BHOPAL. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु ( Bengaluru ) में जल संकट विकराल ( Severe water crisis ) होता जा रहा है। लोगों को यहां पीने के साफ पानी की कमी की परेशानी से जूझना पड़ रहा है। इसे लेकर कर्नाटक सरकार ( Karnataka Government ) की ओर तमाम कोशिशें की जा रही हैं। शहर में जल संकट को देखते हुए जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने पेयजल के गैर-जरूरी उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। बोर्ड ने बेंगलुरु शहर में स्विमिंग पूल ( Swimming pool ) के लिए पीने योग्य पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
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लोग शहर छोड़ने को मजबूर
बेंगलुरु शहर में जल संकट गहराने के कारण यहां रहने वाले करीब 1.4 करोड़ लोगों में से एक वर्ग वैकल्पिक समाधान तलाशने के लिए मजबूर है। कई लोग शहर से पलायन ( Escape the city ) करने लगे हैं। दूसरी ओर जो लोग घर खरीदना चाहते थे, वे अपना मन बदलने लगे हैं। इस बीच, बेंगलुरु वाटर सप्लाई बोर्ड ( Bengaluru Water Supply Board ) ने बुधवार (13 मार्च) को पीने के पानी का स्विमिंग पूल में इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया है। बोर्ड ने कहा कि अगर नियम का पालन नहीं किया तो 5 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। इसके अलावा संस्थाओं, हाउसिंग सोसाइटी, कंपनियों और लोगों ने भी संकट के हिसाब से ढलने और पानी बचाने के उपायों पर काम शुरू कर दिया है। लोग नलों पर पानी बचाने वाले उपकरण लगाने से लेकर हाथ और बर्तन धोने के लिए कैन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई हाउसिंग सोसाइटी ने सुबह और शाम को 4 घंटे तक पानी की सप्लाई बंद कर दी है।
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जलसंकट के बीच क्या बोले डिप्टी सीएम डीके
बेंगलूरू में पानी की भारी कमी के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ( Deputy Chief Minister DK Shivakumar ) ने कहा कि राज्य ने पिछले तीन-चार दशकों में इतना भीषण सूखा कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा, 'पिछले 30-40 सालों में हमने ऐसा सूखा नहीं देखा था। हालांकि पहले भी सूखे की स्थिति थी, लेकिन हमने कभी भी इतनी बड़ी संख्या में तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित नहीं किया था।'
सबसे बदतर जल संकट से जूझ रहा बेंगलुरु
बेंगलुरु शहर अपने सबसे खराब जल संकट से जूझ रहा है। जल बोर्ड लगातार हालातों को सही करने में लगा हुआ है। इसके लिए वह एके के बाद एक प्रतिबंध लगा रहा है। उसने स्थिति से निपटने के उद्देश्य से अनधिकृत बोरवेल खोदने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी है। यह कदम बंगलूरू जल आपूर्ति ( Bangalore Water Supply ) और सीवरेज बोर्ड द्वारा वाहनों की सफाई सहित गैर-आवश्यक उद्देश्यों के लिए पीने योग्य पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के कुछ दिनों बाद उठाया है। आपको बताते चले कि बेंगलुरु से पहले चेन्नई ( Chennai ) में साल 2019 में ही भीषण जलसंकट से गुजर चुका है। वहां हालात ऐसे हो गए थे कि वाटर ट्रेन से पानी पहुंचाना पड़ा। इतना ही नहीं हैदराबाद ( Hyderabad ) में भी जल संकट की आहट सुनाई दे रही है। वहां पानी के दो प्राथमिक स्रोत हैं नागार्जुन सागरजलाशय (कृष्णा नदी) और येल्लमपल्ली जलाशय (गोदावरी नदी)। इन दोनों जलाशयों में जलस्तर खतरनाक रूप से कम है।