अब नए सर्वर से चलेगा PMO समेत 12 लाख खातों का डेटा, सरकारी ईमेल Zoho पर शिफ्ट

PMO समेत केंद्र सरकार के 12 लाख ईमेल अब Zoho प्लेटफॉर्म पर होस्ट होंगे। NIC के बजाय तमिलनाडु की Zoho कंपनी को होस्टिंग सौंपी गई है। आदेश अब लागू, डेटा सिक्योरिटी पर नया फोकस। सारे फैक्ट आधिकारिक रूप से कन्फर्म हैं।

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Amresh Kushwaha
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केंद्र सरकार ने 12 लाख से ज्यादा सरकारी ईमेल Zoho पर शिफ्ट किए हैं। इसमें पीएमओ (PMO) के ईमेल भी शामिल हैं। यह बदलाव एक साल में पूरा हुआ। अब NIC के पुराने सर्वर पर कोई मेल नहीं ऑपरेट होंगे।

Zoho Suite बन गया कर्मचारियों का नया टूल

अब सरकारी कर्मचारियों को Zoho Suite के ऑफिस टूल्स यूज करने होंगे। शिक्षा मंत्रालय ने सभी विभागों को Zoho के ऑफिस सूट अपनाने का आदेश दिया है। इस टूल के जरिए फाइलें और डॉक्यूमेंट्स ज्यादा सुरक्षित रहेंगे।

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आत्मनिर्भर भारत के लिए रणनीतिक बदलाव

शिक्षा मंत्रालय ने साफ कहा कि बदलाव आत्मनिर्भर भारत लक्ष्य के तहत किया गया है। अब तकनीक और डेटा पूरी तरह घरेलू कंपनी के पास सुरक्षित रहेंगे। भारत सेवा आधारित अर्थव्यवस्था से उत्पादक राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है।

5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला

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  1. केंद्र सरकार के 12 लाख मेल अकाउंट अब Zoho के सर्वर पर ऑपरेट हो रहे हैं।
  2. NIC के बजाय अब डेटा प्रोसेसिंग और होस्टिंग तमिलनाडु स्थित भारतीय कंपनी Zoho करती है।
  3. बदलाव से सभी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी Zoho Suite के टूल्स इस्तेमाल करेंगे।
  4. नई व्यवस्था को डिजिटल सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत पहल से जोड़ा गया है।
  5. डेटा एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और सुरक्षात्मक ऑडिट Zoho के प्लेटफॉर्म पर होंगे।

डोमेन वही रहेगा, होस्टिंग बदलेगी

सभी सरकारी ईमेल का डोमेन (nic.in या gov.in) वही रहेगा। सिर्फ डेटा को प्रोसेस और होस्ट करने वाली कंपनी बदल गई है। Zoho अगले सात साल तक प्लेटफार्म की सर्विस देगी। सरकार और Zoho ने इस प्रोजेक्ट के लिए करार किया हुआ है।

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डेटा सुरक्षा पर बड़ा दावा

सरकार ने कहा- SQS Zoho प्लेटफॉर्म का रेगुलर ऑडिट करती है। जरूरी है कि डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहे। CERT-In और NIC दोनों ने प्लेटफॉर्म की सेफ्टी रिपोर्ट तैयार की है। सरकार भरोसा देती है कि डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं होगा।

विशेषज्ञ बोले- सिक्योरिटी की जिम्मेदारी सरकार की

पूर्व आईएएस अधिकारी केबीएस सिद्धू के मुताबिक कंपनी चाहे भारतीय हो या विदेशी- डेटा सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब सिस्टम से कैबिनेट नोट्स और नेशनल सिक्योरिटी डिटेल जुड़ें, तब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जरूरी है। साथ ही सुरक्षा पर इंडिपेंडेंट ऑडिट जरूरी।

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Zoho संस्थापक का भरोसे वाला जवाब

Zoho के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने गोपनीयता पर कहा, हम क्लाइंट डेटा को कभी नहीं देखते। SaaS बिजनेस भरोसे पर चलता है। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन आने वाला है।

AIIMS साइबर अटैक से सबक मिला

2022 में AIIMS दिल्ली के सर्वर पर बड़ा साइबर हमला हुआ था। इसके बाद केंद्र ने सरकारी डेटा सुरक्षा के लिए नया प्लेटफॉर्म खोजा। DIC ने क्लाउड सेवा प्रदाताओं से टेंडर मांगे और Zoho का चयन हुआ।

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मंत्री और अधिकारी भी अपना रहे Zoho Mail

अब गृह मंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्री अपने निजी मेल के लिए भी जोहो ईमेल (Zoho Mail) यूज कर रहे हैं। हालांकि सरकारी संचार में अभी gov.in और nic.in डोमेन का ही इस्तेमाल होता है।

बदलाव का मकसद- मिडिया और डेटा दोनों खुद के पास

सरकार का टारगेट साफ है- डेटा और टेक्नोलॉजी की पूरी सुरक्षा देश के भीतर रहनी चाहिए। Zoho जैसे घरेलू प्लेटफॉर्म के साथ यह पॉलिसी पूरी की जा रही है।

FAQ

सरकारी ईमेल प्लेटफॉर्म पर बदलाव क्यों हुआ?
डेटा सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत पॉलिसी के तहत यह कदम लिया गया है।
क्या NIC का डोमेन हट गया है?
डोमेन वही रहेगा, लेकिन होस्टिंग और सर्वर Zoho के हो गए हैं।
क्या Zoho पर डेटा सुरक्षित है?
सरकार और Zoho दोनों नियमित सिक्योरिटी ऑडिट और रिव्यू करते हैं।
क्या Zoho के सर्वर सब कर्मचारियों पर लागू है?
हां, पीएमओ सहित सभी केंद्रीय कर्मचारियों के मेल पर लागू हुआ है।
सरकारी ऑडिट में डेटा प्रोटेक्शन कन्फर्म है?
हां, SQS, NIC और CERT-In की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा पुख्ता है।
जोहो ईमेल सरकारी ईमेल का डोमेन शिक्षा मंत्रालय केंद्र सरकार
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