कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के करोड़ों मेंबर्स के लिए 28 फरवरी 2025 एक अहम दिन हो सकता है। इस दिन होने वाली बैठक में PF पर मिलने वाले ब्याज दर में कटौती का फैसला लिया जा सकता है। यह फैसला लाखों कर्मचारियों के भविष्य निधि पर असर डाल सकता है। अगर ब्याज दर में कमी होती है तो यह कर्मचारियों की जमा राशि पर मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दर कम होने से भविष्य निधि पर मिलने वाली रिटर्न कम हो सकती है।
PF ब्याज दर में हो सकते हैं बदलाव?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक 28 फरवरी 2025 को होने जा रही है, जिसमें EPFO के करोड़ों मेंबर्स को मिलने वाली ब्याज दर को लेकर अहम निर्णय लिया जाएगा। यदि ब्याज दर में कमी होती है, तो यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, PF पर मिलने वाला ब्याज मौजूदा 8.25% से घटकर 8.2% या 8.25% के आसपास हो सकता है। यह बदलाव आने वाले महीनों में बॉन्ड यील्ड्स में गिरावट और निवेश में कमी के चलते हो सकता है।
EPFO में निवेश के आधार पर लिया जाएगा फैसला
EPFO के 2023-24 के सालाना रिपोर्ट के अनुसार, EPFO को 2.26 लाख करोड़ रुपये का योगदान मिला है, जो पिछले साल की तुलना में 6.54% अधिक है। हालांकि, इस साल 31 मार्च 2024 तक EPFO का कुल निवेश 15.29 लाख करोड़ रुपये था। EPFO की ब्याज दर पर फैसला इस निवेश के आधार पर लिया जाएगा, और इसकी निगरानी के लिए बैठकें आयोजित की गई हैं।
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क्यों हो सकती है PF ब्याज दर में कमी?
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार EPFO की निवेश समिति ने हाल ही में इस पर विचार किया था कि क्या ब्याज दर में कमी की जा सकती है। इसका कारण यह है कि हाल के महीनों में बॉन्ड यील्ड्स में गिरावट आई है, जो EPFO की आय पर असर डाल रही है। ऐसे में, बोर्ड इस मामले में चर्चा कर रहा है कि किस तरह से EPFO के रिटर्न्स को प्रभावित किए बिना ब्याज दर को कम किया जा सकता है।
पेंशन योजना में सुधार को लेकर होगी चर्चा
इस बैठक में PF के ब्याज दर पर चर्चा होने के अलावा, पेंशन को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है। EPFO के पेंशन स्कीम को लेकर कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सकता है, ताकि कर्मचारियों की पेंशन योजनाओं में सुधार किया जा सके।
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आम आदमी की वित्तीय योजनाओं पर पड़ेगा असर
EPFO के करोड़ों मेंबर्स के लिए यह एक महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है। अगर ब्याज दरों में कमी होती है, तो कर्मचारियों को उनकी जमा राशि पर मिलने वाला रिटर्न कम हो सकता है, जिससे उनकी वित्तीय योजनाओं पर असर पड़ेगा। यह बदलाव उन कर्मचारियों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होगा जो अपनी भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज पर निर्भर रहते हैं।