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New Delhi. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी ड्यूटी को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि राज्य कर्मचारी एसआईआर की ड्यूटी निभाने को बाध्य हैं। SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) का काम। यह काम राज्य सरकारें या राज्य चुनाव आयोगों से नियुक्त कर्मचारी करते हैं।
राज्य सरकारें कर्मचारी उपलब्ध कराएं
चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने यह बात कही। बेंच ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को वैधानिक काम करने होते हैं। एसआईआर जैसे दूसरे वैधानिक कामों को भी करना जरूरी है।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों का भी यह कर्तव्य है। उन्हें चुनाव आयोग (Election Commission) को कर्मचारी उपलब्ध कराने होंगे। अगर किसी कर्मचारी के पास कोई खास कारण है। तब वह ड्यूटी से छूट मांग सकता है। राज्य सरकार उनकी अपील पर विचार करेगी। तब उनकी जगह दूसरे कर्मचारी को नियुक्त किया जा सकता है।
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7 राज्यों में 29 BLO की मौत का मामला
यह टिप्पणी साउथ एक्टर विजय की पार्टी की याचिका पर आई। विजय की पार्टी का नाम तमिलगा वेत्री कड़गम (TVK) है। TVK ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका में कोर्ट से EC को निर्देश देने की मांग थी। मांग थी कि काम पूरा न करने वाले बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पर कार्रवाई न हो। BLO पर काम का बोझ बहुत ज्यादा होता है। इस बीच एक चौंकाने वाला आँकड़ा सामने आया है। 7 राज्यों में 29 BLO की मौत हो चुकी है। यह आँकड़ा उनके काम के दबाव को दिखाता है।
| राज्य | BLO की मौत |
| उत्तर प्रदेश | 9 |
| मध्य प्रदेश | 8 |
| गुजरात | 4 |
| राजस्थान | 3 |
| प. बंगाल | 3 |
| केरल | 1 |
| तमिलनाडु | 1 |
एसआईआर की डेडलाइन बढ़ी
30 नवंबर को चुनाव आयोग ने एक फैसला लिया था। SIR की डेडलाइन को 7 दिन के लिए बढ़ाया गया था। यह फैसला भी BLO पर काम के दबाव के कारण लिया गया।
बीएलओ का काम हल्का करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने BLO के काम के बोझ पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि अगर BLO के पास काम का बोझ ज्यादा है। तो राज्यों को और स्टाफ को काम पर लगाना चाहिए। बेंच ने कहा कि इससे BLO के काम के घंटे कम होंगे। इससे उन अधिकारियों पर दबाव कम होगा। जो नियमित काम के अलावा एसआईआर भी कर रहे हैं। इस तरह BLO को राहत मिलेगी।
सहयोग जरूरी है
Supreme Court के इस फैसले से साफ है। चुनावी काम देश के लिए बहुत जरूरी है। राज्य सरकारें और कर्मचारी दोनों जिम्मेदार हैं। सबको मिलकर चुनाव आयोग का साथ देना होगा।
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