/sootr/media/media_files/2025/10/13/zoho-govt-email-migration-data-security-india-digital-infra-2025-10-13-18-34-50.jpg)
केंद्र सरकार ने 12 लाख से ज्यादा सरकारी ईमेल Zoho पर शिफ्ट किए हैं। इसमें पीएमओ (PMO) के ईमेल भी शामिल हैं। यह बदलाव एक साल में पूरा हुआ। अब NIC के पुराने सर्वर पर कोई मेल नहीं ऑपरेट होंगे।
Zoho Suite बन गया कर्मचारियों का नया टूल
अब सरकारी कर्मचारियों को Zoho Suite के ऑफिस टूल्स यूज करने होंगे। शिक्षा मंत्रालय ने सभी विभागों को Zoho के ऑफिस सूट अपनाने का आदेश दिया है। इस टूल के जरिए फाइलें और डॉक्यूमेंट्स ज्यादा सुरक्षित रहेंगे।
आत्मनिर्भर भारत के लिए रणनीतिक बदलाव
शिक्षा मंत्रालय ने साफ कहा कि बदलाव आत्मनिर्भर भारत लक्ष्य के तहत किया गया है। अब तकनीक और डेटा पूरी तरह घरेलू कंपनी के पास सुरक्षित रहेंगे। भारत सेवा आधारित अर्थव्यवस्था से उत्पादक राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है।
5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
|
डोमेन वही रहेगा, होस्टिंग बदलेगी
सभी सरकारी ईमेल का डोमेन (nic.in या gov.in) वही रहेगा। सिर्फ डेटा को प्रोसेस और होस्ट करने वाली कंपनी बदल गई है। Zoho अगले सात साल तक प्लेटफार्म की सर्विस देगी। सरकार और Zoho ने इस प्रोजेक्ट के लिए करार किया हुआ है।
डेटा सुरक्षा पर बड़ा दावा
सरकार ने कहा- SQS Zoho प्लेटफॉर्म का रेगुलर ऑडिट करती है। जरूरी है कि डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहे। CERT-In और NIC दोनों ने प्लेटफॉर्म की सेफ्टी रिपोर्ट तैयार की है। सरकार भरोसा देती है कि डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं होगा।
विशेषज्ञ बोले- सिक्योरिटी की जिम्मेदारी सरकार की
पूर्व आईएएस अधिकारी केबीएस सिद्धू के मुताबिक कंपनी चाहे भारतीय हो या विदेशी- डेटा सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब सिस्टम से कैबिनेट नोट्स और नेशनल सिक्योरिटी डिटेल जुड़ें, तब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जरूरी है। साथ ही सुरक्षा पर इंडिपेंडेंट ऑडिट जरूरी।
Zoho संस्थापक का भरोसे वाला जवाब
Zoho के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने गोपनीयता पर कहा, हम क्लाइंट डेटा को कभी नहीं देखते। SaaS बिजनेस भरोसे पर चलता है। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन आने वाला है।
AIIMS साइबर अटैक से सबक मिला
2022 में AIIMS दिल्ली के सर्वर पर बड़ा साइबर हमला हुआ था। इसके बाद केंद्र ने सरकारी डेटा सुरक्षा के लिए नया प्लेटफॉर्म खोजा। DIC ने क्लाउड सेवा प्रदाताओं से टेंडर मांगे और Zoho का चयन हुआ।
मंत्री और अधिकारी भी अपना रहे Zoho Mail
अब गृह मंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्री अपने निजी मेल के लिए भी जोहो ईमेल (Zoho Mail) यूज कर रहे हैं। हालांकि सरकारी संचार में अभी gov.in और nic.in डोमेन का ही इस्तेमाल होता है।
बदलाव का मकसद- मिडिया और डेटा दोनों खुद के पास
सरकार का टारगेट साफ है- डेटा और टेक्नोलॉजी की पूरी सुरक्षा देश के भीतर रहनी चाहिए। Zoho जैसे घरेलू प्लेटफॉर्म के साथ यह पॉलिसी पूरी की जा रही है।