Wedding Planning Tips: दूसरों की नकल नहीं, अपनी प्रायोरिटी से तय करें वेडिंग स्टाइल, जानें टिप्स

शादी में लोग अक्सर पानी की तरह पैसा बहा देते हैं और बाद में कर्ज में डूब जाते हैं। एक स्टडी के मुताबिक, इंडियन वेडिंग्स पर औसतन 36.5 लाख खर्च होते हैं। अगर आप अपनी सपनों की शादी करना चाहते हैं, तो स्मार्ट प्लानिंग और सही बजटिंग सबसे जरूरी है।

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Kaushiki
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LIFESTYLE NEWS: हम सब जानते हैं कि इंडिया में शादी सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन होती है। यह एक ऐसा ईवेंट है जिसे हर कोई आलीशान बनाना चाहता है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ कुछ दिनों की इस खुशी के लिए हम कितना खर्च कर देते हैं? इंडिया लेंड्स की एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि एक भारतीय शादी पर औसतन 36.5 लाख रुपए खर्च होते हैं।

हैरानी की बात यह है कि हमारे देश में 26% दूल्हा-दुल्हन तो शादी के खर्चों के लिए पर्सनल लोन तक ले लेते हैं। यानी कुछ दिन का जश्न और फिर सालों तक आर्थिक बोझ।

कर्ज से बचने और शादी को यादगार बनाने के लिए समझदारी भरी स्मार्ट प्लानिंग अभी से शुरू करें। शादी की तारीख तय होते ही, बिना देर किए इन जरूरी बातों पर काम शुरू कर दें। जानें अपनी शादी को बजट-फ्रेंडली बनाने की स्मार्ट ट्रिक्स...

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सबसे पहले अपना बजट फिक्स करें

किसी भी प्लानिंग का पहला कदम होता है बजट फिक्स करना। आप साफ-साफ तय करें कि आप अपनी शादी पर ज्यादा से ज्यादा कितना खर्च कर सकते हैं। इस पूरे खर्च को अलग-अलग कैटेगरी में बांट लें, जैसे:

  • वेन्यू और कैटरिंग (Venue & Catering)

  • पोशाकें (Outfits) और ज्वेलरी (Jewelry)

  • डेकोरेशन (Decoration) और फोटोग्राफी (Photography)

  • गिफ्ट्स और अन्य छोटे-मोटे खर्च

  • जब बजट फिक्स हो जाएगा, तभी आप हर कैटेगरी के लिए सही योजना बना पाएंगी।

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प्रायोरिटी के हिसाब से खर्च करें

शादी की हर चीज पर पानी (रिलेशनशिप) की तरह पैसा बहाने के बजाय, उन चीजों को प्राथमिकता दें जो आपके और आपके पार्टनर के लिए सबसे ज्यादा मायने रखती हैं। जैसे,

  • अगर आपको लगता है कि शानदार फोटोग्राफी सबसे जरूरी है, तो उस पर ज्यादा खर्च करें और डेकोरेशन या खाने के मेन्यू में थोड़ी कटौती कर लें।

  • गैर-जरूरी चीजों पर खर्च करने से बचें। जैसे, महंगे वेडिंग कार्ड्स की जगह साधारण कार्ड चुनें या आजकल ई-इनवाइट का चलन अपनाएं। आखिर ये सिर्फ इन्फॉर्मेशन देने का जरिया हैं।

  • आलीशान कार की जगह सामान्य कार बुक करें। बचा हुआ पैसा अपनी हनीमून प्लानिंग में लगा दें।

व्यवस्थित तैयारी और बचत

शादी की तारीख तय होने के 8-12 महीने पहले से ही बचत शुरू कर दें। इससे आप एक साथ बड़ा खर्च करने के प्रेशर से बच जाएंगी।

  • किश्तों में पेमेंट: 

    वेंडर्स को अगर मुमकिन हो तो किश्तों में पेमेंट करें। इससे एक ही बार में सारा पैसा देने का तनाव कम होता है।

  • एक्सल शीट का इस्तेमाल: 

    अपने हर छोटे-बड़े खर्च को नोट करने के लिए एक एक्सेल शीट या बजटिंग ऐप का इस्तेमाल करें। इससे आपको पता रहेगा कि पैसा कहां जा रहा है।

  • पहले से खरीदारी: 

    कपड़े, ज्वेलरी, फूटवियर और मेकअप जैसी चीजें पहले से ही खरीदकर रख लें। इससे न सिर्फ आखिरी समय की भागदौड़ कम होगी, बल्कि अक्सर सेल या छूट का फायदा भी मिल जाता है।

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दिखावा और नकल से बचें

आजकल लोग सोशल मीडिया पर दूसरों की शादियों को देखकर नक़ल करने लगते हैं। याद रखें, हर परिवार का बजट और स्टाइल अलग होता है। दिखावेबाजी से सिर्फ आपका बजट बिगड़ता है।

  • अपने बजट के हिसाब से अपनी वेडिंग स्टाइल तय करें।

  • सबसे आसान तरीका है कि गेस्ट लिस्ट को सीमित करें। 

  • जितने कम मेहमान होंगे, उतना ही कम खर्च कैटरिंग और वेन्यू पर आएगा।

  • आपकी खुशी जरूरी है, न कि लोगों को इम्प्रेस करना।

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इमरजेंसी फंड जरूर रखें

चाहे आप (Family Relationship) कितनी भी अच्छी प्लानिंग कर लें, शादी में हमेशा कोई न कोई अप्रत्याशित खर्च सामने आ ही जाता है।

अपने कुल बजट का 5-10 प्रतिशत हिस्सा हमेशा इमरजेंसी फंड के तौर पर अलग से रखें। मेकअप आर्टिस्ट या वेन्यू के अचानक एक्स्ट्रा चार्ज को इमरजेंसी फंड से, बिना किसी तनाव (change in lifestyle) के तुरंत सुलझाएं। यह फंड आपको आर्थिक सुरक्षा देता है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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