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देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान, IIT में अब प्लेसमेंट की दरें कम हो गई हैं। AI (artifical Intelligence) और ऑटोमेशन का असर दिख रहा है। 23 IIT संस्थानों के B.tech प्लेसमेंट (IIT BTech placements) की दरों में गिरावट आई है। 2021-22 में प्लेसमेंट दर 90 फीसदी थी, जो 2023-24 में गिरकर 80 फीसदी हो गई है।
यह उन सभी छात्रों के लिए चिंता का विषय है जो IIT में प्रवेश का सपना देखते हैं। केवल प्लेसमेंट दर ही नहीं घटी है, बल्कि औसत सैलरी पैकेज में भी गिरावट आई है। पहले औसत सालाना सैलरी 23.45 लाख थी। अब ये घटकर लगभग 22.7 लाख रह गई है।
क्यों हो रहा है ऐसा?
IIT के प्रोफेसर और अधिकारी इसके कई कारण बताते हैं। उनका कहना है कि रोजगार बाजार में अनिश्चितता है। साथ ही, छात्रों की उम्मीदें भी बहुत ज्यादा हैं। हालांकि, उनका दावा है कि ओवरऑल प्लेसमेंट स्थिर है। यह भी याद रखें कि 2024-25 सीजन की पूरी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
सबसे पुराने IIT हुए सबसे ज्यादा प्रभावित
7 प्रमुख IIT संस्थानों पर सबसे ज्यादा असर हुआ है। इनमें IIT खड़गपुर, बॉम्बे, मद्रास, कानपुर, दिल्ली, गुवाहाटी और रुड़की शामिल हैं।
ये फर्स्ट जनरेशन के IIT माने जाते हैं। यहां प्लेसमेंट दरों में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। 2021-22 में 90 फीसदी से ज्यादा दर थी। यह गिरकर 2023-24 में 79 फीसदी हो गई है।
हालांकि, यहां औसत वेतन में बहुत कम गिरावट आई है। 25.5 लाख से यह 25.3 लाख सालाना हो गया है।
सेकेंड जनरेशन IIT में सैलरी ज्यादा घटी
2008-09 में बने आठ IITs (भुवनेश्वर, गांधीनगर, पटना, हैदराबाद, रोपड़, जोधपुर, इंदौर व मंडी) में गिरावट ज्यादा दिखी। इन संस्थानों में वेतन में 2.2 लाख की सबसे बड़ी कमी आई। यह लगभग ₹22.2 लाख से घटकर 20 लाख प्रति वर्ष हो गई। इनकी प्लेसमेंट दर भी 93 फीसदी से घटकर 84 फीसदी हो गई है।
थर्ड जनरेशन IIT की स्थिति
बाकि आठ IITs (BHU-वाराणसी, ISM-धनबाद, पलक्कड़, तिरुपति, भिलाई, गोवा, जम्मू व धारवाड़) में भी गिरावट है। प्लेसमेंट दर 87.8% से 80.5% हो गई। वेतन में 1 लाख की कमी आई। यह 19.6 लाख से 18.6 लाख सालाना हो गया।
प्लेसमेंट घटने के बड़े कारण
IIT के अधिकारी मानते हैं कि यह गिरावट बाजार के बदलने से हुई है। इसमें छात्रों की क्षमता की कोई कमी नहीं है।
AI का प्रभाव: AI कई शुरुआती स्तर की कोडिंग जॉब्स को खत्म कर रहा है।
कम भर्तियां: कंपनियों ने अपनी भर्ती कम कर दी है।
ऊंची उम्मीदें: छात्र ज्यादा सैलरी की उम्मीद में ऑफर छोड़ रहे हैं।
टीमलीज एडटेक के सीईओ शांतनु रूज का कहना है कि यह बदलाव वैश्विक है। यह मंदी, फंडिंग की कमी और ऑटोमेशन को दिखाता है।
प्लेसमेंट से वंचित छात्रों की संख्या बढ़ी
IIT वाराणसी को छोड़कर, बाकी सभी IIT में वंचित छात्रों की संख्या बढ़ी है। 2023-24 में आईआईटी मद्रास में सबसे ज्यादा 278 छात्र प्लेसमेंट से वंचित थे।
IIT में प्लेसमेंट पर संकट नहीं है, यह सिर्फ बाजार का उतार-चढ़ाव है। लेकिन, AI और ऑटोमेशन ने एक नई चुनौती पेश की है। अब छात्रों को भी नई स्किल्स पर ध्यान देना होगा।
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