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बिलासपुर। मोपका बायपास को कुछ साल तक वैकल्पिक और सुरक्षित माना जाता था। लेकिन आज के दौर में इस सड़क पर हर जगह बस गड्ढे ही नजर आ रहे हैं। इन गड्ढों की लंबाई एक से सवा फीट तक है। जिस वजह से लोगों की जान हर रो जखतरे में पड़ रही है।
गड्ढे में तब्दील हुई सड़क
इस बायपास को राज्य सरकार ने साल 2016 में करीब 35.88 करोड़ रुपए की लागत बनवाया था। लेकिन रख रखाव नहीं होने की वजह से मियाद खत्म होने से पहले ही पूरी सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। हर दिन जाम गड्ढों में फंसे हुए वाहन और हादसों के खतरे को देखते हुए अब लोगों ने कार और बाइक से इस सड़क पर चलना बंद कर दिया है।
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ट्रकों की लगी लंबी लाइन
मोपका से रतनपुर हाईवे तक इस सड़क की लंबाई 14 किलोमीटर है, जिसमें करीब 2 हजार छोटे-बड़े गड्ढे हैं। इसमें से करीब 100 गड्ढे तो इतने खतरनाक हैं कि, इसमें फंसकर किसी की जान भी जान सकती है। गड्ढों की वजह से सड़क पर आय दिन जाम के हालत बन रहे हैं। जाम की वजह से इस सड़क पर ट्रकों की लंबी लाइन लगी है। घंटों लंबा जाम लग रहा है, जिससे इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
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35 करोड़ की लागत से बनी थी सड़क
रतनपुर से कटघोरा की तरफ जाने के लिए लोग को शहर के अंदर से होकर आवजाही करनी पड़ती है। मोपका बायपास से अब सिर्फ भारी वाहनों का आना-जाना हो रहा है। लेकिन अब इन वाहनों का चलना भी मुश्किल हो चुका है। इस वजह से सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है। इस सड़क पर भारी वाहन तो क्या टू व्हीलर चलाना भी मुश्किल और जोखिम भरा हो चला है। इस सड़क का निर्माण साल 2016 में 35 करोड़ 88 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था, जो उखड़नी शुरू हो गई। मरम्मत पर 5 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
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गड़बड़ी की यह है वजह
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सड़क पर मुरुम कालेयर 8 सीबीआर से अधिक होना था, लेकिन तत्कालीन इंजीनियरों और ठेकेदार ने आसपास के खेतों की काली मिट्टी डाल दी, वह भी 8 CBR से कम है। डामर के उखड़ने और काली मिट्टी होने की वजह से सड़क दलदली हो गई।
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करनी पड़ेगी खुदाई
सड़क नए सिरे से बनाई जाएगी तो पहले 1 मीटर तक खुदाई करनी पड़ेगी,तब जाकर मापदंड के मुताबिक सही सड़क बनेगी। बता दें कि यह सड़क पीडब्ल्यूडी की है और इसका निर्माण ठेकेदार अनिल अग्रवाल ने किया था। जानकारी के मुताबिक निर्माण के दौरान गुणवत्ता से जुड़े तमाम मापदंडों की अनदेखी की गई।
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