2 महीने में 6 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत, प्रशासन क्यों बेखबर ?

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rahulk kushwaha
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2 महीने में 6 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत, प्रशासन क्यों बेखबर ?

रमन अग्रवाल, सागर. मध्यप्रदेश में एक ओर पूर्व सीएम उमा भारती शराबबंदी को लेकर लगातार हुंकार भर रही हैं, वहीं दूसरी ओर सागर में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामलों से उमा भारती के आंदोलन को बल मिल सकता है। पिछले दो महीने में सागर और आसपास के गांवों में 6 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने से रहस्यमयी मौत हो गई। शराब इस कदर जहरीली थी कि पीने वालों को इलाज का मौका ही नहीं मिला। जहरीली शराब से मौतों के मामले में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी ट्वीट करके सवाल उठाए हैं।



जहरीली शराब ने छीनी जिंदगी: दीनदयाल नगर की रहने वाली गुलाब बाई ने बताया कि उनके पति ने 12 फरवरी को देशी शराब पी और वे 20 मिनट बाद बेहोश हो गए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। दीनदयाल नगर की रहवासी सखी नामदेव ने बताया कि उनका बेटा रामनरेश 4 फरवरी को शराब पीकर घर आया। घर पहुंचते ही वो बेहोश हो गया। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में उसे मृत घोषित कर दिया गया। दो साल पहले ही रामनरेश की शादी हुई थी। मकरोनिया के रहने वाले 38 साल के शिक्षक को शराब पीने के बाद हार्टअटैक आया और अस्पताल में उनकी मौत हो गई। परसोरिया के रामप्रसाद अहिरवार ने बताया कि 22 मार्च को उनके भाई मोतीलाल अहिरवार शराब के नशे में पेट्रोल पंप के पास गिर गए और करीब एक घंटे तड़पते रहे। बेहोश होने के बाद अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पूरे मामले में पुलिस का लापरवाही भरा रवैया देखने को मिला, उन्होंने न तो मर्ग कायम किया और न ही मृतक का पोस्टमार्टम कराया।



धड़ल्ले से बिक रही शराब: सागर के मकरोनिया, परसोरिया और बामोरा सहित शहर से लगे कई ऐसे गांव हैं जहां अमानक शराब का धंधा जोरों से चल रहा है। मकरोनिया से लेकर परसोरिया तक पान और किराने की दुकानों पर जहरीली शराब बेची जा रही है।



द सूत्र ने की पड़ताल: शराब की बिक्री का कच्चा-चिट्ठा खोलने के लिए द सूत्र की टीम ने पड़ताल की। अमानक शराब बेचने की जगहों का पता लगाया गया। मकरोनिया रेलवे स्टेशन के ठीक सामने किराना दुकान पर शराब बेची जा रही है। उस दुकान पर पहुंचकर जब शराब मांगी गई तो तत्काल एक व्यक्ति बाजू में बंद दुकान की शटर के अंदर से बोतल ले आया। शराब की बोतल पर रायसेन जिले का लेबल था। बामौरा क्षेत्र में फोरलेन पर एक पान के टपरे में अवैध शराब बेची जा रही है। द सूत्र की टीम ने जब दुकानदार से बात करते हुए शराब मांगी तो उसने तत्काल शराब का एक क्वार्टर निकालकर दे दिया। यहां भी शराब की बोतल पर रायसेन जिले का लेबल लगा हुआ था। परसोरिया के पास साजली गांव में भी अमानक शराब बेची जा रही है। जब हमारी टीम ने गांव पहुंचकर एक पान की दुकान से शराब मांगी तो, उन्होंने पॉलिथीन में भरकर देशी शराब दी। इस पर न कोई लेबल था और न ही किसी कंपनी का नाम। शराब पूरी तरह अमानक थी। मकरोनिया से परसोरिया तक कई दुकानें हैं, जहां शराब खुलेआम बिक रही है।



प्रशासन की लापरवाही: नरयावली विधायक प्रदीप लारिया ने शासन को पत्र लिखकर अमानक शराब के व्यवसाय की जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की है, लेकिन शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। विधायक प्रदीप लारिया विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं। सरकार और प्रशासन की नाक के नीचे अमानक शराब बेची जा रही है। शराब माफिया की दहशत ऐसी है कि लोग पुलिस से शिकायत करने से भी कतराते हैं। प्रशासन का लापरवाही भरा रवैया चिंताजनक है।



क्या कह रहा प्रशासन: पूरे मामले में कलेक्टर दीपक आर्या का कहना है कि जिले में अवैध शराब बिक्री करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अवैध शराब पीने से मौत के मामले में अब तक कोई शिकायत नहीं आई है। वहीं एसपी तरुण नायक का कहना है कि अवैध शराब के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। शराब तस्करी करने वालों पर भी कार्रवाई की जा रही है। परिवहन करने वाले वाहनों को भी राजसात करने की कार्रवाई की जा रही है। एसपी का भी यही कहना है कि शराब से मौतों के मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।


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