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Photograph: (the sootr)
NEW DELHI. पति-पत्नी का रिश्ता केवल साथ रहने का नाम नहीं है। यह रिश्ता एक-दूसरे पर विश्वास और आपसी सम्मान के लिए भी जाना जाता है। इस रिश्ते में मजाक, छेड़छाड़ और प्यार भरी तकरार आम बात है। लेकिन कभी-कभी यह मजाक काफी भारी पड़ जाता है।
ऐसा ही एक मामला तुर्किये में सामने आया है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी का नाम मोबाइल में 'टोमबिक' (यानी मोटी) सेव कर लिया। यह बात पत्नी को इतनी नागवार गुजरी कि उसने पति के खिलाफ केस कर दिया। पति पत्नी विवाद में अब अदालत ने इस मामले को भावनात्मक हिंसा मानते हुए पत्नी के पक्ष में फैसला सुनाया है।
पति-पत्नी विवाद (Marriage Dispute) कैसे पहुंचा कोर्ट?
तुर्किये के इस पति-पत्नी के बीच शुरू में जो बात मजाक और छेड़छाड़ जैसी लगी, वो बाद में काफी बढ़ गई। पत्नी को यह तब पता चला जब उसने पति का मोबाइल चेक किया। उसका नंबर वहां 'टोमबिक' (Tombik) नाम से सेव है। तुर्की भाषा में इस शब्द का मतलब 'मोटी' होता है। पत्नी को लगा कि यह कोई मजाक नहीं, बल्कि उसका अपमान है।
पति ने सफाई दी कि यह तो प्यार से रखा गया निकनेम है। पत्नी ने इसे अपनी 'बॉडी' पर टिप्पणी और एक अपमानजनक शब्द माना। पत्नी ने कोर्ट में कहा कि ऐसी बातें उसे बुरी तरह परेशान कर रही हैं।
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सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि अगर आप किसी के वजन या शरीर को लेकर हंसी उड़ाते हैं, तो यह 'मन को चोट पहुंचाने वाली हिंसा' (भावनात्मक हिंसा) है। कोर्ट ने कहा पति के इस काम से पत्नी की इज्जत (आत्म-सम्मान) को ठेस पहुंची है। यह पति-पत्नी के रिश्ते की मर्यादा के खिलाफ है। इसलिए, कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि वह पत्नी को हुए मानसिक नुकसान के लिए हर्जाना दे। इस फैसले से यह बात पक्की हो गई है कि चाहे कोई मुंह से बुरा-भला कहे या मोबाइल में बेइज्जती वाला नाम सेव करे, कोर्ट की नजर में यह सब पति-पत्नी के अधिकारों को तोड़ने जैसा ही है।
भावनात्मक हिंसा क्या है?
| तत्व | विवरण |
|---|---|
| शब्दों से चोट | अपमान, तंज, शरीर पर टिप्पणी |
| इग्नोर करना | भावनाओं का सम्मान न करना |
| तुलना करना | किसी दूसरे से कमतर बताना |
| सार्वजनिक अपमान | दूसरों के सामने तंज करना |
भावनात्मक हिंसा भले शारीरिक रूप से दिखाई न दे, लेकिन यह आत्मविश्वास, मानसिक स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन को नुकसान पहुंचाती है।
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बॉडी शेमिंग क्यों है अपमान?
आज के समय में Body Shaming एक गंभीर सामाजिक समस्या है। लोग अक्सर मजाक में किसी को मोटा, पतला, काला, नाटा कह देते हैं। यह शब्द दूसरे व्यक्ति के मन पर उसका कितना असर करते है, ये कोई नहीं समझता। इस मामले ने यह संदेश दिया कि शरीर पर टिप्पणी करना भावनात्मक शोषण है, चाहे वह मोबाइल में रखा नाम ही क्यों न हो।
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