विनेश फोगाट ने सम्मान में मिली नौकरी छोड़ चुना कैश प्राइज, सरकार ने दी थी च्वाइस

विनेश फोगाट, पूर्व पहलवान और अब हरियाणा की विधायक, ने हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए तीन विकल्पों में से सरकारी नौकरी के बजाय 4 करोड़ रुपये के कैश प्राइज को चुना।

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Jitendra Shrivastava
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vinesh-phogat Photograph: (thesootr)

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भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट, जिन्होंने ओलंपिक 2024 से विवाद के बाद कुश्ती से संन्यास लिया था, अब राजनीति में कदम रख चुकी हैं। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। लेकिन अब उनके सामने एक और बड़ा निर्णय आया था, जो केवल उनके करियर का ही नहीं, बल्कि उनके जीवन का एक अहम मोड़ था। हरियाणा सरकार ने उन्हें तीन विकल्प दिए थे: सरकारी नौकरी, एक प्लॉट, या 4 करोड़ रुपये का कैश प्राइज। और उन्होंने इस विकल्प में से 4 करोड़ रुपये के कैश प्राइज को चुनने का फैसला किया।

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सरकार का प्रस्ताव और विनेश का फैसला

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विनेश फोगाट को तीन विकल्प दिए थे, जिनमें से उन्होंने एक को चुनने के लिए समय लिया। विनेश के लिए यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि वह पहले ही कुश्ती से संन्यास ले चुकी थीं और अब एक विधायक के रूप में राजनीति में अपनी भूमिका निभा रही थीं।

विनेश ने अपनी इस चयन प्रक्रिया को लेकर खेल विभाग को पत्र भेजा, और अब उनकी ओर से 4 करोड़ रुपये के कैश प्राइज का विकल्प चुने जाने के बाद हरियाणा सरकार इस मामले में आगे की प्रक्रिया शुरू करेगी। इस चुनाव के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह फैसला विनेश के लिए सबसे अच्छा था और किस कारण से उन्होंने सरकारी नौकरी या प्लॉट के विकल्प को नकार दिया।

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ओलंपिक से हुईं डिसक्वालिफाई  

विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास लेने के बाद राजनीति में कदम रखा था। 2024 के पेरिस ओलंपिक में अपनी डिसक्वालिफिकेशन के बाद, विनेश ने सभी को चौंका दिया था। वह निर्धारित वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक थी, जिससे उन्हें ओलंपिक से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद, विनेश ने अपनी राजनीति में एंट्री ली और जुलाना विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा। चुनाव में उनकी जीत ने साबित किया कि वह राजनीति में भी अपनी पहचान बना सकती हैं।

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सरकार से उम्मीद और विवाद

हरियाणा सरकार ने विनेश फोगाट के ओलंपिक प्रदर्शन के बाद उन्हें एक सम्मान देने का वादा किया था, लेकिन आठ महीने बीत जाने के बावजूद उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया गया। इस पर विनेश ने पिछले महीने बजट सत्र में इस मुद्दे को उठाया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जवाब देते हुए कहा कि विनेश को अब तीन विकल्प दिए जाएंगे। इनमें से विनेश ने 4 करोड़ रुपये के कैश प्राइज को चुना।

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कैश अवॉर्ड का मतलब है राजनीतिक स्वायत्तता?

विनेश का कैश प्राइज का विकल्प चुनना एक सशक्त कदम माना जा सकता है, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि यह उनके राजनीतिक कद को भी दर्शाता है। यह एक संकेत है कि विनेश राजनीति में सक्रिय होने के साथ-साथ अपनी आर्थिक स्वतंत्रता को भी प्राथमिकता देती हैं। 

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सरकार के कदम और भविष्य

अब जबकि विनेश फोगाट ने कैश प्राइज का विकल्प चुना है, यह देखना बाकी है कि हरियाणा सरकार इस संबंध में क्या कदम उठाती है। इस फैसले के बाद, उनके समर्थकों और विरोधियों की प्रतिक्रिया मिलनी शुरू हो चुकी है, और यह माना जा रहा है कि यह उनके राजनीतिक करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

 

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