SAGAR. बुंदेलखंड के किसान बड़े पैमाने पर लहसुन और प्याज की खेती करते हैं। लेकिन इस बार किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है, इससे किसान परेशान हैं। प्याज और लहसुन की खेती में किसान बर्बाद हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के सागर जिले में बड़े पैमाने पर लहसुन और प्याज की खेती की जाती है। सागर जिले में मौजूदा साल में जहां 11 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई थी। वहीं, करीब साढ़े 8 हजार हेक्टेयर में लहसुन की खेती की गई थी।
उम्मीदों पर पानी फिरा
इस बार फसल भी अच्छी आई थी और किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें प्याज और लहसुन के अच्छे दाम मिलेंगे। लेकिन फसल आने के बाद प्याज और लहसुन के किसान अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं और उनकी लागत भी नहीं निकल रही है। हालांकि उद्यानिकी विभाग किसानों को प्याज और लहसुन का भंडारण करने की सलाह दे रहा है और उचित दाम ना मिलने की वजह केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर रोक लगाना बता रहा है।
पूर्व मंत्री का अनोखा प्रदर्शन
जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र के लहसुन-प्याज उत्पादक किसानों ने पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक हर्ष यादव के नेतृत्व में देवरी के प्रमुख मार्गों पर रैली निकाली। सिर पर प्याज की बोरी और गले में लहसुन की माला पहनकर देवरी के नगरपालिका चौराहे से किसान और कार्यकर्ता रैली के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने एसडीएम को शिकायत दर्ज कराई कि जिले में देवरी में सबसे ज्यादा प्याज और लहसुन उत्पादक किसान हैं, लेकिन भाव ना मिलने के कारण किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। विधायक ने मांगों का शीघ्र निराकरण की मांग करते हुए कहा है कि अगर किसानों को प्याज और लहसुन के उचित दाम नहीं मिले तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।