पेट्रोल और डीजल की कीमतें : जानिए सरकार कितना टैक्स वसूलती है और कैसे तय होती हैं!

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में टैक्स का महत्वपूर्ण योगदान है। सरकार विभिन्न प्रकार के टैक्स वसूलती है, और कीमतों के निर्धारण के पीछे एक जटिल प्रक्रिया होती है। 

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
thesootr

petrol-diesel-tax Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन देशभर में बदलती रहती हैं, और इसके पीछे विभिन्न घटक होते हैं जिनका टैक्स निर्धारण में बड़ा हाथ है। आजकल, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में, सऊदी अरब द्वारा वैश्विक तेल कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, भारत में भी पेट्रोल डीजल की कीमतें प्रभावित हो रही हैं। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कौन-कौन से टैक्स जुड़ते हैं और ये कीमतें कैसे तय की जाती हैं।

thesootr

पेट्रोल और डीजल की कीमतों के घटक 

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मुख्य रूप से चार प्रमुख घटकों पर निर्भर करती हैं

कच्चे तेल का बेस प्राइस

कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बदलती रहती हैं। जब कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होती है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी वृद्धि होती है।

ये खबरें भी पढ़ें... 

7 हार्ट पेशेंट की मौत का आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम प्रयागराज से गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में 108 एम्बुलेंस दौड़ा रही छत्तीसगढ़ की कंपनी नहीं चुका रही रोड टैक्स

एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty):

पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स को एक्साइज ड्यूटी कहते हैं। हाल ही में, केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि की है। इसके बाद पेट्रोल पर 13 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूली जाएगी।

  • डीलर का कमीशन 

तेल डीलरों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर कमीशन मिलता है। यह कमीशन हर राज्य और क्षेत्र के अनुसार बदलता है।

  • वैट 

पेट्रोल और डीजल पर राज्य सरकारें वैट वसूलती हैं। प्रत्येक राज्य में वैट की दर अलग होती है, जिससे देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर आता है। 

ये खबरें भी पढ़ें...

इंदौर में कन्फेक्शनरी व्यापारी गंगवानी एक्सपायरी माल से बना रहा था बच्चों की जैली

शिक्षक भर्ती परीक्षा 20 अप्रैल से, अब रिविजन का समय, 6 विषयों के होना है पेपर

सरकार द्वारा वसूला जाने वाला टैक्स

भारत में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स की संरचना बहुत जटिल है। अगर हम सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स को हटा दें, तो पेट्रोल की असली कीमत लगभग 55 रुपये प्रति लीटर होती है। 

  • क्रूड ऑयल की असली कीमत (Crude Oil Base Price): 40 रुपये प्रति लीटर
  • प्रोसेसिंग कॉस्ट (Processing Cost): 5.66 रुपये प्रति लीटर
  • फर फॉल इंफ्लेशन (Buffer Fall Inflation): 10 रुपये प्रति लीटर

इन सब जोड़ने के बाद पेट्रोल की असली कीमत लगभग 55.66 रुपये प्रति लीटर होती है, जो केवल कच्चे तेल की कीमत और प्रोसेसिंग लागत के आधार पर तय की जाती है।

पेट्रोल डीजल की कीमतों का निर्धारण कैसे होता है?

पेट्रोल और डीजल की कीमतें विभिन्न घटकों के आधार पर तय की जाती हैं, जिनमें केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स प्रमुख हैं। दिल्ली में हाल ही में पेट्रोल की कीमत का breakdown इस प्रकार था:

  • डीलर का कमीशन: 3.77 रुपये प्रति लीटर
  • केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी: 19.90 रुपये प्रति लीटर
  • राज्य सरकार का वैट: 15.39 रुपये प्रति लीटर
  • अंतिम कीमत: 94.72 रुपये प्रति लीटर

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव वैश्विक तेल बाजारों में होने वाली घटनाओं और वैश्विक आपूर्ति पर भी निर्भर करता है। 

पेट्रोल और डीजल पर टैक्स क्यों बढ़ाए जाते हैं?

भारत सरकार पेट्रोल और डीजल पर टैक्स वसूलने के लिए एक्साइज ड्यूटी, वैट और अन्य शुल्कों का इस्तेमाल करती है। इन टैक्सों से सरकार को राजस्व प्राप्त होता है, जिसका उपयोग विकास कार्यों और सार्वजनिक सेवाओं के लिए किया जाता है। 

साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल कीमतों की बढ़ोतरी के कारण भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल आता है। इस स्थिति को संभालने के लिए सरकार विभिन्न रणनीतियों को लागू करती है। 

पेट्रोल डीजल के दामों का अंतर

आपने देखा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें राज्यों में अलग-अलग होती हैं। इसका मुख्य कारण राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले वैट की दर है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में वैट दर ज्यादा होती है, जिससे पेट्रोल की कीमत वहां अधिक होती है। 

 

 

सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी टैक्स पेट्रोल डीजल रेट देश दुनिया न्यूज क्रूड ऑयल