Ratan Tata की वसीयत में से 500 करोड़ की संपत्ति पाने वाले कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता
रतन टाटा की वसीयत में 500 करोड़ रुपए की संपत्ति मोहिनी मोहन दत्ता को दी गई है, जो उनके लंबे समय से करीबी माने जाते हैं। दत्ता ने खुलासा किया है कि उनकी और रतन टाटा की पहली मुलाकात जमशेदपुर में हुई थी...
भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत से जुड़ी खबरों ने एक बार फिर से सुर्खियां बटोरी हैं। उनकी वसीयत में एक 'मिस्ट्री मैन' मोहिनी मोहन दत्ता का नाम सामने आया है, जिन्हें 500 करोड़ रुपए की संपत्ति सौंपी गई है। यह जानने के लिए कि यह शख्स कौन हैं और उनकी रतन टाटा से क्या खास कनेक्शन है, यह दोस्ती छह दशक पुरानी है और दत्ता का नाम टाटा समूह के महत्वपूर्ण लोगों में शुमार है।
रतन टाटा की वसीयत का खुलासा
रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को हुआ था। उनके निधन के बाद से उनकी वसीयत को लेकर अटकलों का दौर जारी था। अब एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टाटा समूह से जुड़े एक खास व्यक्ति, मोहिनी मोहन दत्ता, को 500 करोड़ रुपये की संपत्ति दी गई है।
मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के एक उद्यमी हैं और स्टैलियन कंपनी के सह-मालिक रह चुके हैं। यह कंपनी बाद में टाटा सर्विसेज में विलय हो गई थी। जब यह विलय हुआ, तब दत्ता के पास स्टैलियन में 80% हिस्सेदारी थी। रतन टाटा और दत्ता की दोस्ती की शुरुआत लगभग 60 साल पहले जमशेदपुर में हुई थी।
टाटा समूह के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि दत्ता, रतन टाटा के परिवार के बेहद करीबी रहे हैं। रतन टाटा ने न केवल दत्ता को आर्थिक सहायता दी, बल्कि उन्हें व्यवसायिक सफलता की ओर भी अग्रसर किया।
रतन टाटा की वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता को दिए गए 500 करोड़ रुपये को कानूनी प्रक्रिया (प्रोबेट) के तहत उच्च न्यायालय से प्रमाणित किया जाएगा। इस प्रक्रिया में छह महीने का समय लग सकता है।
रतन टाटा की वसीयत में उनके परिवार, घरेलू कर्मचारियों और कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू को भी लाभार्थी बनाया गया है। इसके अलावा, उनके पालतू कुत्ते टीटो की देखभाल के लिए भी विशेष प्रावधान किया गया है। उनकी संपत्ति में अलीबाग का समुद्र तट बंगला, जुहू का दो मंजिला घर, 350 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट और टाटा संस में हिस्सेदारी शामिल है।
FAQ- खबर से संबंधित सवाल
मोहिनी मोहन दत्ता कौन हैं?
मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के एक उद्यमी हैं और टाटा समूह के करीबी माने जाते हैं।
रतन टाटा की वसीयत में उन्हें क्या मिला है?
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता को 500 करोड़ रुपये की संपत्ति सौंपी है।
रतन टाटा और दत्ता की दोस्ती कब शुरू हुई?
दोनों की दोस्ती लगभग 60 साल पहले जमशेदपुर में डीलर्स हॉस्टल में हुई पहली मुलाकात से शुरू हुई थी।
क्या वसीयत की प्रक्रिया पूरी हो गई है?
नहीं, वसीयत को अभी कानूनी प्रक्रिया (प्रोबेट) से गुजरना होगा, जिसमें छह महीने लग सकते हैं।