जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक हाई-लेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे।
इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय सेना को कार्रवाई का समय और लक्ष्य तय करने की पूरी स्वतंत्रता दी जाती है। उन्होंने कहा कि "आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है और हम सेना की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा विश्वास करते हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि सेना को सभी आवश्यक निर्णय लेने की पूरी परिचालन स्वतंत्रता है।
उच्चस्तरीय मीटिंग में हुई चर्चा
बैठक में प्रमुख रूप से पहलगाम हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति, आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशनों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई। पीएम मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमता को लेकर भरोसा जताया और उन्हें पूरी स्वायत्तता दी कि वे आतंकवादियों के खिलाफ कब, कहां और कैसे कार्रवाई करें।
बैठक में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह भी शामिल थे। यह बैठक लगभग 90 मिनट तक चली और इसमें सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
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22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम आतंकी हमला
22 अप्रैल 2024 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। यह हमला हाल के वर्षों में हुआ सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक था। हमले के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सुरक्षाबल आतंकवादियों की तलाश में जगह-जगह कॉम्बिंग ऑपरेशन चला रहे हैं।
हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का संदेह है, और इसके बाद भारतीय सरकार ने पाकिस्तान पर कई कड़े कदम उठाने का फैसला किया है।
पाकिस्तान पर पाबंदियां: सिंधु जल संधि स्थगित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर कई पाबंदियां लगाने का निर्णय लिया। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाएगा। यह पहली बार है जब भारत ने इस संधि को स्थगित किया है।
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सिंधु जल संधि पर भारत का कड़ा कदम
सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला भारत द्वारा उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक पाकिस्तान अपनी सीमा पार आतंकवाद की गतिविधियों को रोकने का संकल्प नहीं लेता। विदेश मंत्रालय ने इस फैसले के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक पाकिस्तान क्रॉस-बॉर्डर टेरेरिज्म को समर्थन देना बंद नहीं करता।
भारतीय सेना को मिली पूरी स्वतंत्रता
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता दी है कि वे आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई के समय और लक्ष्य का निर्धारण स्वयं करें। यह निर्णय भारतीय सेना को ऑपरेशनल स्वायत्तता देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के खिलाफ तेज और प्रभावी कार्रवाई करने में मदद करेगा।
प्रमुख बिंदु...
- सेना को मिली पूरी स्वतंत्रता: पीएम मोदी ने कहा, "सेना को टाइम और टारगेट तय करने की खुली छूट दी जाती है।"
- पहलगाम हमला: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 की मौत, दर्जनों घायल।
- सिंधु जल संधि स्थगन: पाकिस्तान के खिलाफ पहली बार भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित किया।
- आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई: आतंकवाद को करारा झटका देने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
पीएम मोदी हाईलेवल मीटिंग | सिंधु जल समझौता | पहलगाम में आतंकी हमला