/sootr/media/media_files/2025/09/20/rahul-gandhi-2025-09-20-23-16-45.jpg)
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। राहुल ने कहा कि उनके पास वोट चोरी के पुख्ता सबूत हैं और वे जल्द ही एक हाइड्रोजन बम फोड़ने वाले हैं, जो पूरी सच्चाई देश के सामने लाएगा। राहुल ने यह भी कहा कि चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरी करने वालों को बचा रहे हैं।
राहुल का मोदी सरकार पर आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि उनके पास वोट चोरी के पुख्ता सबूत हैं, और वे जल्द ही इनका खुलासा करेंगे। उनका दावा था, हमारे पास 100% सबूत हैं। जल्द ही हम एक 'हाइड्रोजन बम' फोड़ेंगे, जो पूरी सच्चाई देश के सामने रख देगा। उनका यह बयान भारतीय राजनीति में एक नया विवाद उत्पन्न कर सकता है, खासतौर पर मोदी सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ।
चुनाव आयुक्त पर आरोप
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयुक्त वोट चोरी करने वालों को बचा रहे हैं और आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6000 वोटरों के नाम काटने की कोशिश का मामला सीआईडी जांच में है। राहुल ने कहा कि यह जांच चुनाव आयुक्त की भूमिका पर सवाल उठाती है।
महादेवपुरा और आलंद में धांधली
राहुल ने महादेवपुरा और आलंद में हुई वोट जोड़ने और काटने की घटनाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही इन मुद्दों को उठाया था और इनपर पूरी जांच होनी चाहिए। उनका कहना था कि इस मामले में चुनाव आयोग की निष्कलंक भूमिका जरूरी है।
पहले राहुल गांधी ने लगाए थे ये आरोप
राहुल ने 18 सितंबर को आरोप लगाया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र को नष्ट कर रहे हैं। राहुल ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां कांग्रेस समर्थकों के वोट हटाए गए। उन्होंने कहा कि इन वोटर्स को हटाने के लिए दूसरे राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया। चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को गलत और निराधार बताया। आयोग ने कहा कि कोई भी नागरिक ऑनलाइन किसी का वोट डिलीट नहीं कर सकता।
ये भी लगाए थे आरोप
राहुल गांधी ने 7 अगस्त को वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया। राहुल ने स्क्रीन पर कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटर मौजूद हैं। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पुख्ता हुआ कि चुनाव में चोरी हुई है। मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं देने से हमें भरोसा हुआ कि EC ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र चुनाव चोरी किया है। हमने यहां वोट चोरी का एक मॉडल पेश किया। मुझे लगता है इसी मॉडल का प्रयोग देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुआ।