/sootr/media/media_files/2025/11/14/collage-2025-11-14-19-00-19.jpg)
Education news: पूरी दुनिया में यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए एग्जाम होते हैं। भारत में भी CUET UG EXAM जैसी परीक्षा होती है। इसमें छात्रों को 60 से 80 मिनट का समय मिलता है। लेकिन साउथ कोरिया में एडमिशन का एग्जाम एकदम अलग है। यह दुनिया का सबसे लंबा Entrance Exam माना जाता है।
यह परीक्षा 13 घंटे तक चलती है। हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें लंच या डिनर ब्रेक भी नहीं मिलता है।
साउथ कोरिया का CSAT एग्जाम
इस लंबी परीक्षा का नाम कॉलेज स्कोलास्टिक एबिलिटी टेस्ट (CSAT) है। इसे सुनेउंग (Suneung) नाम से भी जाना जाता है। यह South Korea का नेशनल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 5.50 लाख छात्रों ने यह परीक्षा दी है। पिछले 7 सालों में यह सबसे ज्यादा संख्या है।
सामान्य छात्रों के लिए 8 घंटे की परीक्षा
साउथ कोरिया के इस एंट्रेंस एग्जाम में कुल 200 सवाल पूछे जाते हैं। छात्रों को कोरियन भाषा, गणित और अंग्रेजी के सवाल हल करने होते हैं। सामाजिक या प्राकृतिक विज्ञान और एक अतिरिक्त विषय भी शामिल होता है।
/sootr/media/post_attachments/ghaziabad/blog/public/assets/images/blog/banner/desktop/1683713133-DPSG-Blog-6-799296.jpg)
सामान्य छात्रों को 200 सवाल हल करने के लिए 8 घंटे का समय मिलता है। यह एग्जाम सुबह 8:40 बजे शुरू होता है। यह शाम 5:40 बजे खत्म होता है। इस दौरान छात्रों को लंच या डिनर ब्रेक नहीं दिया जाता है। छात्र निर्धारित समय से पहले एग्जाम खत्म करके बाहर आ सकते हैं।
दृष्टिबाधित(vision impaired) छात्रों के लिए 13 घंटे का एग्जाम
सामान्य छात्रों के लिए यह परीक्षा 8 घंटे की होती है। लेकिन दिव्यांग छात्रों के लिए यह 12 घंटे का एग्जाम होता है। यदि वे अतिरिक्त विषय की परीक्षा देते हैं। तब उन्हें पेपर हल करने के लिए 13 घंटे मिलते हैं। नियम के अनुसार दृष्टिबाधित छात्रों को सामान्य समय से 1।7 गुना ज्यादा समय दिया जाता है।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/11/14/blind-2025-11-14-18-32-52.jpeg)
बिना ब्रेक के चलता है एग्जाम
CSAT एग्जाम की एक खास बात यह भी है। यह सिर्फ यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए नहीं है। यह एग्जाम रोजगार और आमदनी को भी प्रभावित करता है। यहां तक कि यह भविष्य के रिश्तों को भी तय कर सकता है। यह एग्जाम बिना ब्रेक के लगातार चलता रहता है। छात्रों को 8 घंटे से 13 घंटे तक बिना ब्रेक के पेपर देना होता है।
ब्रेल टेस्ट पेपर से होती है परेशानी
दृष्टिबाधित छात्रों के लिए यह परीक्षा और भी मुश्किल हो जाती है। इसका मुख्य कारण ब्रेल टेस्ट पेपर का बड़ा बंडल होता है। पेपर के हर वाक्य और संकेत को ब्रेल में बदला जाता है। इससे ब्रेल टेस्ट बुकलेट बहुत मोटी हो जाती है।
गणित जैसे विषयों के जवाब देने में परेशानी होती है। छात्रों को उपकरण प्रयोग करने की छूट मिलती है। फिर भी उन्हें लंबी पढ़ाई के बाद पेपर हल करना होता है। कई छात्रों को देर शाम तक पेपर देना पड़ता है। बिना लंच और डिनर ब्रेक के यह बहुत मुश्किल होता है।
ये खबरें भी पढ़ें...
Banking Sector में करियर बनाने के लिए फॉलो करें यह रास्ता, आपकी किस्मत चमक उठेगी
WCL में अपरेंटिस पदों पर भर्ती ITI डिप्लोमा वालों के लिए शानदार मौका, ऐसें करें आवेदन
PDCC Bank में सरकारी नौकरी: पुणे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में भर्ती शुरू, ऐसे करें आवेदन
UPSC इंजीनियरिंग सर्विस प्रीलिम्स परीक्षा डेट सीट जारी, जानें कब से है एग्जाम
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us