भिलाई स्टील प्लांट के लोहे से मिजोरम में बना देश का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज

छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट का स्टील मिजोरम की राजधानी आइजोल को पहली बार रेल नेटवर्क से जोड़ने वाले बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट में इस्तेमाल हुआ। इस प्रोजेक्ट के तहत देश का दूसरा सबसे बड़ा पियर ब्रिज बनाया गया।

author-image
Harrison Masih
New Update
bhilai-steel-pier-bridge-bairabi-sairang-rail-project-mizoram the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट (BSP) का स्टील देशभर के मेगा प्रोजेक्ट्स में नई पहचान बना रहा है। चिनाब रेलवे ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और INS विक्रांत जैसे ऐतिहासिक प्रोजेक्ट्स के बाद अब मिजोरम की राजधानी आइजोल में बने देश के दूसरे सबसे बड़े पियर ब्रिज में भी छत्तीसगढ़ का लोहा इस्तेमाल हुआ है।

यह ब्रिज बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिससे आजादी के बाद पहली बार मिजोरम की राजधानी आइजोल रेल नेटवर्क से जुड़ गई है। इस पुल का निर्माण 10 साल से अधिक समय में पूरा हुआ है। इसके बनने से अब 7 घंटे का सफर सिर्फ 3 घंटे में तय किया जा सकेगा।

ये खबर भी पढ़ें... भिलाई स्टील प्लांट में करीब 1500 बांग्लादेशी मजदूर... होगी जांच

बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट: 8,071 करोड़ की लागत

रेल मंत्रालय के मुताबिक, बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2014 में हुई थी। तब इसकी लागत 5,020 करोड़ रुपए थी, लेकिन ब्रिज, टनल और 51.38 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के निर्माण में कुल 8,071 करोड़ रुपए खर्च हुए। यह रेल नेटवर्क भविष्य में म्यांमार बॉर्डर तक भी बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने इसका लोकार्पण कर सकते हैं।

ये खबर भी पढ़ें... भिलाई स्टील प्लांट में ब्लास्ट... फर्नेस का डस्ट क्रिएटर फटा

भिलाई स्टील प्लांट की अहम भूमिका

भिलाई स्टील प्लांट से 30-35 हजार टन लोहा इस प्रोजेक्ट के लिए भेजा गया। ब्रिज निर्माण के लिए BSP से 6,522 टन टीएमटी स्टील, 7,450 टन प्लेट्स और 60 टन स्ट्रक्चरल स्टील उपलब्ध कराया गया।

सेल (SAIL) की अन्य इकाइयों—बर्नपुर इस्को स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट और बोकारो स्टील लिमिटेड से भी स्टील की आपूर्ति हुई। कुल मिलाकर इस प्रोजेक्ट के लिए 17,000 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ।

छत्तीसगढ़ स्टील की पहचान: एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट

भिलाई स्टील प्लांट (BSP) एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है। इसकी स्थापना 1955 में सोवियत संघ की मदद से हुई थी।

  • आयरन ओर: राजहरा माइंस (100 किमी दूर)
  • लाइम स्टोन: नंदिनी माइंस (25 किमी दूर)
  • डोलोमाइट: हिर्री (140 किमी दूर) से लाया जाता है।

ये खबर भी पढ़ें... PSC-Vyapam परीक्षाएं बनीं सुर्खियां,हजारों आवेदक लेकिन परीक्षा केंद्र खाली,जानिए क्या सवाल पूछे गए

मिजोरम रेलवे ब्रिज निर्माण की 5 मुख्य बातें:


  1. भिलाई स्टील प्लांट का योगदान – बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट के लिए BSP से 30-35 हजार टन लोहा भेजा गया, जबकि SAIL की अन्य इकाइयों से कुल 17 हजार टन स्टील सप्लाई हुआ।

  2. देश का दूसरा सबसे बड़ा पियर ब्रिज – मिजोरम की राजधानी आइजोल को जोड़ने वाला यह ब्रिज भारत का दूसरा सबसे बड़ा पियर ब्रिज है।

  3. 8,071 करोड़ की लागत और 10 साल का समय – इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2014 में 5,020 करोड़ की लागत से हुई थी, लेकिन इसे पूरा करने में 8,071 करोड़ रुपए और 10 साल लगे।

  4. 51.38 किमी लंबी रेल लाइन – इस प्रोजेक्ट के तहत टनल, ट्रैक और ब्रिज सहित 51.38 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण हुआ।

  5. सफर होगा आसान – इस ब्रिज और रेल लाइन के शुरू होने से 7 घंटे का सफर अब केवल 3 घंटे में पूरा होगा और भविष्य में यह लाइन म्यांमार बॉर्डर तक जाएगी।

BSP का स्टील पहले भी कई मेगा प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल हो चुका है, जैसे:

  • चिनाब ब्रिज: दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज।
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति।
  • INS विक्रांत: भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर।

ये खबर भी पढ़ें... CG Weather Update: अगले दो दिन जमकर बरसेंगे बादल,17 जिलों में यलो अलर्ट,हसदेव भी उफान पर

बइरबी-सायरंग ब्रिज की अहमियत

मिजोरम की राजधानी आइजोल पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ी। प्रोजेक्ट से नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी मजबूत होगी और मिजोरम के विकास को नई दिशा मिलेगी। म्यांमार बॉर्डर तक रेल कनेक्टिविटी बढ़ने से भारत की सामरिक स्थिति मजबूत होगी।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

आइजोल रेल नेटवर्क BSP मिजोरम रेलवे ब्रिज बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट भिलाई स्टील प्लांट