देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आज पुलिस द्वारा एक युवक के खिलाफ एनडी पीएस के एक झूठे मामले में जेल भेजने के मामले में कड़ी कार्यवाही करते हुए डीजीपी से पीड़ित को दस लाख रुपये देने और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोपी से खतरनाक नशीला ड्रग एमडीएमए जब्त करने का दावा किया था, जबकि एफएसएल की जांच में पाया गया कि वह तो यूरिया है।
पुलिस ने जब्त की थी एमडीएमए ड्रग
ग्वालियर के मुरार थाना पुलिस ने 6 सितम्बर 2022 को एक आरोपी को पकड़ा था और दावा किया था कि उसके कब्जे से 760 ग्राम एमडीएम पकड़ी गई है। एमडीएम अभी सबसे मंहगा ड्रग प्रोडक्ट है और इसका उपयोग सेलिब्रिटी द्वारा पूल पार्टियों में किया जाता है। दावा किया गया था कि ग्वालियर के रेस्टोरेंट्स और फार्म हाउस पर होने वाली पूल पार्टियों में खपाने के लिए यह लाया गया था। पुलिस की यह कार्यवाही मीडिया में भी खूब सुर्खी में आई थी।
मुरार पुलिस ने दर्ज किया था केस
इस मामले में मुरार थाना पुलिस ने आरोपी रोहित तिवारी के खिलाफ के एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनसे 760 ग्राम एमडीएमए ड्रग की जब्ती दिखाई थी और आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
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एफएसएल रिपोर्ट में एमडीएमए नही यूरिया निकली
आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से इस मामले में आर्टिकल 439 के तहत हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की और उसमे जब्त किए गए पदार्थ की एफएसएल रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने का निवेदन किया। हाईकोर्ट ने उस निवेदन को स्वीकार कर रिपोर्ट मंगवाई। रिपोर्ट में पाया गया कि रोहित तिवारी से जप्त किया गया पदार्थ एमडीएमए ड्रग नही बल्कि वह तो यूरिया है।
डीजीपी से कहा 10 लाख का मुआवजा दे
आरोपी रोहित तिवारी के वकील सुनील गोस्वामी ने बताया कि हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट में पाया कि जब्त किए गए पदार्थ यूरिया से आरोपी पर एनडीपीएस का मामला नही बनता इसलिए यह एफआईआर गलत है जिसे निरस्त किया जाए। साथ ही कोर्ट ने माना कि रोहित तिवारी को 9 माह तक़ कस्टडी में रखकर उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन किया गया जिसके लिए डीजीपी उन्हें कंपनसेशन के रूप में दस लाख रुपये दें। साथ ही इस मामले से जुड़े और जांच अधिकारियों के लिए निर्देश दिए है कि इस तरह के फाल्स भविष्य में दर्ज न हो इसके लिए यह सुनिश्चित करें और दोषी लोगों पर कार्यवाही की जाए।