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Navratri Bhog: पूरे देश में शारदीय नवरात्रि 2025 की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह नौ दिनों का पर्व बेहद खास होता है। इस साल यह पावन पर्व 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर को समाप्त होगा।
यह समय न केवल आध्यात्मिक साधना का है बल्कि घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली लाने का भी है। ज्योतिषी संतोष शर्मा के मुताबिक, नवरात्रि केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि वास्तु शास्त्र के मुताबिक भी बहुत महत्वपूर्ण है।
इन नौ दिनों में कुछ विशेष वास्तु उपायों का पालन करने से घर में सुख-शांति, धन-वैभव और सौभाग्य की वृद्धि होती है। हर दिन माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा के साथ उनका प्रिय भोग अर्पित करने से माता रानी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
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नवरात्रि के नौ दिन के भोग
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, नवरात्रि के नौ दिनों (9 days Navratri) में हर दिन मां दुर्गा के एक विशेष स्वरूप की पूजा की जाती है। इन नौ देवियों की पूजा के साथ-साथ उनके पसंदीदा भोग और वास्तु से जुड़े उपाय करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
दिन 1 - मां शैलपुत्री
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
क्या करें: इस दिन घर के मुख्य द्वार को फूलों और आम्रपल्लव से सजाएं। दरवाजे पर स्वस्तिक और मंगल चिन्ह बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से सभी तरह के रोग दूर होते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
दिन 2 - मां ब्रह्मचारिणी
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है।
क्या करें: इस दिन घर की रसोई को विशेष रूप से साफ करें और वहां कपूर या गंगाजल का छिड़काव करें। रसोई का पवित्र होना परिवार के स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक माना गया है।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री का भोग लगाने से जीवन में मधुरता आती है।
दिन 3 - मां चंद्रघंटा
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है।
क्या करें: घर का पूजा स्थान हमेशा पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। इस दिन अपने मंदिर को साफ करके नए वस्त्र और पुष्पों से सजाने से घर में शांति और आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, इस दिन माता रानी को खीर का भोग अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
दिन 4 - मां कुष्मांडा
चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा से धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
क्या करें: शास्त्र में कहा गया है कि इस दिन घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में दीपक जलाना चाहिए। इससे घर में धन के आगमन के रास्ते खुलते हैं और खुशहाली आती है।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाने से सभी दुखों का नाश होता है।
दिन 5 - मां स्कंदमाता
पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
क्या करें: बच्चों की पढ़ाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए इस दिन उत्तर दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र रखकर दीप जलाना लाभकारी है। वास्तु मान्यता है कि उत्तर दिशा शिक्षा और बुद्धि का कारक है।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, माता स्कंदमाता को केले का भोग अर्पित करना चाहिए।
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दिन 6 - मां कात्यायनी
छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना होती है।
क्या करें: विवाह योग्य कन्याओं और वैवाहिक जीवन में सामंजस्य लाने के लिए इस दिन दक्षिण-पश्चिम दिशा को साफ करके वहां गुलाबी या पीले रंग के फूल सजाने चाहिए। इससे रिश्तों में मधुरता बढ़ती है।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, इस दिन माता रानी को फल का भोग लगाना चाहिए।
दिन 7 - मां कालरात्रि
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा से बुरी शक्तियां नष्ट होती हैं।
क्या करें: इस दिन घर के कोनों में नमक के पानी का पोंछा लगाना और कपूर जलाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वातावरण पवित्र बनता है।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, इस दिन मां कालरात्रि को गुड़ से बनी वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए।
दिन 8 - मां महागौरी
आठवें दिन मां महागौरी की पूजा से परिवार में स्वास्थ्य और दीर्घायु मिलती है।
क्या करें: इस दिन पूर्व दिशा में सफेद रंग की सजावट करना शुभ होता है। घर में तुलसी का पौधा लगाकर दीप जलाना भी वास्तु अनुसार अत्यंत लाभकारी है।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, मां महागौरी को नारियल का भोग लगाने से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
दिन 9 - मां सिद्धिदात्री
नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना होती है।
क्या करें: इस दिन घर के मध्य भाग को साफ करके वहां पीतल के दीपक में घी का दीप जलाना चाहिए। इससे घर के सभी सदस्यों को सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
भोग: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को तिल से बनी वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए।
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, नवरात्रि (शारदीय नवरात्रि व्रत नियम) में इन नियमों का पालन करना न केवल आपकी पूजा को पूर्णता देगा, बल्कि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाएगा।
यह नौ दिन का पर्व हमें यह संदेश देता है कि बाहरी पूजा के साथ-साथ अपने घर के वातावरण और मन को भी शुद्ध और सकारात्मक रखना कितना जरूरी है।
भक्ति (नवरात्रि दुर्गा पूजा) और वास्तु के इस अनूठे संगम से आप अपने जीवन के सभी बिगड़े काम बना सकते हैं और माता रानी का आशीर्वाद पा सकते हैं। कब है नवरात्रि
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