फुलेरा दूज: जब श्रीकृष्ण ने राधा संग रचाया रंगों का अद्भुत उत्सव, जानें शुभ मुहूर्त

फुलेरा दूज, फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को मनाया जाने वाला शुभ पर्व है, जो होली की तैयारियों की शुरुआत का संकेत देता है। इस दिन श्रीकृष्ण ने राधा संग वृंदावन में फूलों की होली खेली थी।

author-image
Kaushiki
New Update
PHULARA DOOJ
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

हिंदू पंचांग के मुताबिक फुलेरा दूज, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है क्योंकि यह होली की तैयारियों की शुरुआत का संकेत देता है। इस साल ये 1 मार्च (यानी आज) मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ वृंदावन में फूलों की होली खेली थी।

इस कारण इस दिन को प्रेम, उमंग और भक्तिभाव से भरपूर पर्व के रूप में देखा जाता है। खासतौर पर उत्तर भारत में इस दिन से होलिका दहन के लिए लकड़ियों और उपलों (गुलरियों) को एकत्र करने की परंपरा शुरू हो जाती है।

ये खबर भी पढ़ें...

इसलिए कहलाते हैं भगवान विष्णु को 'श्री हर', जानें ग्रंथों में छिपा रहस्य

Holi 2025 Phulera Dooj In Mathura Barsana Know How To Reach Mathura Barsana  Mein Phulera Dooj Kab Hai - Amar Ujala Hindi News Live - Phulera Dooj  2025:होली से पहले श्रीकृष्ण की

शुभ मुहूर्त और मान्यता

धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इस पावन तिथि को अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे अबोध मुहूर्त कहा जाता है। इसका अर्थ है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना किसी विशेष मुहूर्त के किया जा सकता है। विशेष रूप से विवाह के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन शादी करना अत्यंत मंगलकारी होता है।धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इस वर्ष फुलेरा दूज की द्वितीया तिथि 1 मार्च को सुबह 3:16 बजे से शुरू होकर 2 मार्च 2025 को रात 12:09 बजे तक रहेगी। क्योंकि, सनातन धर्म में उदयातिथि को अधिक महत्व दिया जाता है, इसलिए इस दिन के सभी शुभ कार्य 1 मार्च को किए जाएंगे।

फुलेरा दूज से होली की शुरुआत; महत्व और जानने योग्य सभी बातें - CNBC TV18

फूलों की होली

धार्मिक मान्यता के मुताबिक, फुलेरा दूज का नाम ‘फुलेरा’ शब्द से लिया गया है, जिसका संबंध फूलों से है। इस दिन विशेष रूप से वृंदावन, बरसाना और मथुरा में फूलों की होली खेली जाती है। यह एक बेहद अनोखी परंपरा है जिसमें अबीर-गुलाल के स्थान पर विभिन्न प्रकार के फूलों का उपयोग किया जाता है। यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि प्रेम और भक्ति के रंग किसी भी रंग से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, भगवान को भव्य भोग अर्पित किया जाता है और कीर्तन-भजन होते हैं।

ये खबर भी पढ़ें..

माघ पूर्णिमा पर क्यों की जाती है सत्यनारायण भगवान की पूजा, जानें व्रत और पूजा का महत्व

Phulera Dooj 2022 : जानिए कैसे हुई फुलेरा दूज पर फूलों की होली खेलने की  शुरुआत ! | Phulera Dooj 2022 Know how the Holi of flowers started on Phulera  Dooj

इस दिन की खास परंपराएं

गांवों में इस दिन विशेष परंपराएं निभाई जाती हैं। महिलाएं गाय के गोबर से बनी छोटी-छोटी उपलियां (गुलरियां) तैयार करती हैं और उन्हें धूप में सुखाती हैं। इन गुलरियों को बाद में धागे में पिरोकर माला बनाई जाती है, जिसे होलिका दहन के दिन अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, यह परंपरा समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक मानी जाती है। इसके अलावा, इस दिन घरों और मंदिरों को विशेष रूप से फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को विशेष भोग जैसे पंचामृत, पोहा, मिठाइयां अर्पित की जाती हैं।

शुभ कार्यों के लिए अंतिम दिन

इस दिन को शादी, गृह प्रवेश, वाहन या नई संपत्ति खरीदने, नए व्यापार शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता के मुताबिक, होली के बाद खरमास की अवधि शुरू हो जाती है, जिसमें विवाह और अन्य शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस कारण, फुलेरा दूज को शादी के लिए आखिरी शुभ मुहूर्त भी माना जाता है। जो लोग अपने विवाह की तिथि निश्चित नहीं कर पा रहे होते, वे इस दिन बिना किसी ज्योतिषीय सलाह के शादी कर सकते हैं क्योंकि यह दिन स्वयं सिद्ध-अबूझ मुहूर्त होता है।

ये खबर भी पढ़ें..

क्यों प्रिय है भगवान शिव को भांग और धतूरा, समुद्र मंथन से जुड़ा है इसका रहस्य

Phulera Dooj 2023 Remedies To Remove Obstacles In Love Marriage News In  Hindi - Amar Ujala Hindi News Live - Phulera Dooj 2023:आज फुलेरा दूज पर  करें ये उपाय, प्रेम विवाह और

होली के स्वागत का पर्व

यह दिन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह होली के रंगों और आनंद की पहली झलक होती है। इस दिन से होली के उल्लास का आरंभ माना जाता है। विशेष रूप से उत्तर भारत में लोग इस दिन से होलिका दहन की तैयारियों में जुट जाते हैं। महिलाएं होलिका के लिए सामग्री इकट्ठा करती हैं और मंदिरों में विशेष आरती व भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार, यह दिन होली के महोत्सव का पहला संकेत देता है और सभी के जीवन में आनंद और खुशियों का संदेश लाता है।

ये खबर भी पढ़ें...

मसान होली: जब चिता भस्म से रंगता है काशी का आकाश, गूंज उठते हैं शिव तंत्र के मंत्र

FAQ

Phulera dooj कब मनाई जाएगी?
Phulera dooj 2025 में 1 मार्च को मनाई जाएगी।
क्या इस दिन शादी करना शुभ होता है?
हां, Phulera dooj को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस दिन बिना किसी विशेष मुहूर्त के विवाह किया जा सकता है।
Phulera dooj पर कौन-सी खास परंपराएं निभाई जाती हैं?
इस दिन फूलों की होली खेली जाती है, मंदिरों में विशेष पूजा होती है और महिलाएं गुलरियों की माला बनाकर होलिका दहन में अर्पित करती हैं।
Phulera dooj का संबंध किस देवता से है?
यह दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी से जुड़ा है, क्योंकि इस दिन उन्होंने वृंदावन में फूलों की होली खेली थी।
क्या इस दिन अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं?
हां, इस दिन गृह प्रवेश, वाहन खरीद, व्यापार शुरू करने और संपत्ति खरीदने जैसे कार्य किए जा सकते हैं।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

latest news भगवान श्रीकृष्ण होली holi Holi of Radha-Krishna फुलेरा दूज धर्म ज्योतिष न्यूज Radha Krishna shree krishna