SIDHI. सीधी के संजय टाइगर रिजर्व के कुसमी अंचल में डेरा जमाए जंगली हांथियों का झुंड एक हफ्ते भर बाद फिर से छत्तीसगढ़ से लौट आया है। जंगली हाथियों का झुंड जब यहां से छत्तीसगढ़ चला गया था उस दौरान भी एक नर हाथी यहां राजा पाठ के जंगलों में स्वच्छंद विचरण कर रहा था।
छत्तीसगढ़ से लौटे हाथी
संजय टाइगर रिजर्व के इलाके में पिछले दो सालों से डेरा जमाए हुए हाथियों का झुंड 26 जुलाई को मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की सीमा मवई नदी को पार करके छत्तीसगढ़ के जंगलों में चला गया था। एक हफ्ते बाद छत्तीसगढ़ के जंगलों में स्वच्छंद विचरण करने के बाद हाथियों का झुंड वापस अपनी पुरानी जगह पर पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि हाथियों का ये झु्ंड छत्तीसगढ़ के चूल पटासी के जंगल में दो रिहायशी खपरैल मकानों को क्षतिग्रस्त करते हुए मध्यप्रदेश के पटपरहा गांव में पहुंचे हैं।
ग्रामीणों में दहशत
वर्तमान में हाथियों का ये झुंड संजय टाइगर रिजर्व एरिया में बंधाडोल पूर्व के आरएफ-325 में घूम रहे हैं। ग्रामीणों को डर है कि नर हाथियों का संख्या बढ़ जाने से हाथियों का झुंड गांव में तबाही मचा सकता है। हालांकि वन विभाग की ट्रैकिंग टीम हांथियों के झुंड के पीछे लगी हुई है और पल-पल की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जा रही है। साथ ही वनों से जुड़े गांवों में लोगों को भी अलर्ट किया जा रहा है। हाथियों का ये झुंड दो साल पहले जब संजय टाइगर रिजर्व सीधी एरिया में पहुंचा था तब इनकी संख्या 7 थी। जिसमें सभी मादा हाथी थे लेकिन 2 मादा हाथियों के बच्चे पैदा करने के बाद इनकी संख्या 9 हो गई थी। जिसमें 7 मादा हाथी और 2 नर हाथी शामिल थे। ग्रामीणों का मानना है कि जंगल मे मौजूद हाथियों के झुंड के बीच कभी भी टकराहट हो सकती है। जिसको लेकर आसपास के गांव के लोग भी हाथियों के निशाने पर आ सकते हैं। फिर भी ग्रामीण जंगली हाथियों के फिर से लौटने की बात से एक बार फिर से सुरक्षा को लेकर दहशत में नजर आ रहे हैं।
हाथियों के झुंड पर नजर रख रही संजय टाइगर रिजर्व की टीम
संजय टाइगर रिजर्व की टीम हाथियों के झुंड को लगातार ट्रैक कर रही है। सभी हाथियों के मूवमेंट पर दूरबीन से नजर रखी जा रही है। लोकेशन ट्रेस करके लगातार हाथियों का पीछा किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि हाथियों का झुंड आबादी वाले इलाके की ओर ना आए। ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में खेतों में फसलें अभी सही तरीके से तैयार नहीं हुई हैं। इसके अलावा मक्के भी खेतों में नहीं लगे हैं। जंगली हाथियों का झुंड खाद्य सामग्री की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों की ओर आता है। जंगल में खाने की कमी होने पर हाथी वहां से निकलने की फिराक में रहते हैं।
ग्रामीणों को समझाइश दे रहा वन विभाग
हाथियों के झुंड के लौटने के बाद वन विभाग भी अलर्ट है। वन विभाग की टीम लगातार ग्रामीणों को समझाइश दे रही है जिससे उनका सीधा सामना हाथियों के झुंड से ना हो सके। वन विभाग की टीम ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए लगातार कोशिश कर रही है।