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Photograph: (THESOOTR)
NEWS STRIKE ( न्यूज स्ट्राइक ): राहुल गांधी वोट चोरी से जुड़ा हाइड्रोजन बम क्या एमपी में फोड़ेंगे। ये सवाल चौंकाने वाला है। सवाल जितना चौंका रहा है उससे ज्यादा ये बात खटक रही है कि वोट चोरी का मुद्दा लेकर राहुल गांधी अब तक मध्यप्रदेश का रुख क्यों नहीं कर रहे है। इसलिए ही हमने ये सवाल पूछा कि क्या सीधे वो एच बम लेकर ही यहां आएंगे।
मध्यप्रदेश को लेकर कांग्रेस का रवैया बहुत सारे सवाल उठाता है। खासतौर से तब जब कांग्रेस वोट चोरी के मुद्दे के साथ फुल एग्रेशन से राष्ट्रीय पटल पर उभर रही है, लेकिन जिस प्रदेश में बीजेपी लगातार सरकार बना रही है। उस प्रदेश को राहुल गांधी हाथ तक नहीं लगा रहे हैं, जबकि यहां भी 27 सीटों पर वोट चोरी का अंदेशा जताया जा चुका है।
होमवर्क के बाद राहुल गांधी कर रहे हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस
हम आज कांग्रेस से ऐसे एक दो नहीं चंद और सवाल पूछने वाले हैं। पहले थोड़ी सी बात वोट चोरी पर कर लेते हैं। वोट चोरी वो मुद्दा है जिसे राहुल गांधी सहित पूरा इंडिया गठबंधन बिहार में जोर शोर से उठा रहा है। बिहार जैसे प्रदेश में जनसभाएं छोड़कर राहुल गांधी इस मुद्दे को उठाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। जिन्हें देखकर ये अंदाजा आसानी से हो जाता है कि एक-एक प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरे होमवर्क के बाद हो रही है।
बड़ी स्क्रीन पर जो चल रहा है उसके साथ सिंक करते हुए राहुल गांधी फेक्ट्स रख रहे हैं। जो ये साफ जाहिर करता है कि ये सब सीखने समझने में भी वो काफी समय देते ही होंगे। ताकि कहीं कोई गलती न रह जाए। इतनी तैयारी के साथ वो दो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं। पहली बार उन्होंने वोटों के एडिशन का मामला उठाया। यानी एक ही छोटे से घर में अस्सी नब्बे लोगों के वोट होने के सबूत पेश किए।
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पहला एटम बम था, अब हाइड्रोजन फोड़ने की तैयारी
इस पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उन्होंने ऐलान किया कि पहला वाला एटम बम था, लेकिन अब हाइड्रोजन फोड़ने की तैयारी है। अलबत्ता हाइड्रोजन बम को थोड़ा मुलतवी कर दिया गया और उसकी जगह वोटों के डिलिशन का मुद्दा उठाया गया।
दोनों ही बार राहुल गांधी ने कर्नाटक की सीटों को मॉडल की तरह पेश किया। जबकि पिछले कुछ सालों में जो चुनाव हुए। उसमें हरियाणा और महाराष्ट्र को भुलाया नहीं जा सकता। इन दोनों ही प्रदेशों में कांग्रेस की जीत बिलकुल तय मानी जा रही थी, लेकिन बीजेपी की या एनडीए की सरकार बनी।
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राहुल गांधी के वोट चोरी के मुद्दे में एमपी का भी नाम
मध्यप्रदेश में भी पिछले विधानसभा चुनाव में हालात यही थे। कांग्रेस की जीत साफ दिख रही थी। इसके बावजूद बीजेपी बहुत आसानी से जीत कर सत्ता में आई। सिर्फ आसानी से ही नहीं बंपर जीत के साथ बीजेपी ने सरकार बनाई और कांग्रेस के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी तक हार गए।
जीत का सारा क्रेडिट गया लाडली बहना योजना और पीएम मोदी की लोकप्रियता को। हालांकि, वोट चोरी का मुद्दा उठाने के बाद खुद राहुल गांधी ने जिन प्रदेशों के नाम लिए उसमें मध्यप्रदेश का नाम भी शामिल था।
इसके बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं और कांग्रेस समर्थित कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया। निलय दागा नाम के फेसबुक हैंडल से एक अखबार की कटिंग पोस्ट की गई और दावा किया गया कि एमपी में 27 सीटों पर वोट चोरी हुई है। कुछ न्यूज चैनल ने हाल ही में इस संबंध में स्टोरी चलाई कि सतना में एक ही घर में 89 वोटर्स मिले हैं। और वोट चोरी के सवाल उठाए हैं।
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उमंग सिंघार ने 27 सीटों पर वोट चोरी के लगाए आरोप
19 अगस्त को मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने भी कुछ दस्तावेजों के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और 27 सीटों पर वोट चोरी और बीजेपी नेताओं को अनैतिक लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए। उमंग सिंगार ने ये भी कहा कि चुनाव से पहले ही लाखों मतदाताओं के नाम जुड़े। जिन सीटों पर कांग्रेस की हार हुई वहां वोटर्स की संख्या में वृदधि हार के अंतर से कहीं ज्यादा पाई गई।
सिंघार ने ये भी कहा कि 5 जनवरी से 2 अगस्त 2023 के बीच वोटर्स की संख्या में करीब 4.64 लाख की वृद्धि हुई है। इसके अलावा 2 अगस्त से 4 अक्टूबर के दो महीनों में 16.05 लाख मतदाताओं की अप्रत्याशित तरीके से वृद्धि देखने को मिली। हम याद दिला दें कि इस चुनाव में कांग्रेस को महज 66 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी 163 सीटें जीत कर प्रदेश में वापस लौटी और मोहन यादव की सरकार बनीं।
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उमंग सिंगार चुनाव आयोग के सामने भी रखी हैं मांगें...
उमंग सिंगार कई दावे किए हैं और चुनाव आयोग के सामने कुछ मांगे भी रखी हैं। पर, सवाल ये है कि राहुल गांधी ने अब तक इस मुद्दे पर मध्यप्रदेश का रुख क्यों नहीं किया है।
- सवाल नंबर 1- क्या राहुल गांधी मध्यप्रदेश को बाकी प्रदेशों जितनी अहमियत नहीं देना चाहते।
- सवाल नंबर 2- क्या राहुल गांधी को मध्यप्रदेश की अपनी ही टीम पर भरोसा नहीं है।
- सवाल नंबर 3- क्या राहुल गांधी को लगता है कि चुनाव में अभी वक्त है इसलिए वो मप्र का रुख नहीं कर रहे।
- सवाल नंबर 4- क्या राहुल गांधी सही समय और सही जगह का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद मध्यप्रदेश में भी कोई बड़ा बम फोड़ने की तैयारी है।
- सवाल नंबर 5- क्या राहुल गांधी के हाइड्रोजन बम के धमाके की थोड़ी बहुत आवाज मध्यप्रदेश में भी गूंजेगी।
MP में धमाके का असर CG और राजस्थान में भी सुनाई देगा
जीती हुई बाजी हारने के बावजूद राहुल गांधी या कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने अब तक मध्यप्रदेश का रुख करने के बारे में सोचा तक नहीं है। जबकि राहुल गांधी और कांग्रेस के नीति नियंता ये अच्छे से समझ सकते हैं कि अगर मध्यप्रदेश में कोई धमाका हुआ तो उसका असर छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी जरूर सुनाई देगा। इन प्रदेशों में भी बीजेपी से पहले कांग्रेस की सरकार थी। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को साल 2018 में सरकार बनाने का मौका मिला ही था। इसके बावजूद मध्यप्रदेश से दूरी बना कर रखने का कांग्रेस का फैसला समझ से परे ही लगता है।