NEW DELHI: आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) शराब घोटाले (liquor scam) के आरोप में फिलहला जेल में बंद हैं। केजरीवाल समेत पार्टी के नेता लगातार जोर-शोर से कह रहे हैं कि अब दिल्ली की सरकार जेल से ही चलेगी और कामयाब होकर दिखाएगी। पार्टी नेता आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी ने जानबूझकर उनके नेता को फंसाया है, जिसके खिलाफ वे दिल्ली व अन्य राज्यों में लगातार आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन इस शोर-शराबे के बीच पार्टी के अधिकतर सांसद (10 में से 7) ‘मौन-व्रत’ (silence) धारण किए हुए हैं। उनकी यह चुप्पी हैरानी तो पैदा कर ही रही है साथ ही कई ‘संदेश’ (message) भी फैला रही है। इससे पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं में बेचैनी फैल रही है। सांसदो के मौन पर पार्टी का कहना है कि वह इस मसले पर अपने स्तर पर चर्चा करेगी।
बुरे दौर से गुजर रही है आम आदमी पार्टी
यह पहला मौका है जब आम आदमी पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। संकट तो उस पर जब-तब आते रहे हैं लेकिन वह इनसे उबर आती है। लेकिन इस बार मसला बेहद गंभीर है। असल में भ्रष्टाचार उखाड़ने के दावे को लेकर राजनीति करने आई आप भ्रष्टाचार के बड़े आरोपों में घिरी हुई है। शराब घोटाले के आरोप में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं तो दो मंत्री मनीष सिसोदिया व सत्येंद्र जैन भी लंबे समय से इन्हीं आरोपों में जेल में बंद हैं। पार्टी के एक सांसद संजय सिंह भी इन्हीं आरोपों के चलते पिछले छह माह से जेल में बंद थे और अब जमानत पर हैं। दूसरी और दिल्ली सरकार के एक मंत्री राजकुमार आनंद ने सीएम, सरकार व पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया है। यह पार्टी के लिए बड़ा झटका है और उसमें टूट की आशंका जताई जा रही है। दूसरी ओर बीजेपी आक्रामक बनी हुई है और आप सरकार व उनके नेताओं को लगातार घेर रही है।
तीन सांसद ही एक्टिव नजर आ रहे हैं
अपने अस्तित्व को बचाने व अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं में विश्वास बनाए रखने के लिए आप के कुछ नेता ही धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, मीडिया से रूबरू हो रहे हैं और बीजेपी व पीएम मोदी को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें राज्यसभा सांसद संजय सिंह, संदीप पाठक व एनडी गुप्ता शामिल हैं। सांसद संजय सिंह आक्रामक रूख अपनाए हुए हैं लेकिन पाठक व गुप्ता का रुख ‘कम तीखा’ है। इसके अलावा दिल्ली सरकार के दो मंत्री सौरभ भारद्वाज व आतिशी भी लगाताार हल्ला बोल रहे हैं। दिल्ली सरकार के बाकी मंत्री व बड़े नेता इस पूरे परिदृश्य में नजर नहीं आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पार्टी के अन्य सात राज्यसभा सांसद पार्टी के इस बुरे दौर में ‘बीमार’ हो गए हैं, ‘अपनों की सेवा’ कर रहे है या बता रहे हैं कि इस मसले पर बोलने के लिए वह ‘अधिकृत’ नहीं है। आपको बता दें कि देश में आप के 11 सांसद थे, इनमें से एकमात्र लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए हैं। अब आपको बताते हैं कि इस संकट की घड़ी में ये सात सांसद क्या कर रहे हैं।
युवा सांसद राघव चड्ढा क्यों मौन हैं
आप के पंजाब से राज्यसभा सदस्य चुने गए राघव चड्ढा सबसे युवा सांसद हैं। वह पहले दिल्ली से आप के विधायक थे और जल बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। दिल्ली में वह काफी मुखर थे और उन्हे केजरीवाल का बेहद विश्वसनीय माना जाता था। सांसद चड्ढा पिछले महीने आंख की सर्जरी के लिए अपनी पत्नी व फिल्म स्टार परिणीति चोपड़ा के साथ लंदन गए थे। परिणीति भारत आ गई हैं, जबकि चड्ढा अभी विदेश में ही हैं, जबकि उन्हें भी मार्च माह के अंत में भारत लौट आना था। वैसे तो वह केजरीवाल की गिरफ्तारी व संजय की जमानत को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय हैं, लेकिन उन्होंने आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया है कि वह भारत कब आ रहे हैं। उनके करीबी सूत्र बता रहे हैं कि डॉक्टरों ने चड्ढा को धूप में न निकलने व आराम की सलाह दी है। इसलिए वह भारत नहीं आ पा रहे हैं। देश में आते ही वह पार्टी गतिविधियों में लग जाएंगे।
स्वाति मालीवाल अमेरिका में क्यों हैं
आप नेता मालीवाल दिल्ली से राज्यसभा सांसद चुनी गई हैं। वह लंबे समय से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उन्हें तेजतर्रार नेता माना जाता है, लेकिन वह आजकल अमेरिका में हैं। वहां वह अपनी बीमार बहन की देखभाल के लिए गई है। वैसे मालीवाल सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव हैं, लेकिन विपक्षी लोग आरोप लगा रहे हैं कि वह केजरीवाल के समर्थन में आगे नहीं आ रही हैं। मालीवाल ने मीडिया से बातचीत में इन आरोपों को बकवास करार दिया है और कहा है कि 15 साल से अमेरिका में रह रही उनकी बहन बीमार है और वह उनके साथ है। वह जल्द भी दिल्ली आएंगी और केंद्र की तानाशाह सरकार के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगी।
हरभजन सिंह ने दिया बेबाक बयान
भारत के जाबांज क्रिकेटर व अब पंजाब से आप के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह अपने लड़ाकू स्वभाव व बेबाक बयानी के लिए जाने जाते हैं। किसी को उम्मीद नहीं थी कि वे राज्यसभा से आएंगे। विशेष बात यह है कि वह सांसद तो बन गए हैं, लेकिन राजनेता के बजाय अभी भी क्रिकेटर ही बने हुए हैं। शायद ही कोई अवसर होगा जब उन्होंने पार्टी की गतिविधियों में हिस्सा लिया हो। हैरानी की बात यह है कि वह सोशल मीडिया पर मुखर हैं और मीडिया के लोग भी उनके चहेते हैं, इसके बावजूद उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कोई बयान नहीं दिया है, जबकि वह सोशल मीडिया पर आईपीएल क्रिकेट के बारे में लगातार जानकारी दे रहे हैं। जब उनसे इस बाबत पूछा गया कि क्या वह पार्टी द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों में शामिल होंगे, तो उन्होंने अपनी मिजाज के अनुसार इनकार कर दिया। उनका कहना था कि इस मसले पर वह ज्यादा बातचीत नहीं करना चाहते हैं।
अशोक कुमार मित्तल व संजीव अरोड़ा ने क्या कहा
पंजाब स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक और राज्य से आप सांसद अशोक मित्तल भी पार्टी एक्टिविटी में कम ही नजर आते हैं। वह सोशल मीडिया पर अपने प्रोफेशन से जुड़े संदेशों को लगातार प्रसारित कर रहे हें, लेकिन आप के मसलों पर मौन हैं। उनका कहना है कि वह पार्टी की ओर से बात करने के लिए अधिकृत नेता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ही बताएगा कि उन्हें क्या करना है। फिलहाल उन्हें पार्टी से कोई संदेश नहीं मिला है। संजीव अरोड़ा पंजाब के बड़े कारोबारी और राज्य से राज्यसभा सांसद हैं। अरोड़ा के अनुसार उन्होंने हाल ही में सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की थी, लेकिन वह रामलीला मैदान की बड़ी रैली में शामिल नहीं हुए थे, क्योंकि उनकी लुधियाना में ड्यूटी लगाई गई थी। उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा में पार्टी लीडर एनडी गुप्ता के संपर्क में हैं, वह जो कहेंगे, मैं उसे करुंगा।
सीचेवाल व विक्रमजीत साहनी इसलिए मौन हैं
देश के जाने-माने पर्यावरण कार्यकर्ता व पद्मश्री और अब पंजाब से आप के राज्यसभा सांसद सीचेवाल भी पार्टी गतिविधियों और प्रदर्शनों से अपने को दूर रखते हैं। उनका कहना है कि इस मसले पर कुछ कहने लायक होगा तो उसे बता दिया जाएगा। सीचेवाल ने खुद को धर्मनिष्ठ व्यक्ति बताया ओर कहा कि वह कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। शिक्षाविद व सोशल वर्कर व पंजाब से आप के राज्यसभा सांसद साहनी भी पार्टी एक्टिविटी में न के बराबर शामिल होते हैं और केजरीवाल की गिरफ्तारी पर वह मौन हैं। इस मसले पर उन्होंने मीडिया से सीधे कोई बात नहीं की लेकिन सूत्र बताते हैं कि वह इसलिए राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते हैं, क्योंकि वह गैर राजनीतिक व्यक्ति हैं। इसके बावजूद पंजाब से जुड़े मसलों को लगातार उठाते रहे हैं। दूसरी ओर सांसदों के इस मौन व्यवहार पर पर के सांसद संजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी अपने स्तर पर इस मसले पर चर्चा करेगी।
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