/sootr/media/media_files/2025/11/25/rape-vs-sex-difference-sc-2025-11-25-18-21-19.jpg)
Photograph: (thesootr)
NEW DELHI. सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि सहमति से बने संबंधों में ब्रेकअप पर रेप केस नहीं हो सकता। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने यह फैसला दिया है। शादी का झूठा वादा कर रेप के आरोपों के स्पष्ट सबूत होने चाहिए। अदालत ने आरोपी के खिलाफ दर्ज केस भी खारिज कर दिया।
बेंच ने कहा कि रिश्ते के अंत से रेप नहीं माना जा सकता। यदि सहमति से संबंध बने और ब्रेक अप हो, तो आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती। बेंच ने कहा, सहमति से बने संबंध अगर शादी में न बदलें, तो उसे अपराध नहीं माना जा सकता।
ये भी पढ़ें...प्रेमिका से संबंध बनाने के दौरान युवक ने तोड़ा दम, सेक्स पावर बढ़ाने के लिए खाई थी गोली
रेप और सहमति से सेक्स में फर्क
कोर्ट ने कहा कि रेप केस के लिए झूठे वादे का सबूत जरूरी है। यह भी दिखाना जरूरी है कि महिला ने वादे के कारण सहमति दी। बेंच ने कहा, रेप और सहमति से सेक्स में फर्क है।" कोर्ट को जांच करनी चाहिए कि आरोपी ने वाकई शादी का वादा किया था।
ये भी पढ़ें...एमपी में प्रेमिका के साथ पकड़ाया ASI, पुलिस चौकी के सामने बीवी ने चप्पलों से पीटा
जस्टिस ने दी चेतावनी
जज ने असफल रिश्तों में बलात्कार के प्रावधानों के गलत इस्तेमाल पर चेतावनी दी। बेंच ने पाया कि महिला शिक्षित है। महिला ने अपनी शादी के बावजूद सहमति से रिश्ता जारी रखा। कोर्ट ने कहा कि किसी भी घटना में जबरदस्ती का कोई संकेत नहीं मिला।
यौन संबंध सहमति से बने
आरोपी वकील ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि शिकायत बदले की भावना से की गई थी। वकील का आरोप था कि महिला ने डेढ़ लाख रुपए मांगने के बाद शिकायत की। आरोपी ने कहा कि तीन साल के रिलेशन में महिला ने कभी यौन हिंसा की शिकायत नहीं की थी।
कोर्ट ने पाया कि रिश्ते में कई बार मुलाकात हुई। यौन संबंध सहमति से बने, न कि धोखे से। बेंच ने कहा, शादी का वादा पूरा न होना अपराध नहीं है। उन्होंने कहा, रिश्ता तीन साल तक चला, जो लंबा समय है।
ये भी पढ़ें...सहमति से बने संबंध पर पॉक्सो और बलात्कार में काटनी पड़ी 4 साल की कैद, HC से मिला इंसाफ
हाईकोर्ट का फैसला खारिज
बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील के खिलाफ रेप केस खारिज करने से इनकार किया था। 2024 में छत्रपति संभाजीनगर में एफआईआर दर्ज कराई गई। शिकायतकर्ता एक शादीशुदा महिला थीं, जो पति से अलग रह रही थीं। उनकी मुलाकात वकील से 2022 में हुई थी। एक केस में सहयोग के दौरान दोनों की करीबी बढ़ी। इसके बाद शारीरिक संबंध बने।
महिला ने शिकायत की कि वकील ने शादी का वादा किया था। बाद में वकील ने शादी से इंकार किया। महिला के अनुसार, वह कई बार गर्भवती हुई। इन गर्भधारण को उनकी सहमति से खत्म किया गया। जब वकील ने शादी से इंकार किया और धमकी दी, तब FIR दर्ज कराई।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us