की आवश्यकता
इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि राजनीतिक व्यक्तियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। अज्ञात कॉल्स और संदेशों के प्रति सतर्क रहना, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को देना आवश्यक है। पुलिस और संबंधित अधिकारियों को भी इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों के प्रति सतर्क रहकर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।