35 करोड़ की सड़क उखड़ी, 2 हजार गड्ढों ने बढ़ाई मुसीबत

बिलासपुर के मोपका बायपास को कुछ साल तक वैकल्पिक और सुरक्षित माना जाता था। लेकिन‎ आज के दौर में इस सड़क पर हर जगह बस गड्ढे ही नजर ‎आ रहे हैं। इन गड्ढों की लंबाई एक से सवा फीट तक है। जिस वजह से लोगों की जान हर रो ज‎खतरे में पड़ रही है।

author-image
Pravesh Shukla
New Update
bilaspur-mopka-bypass-pit- problem the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

बिलासपुर।  मोपका बायपास को कुछ साल तक वैकल्पिक और सुरक्षित माना जाता था।  लेकिन‎ आज के दौर में इस सड़क पर हर जगह बस गड्ढे ही नजर ‎आ रहे हैं। इन गड्ढों की लंबाई एक से सवा फीट तक है। जिस वजह से लोगों की जान हर रो ज‎खतरे में पड़ रही है।

गड्ढे में तब्दील हुई सड़क

इस बायपास को‎ राज्य सरकार ने साल 2016 में ‎करीब 35.88 करोड़ रुपए की लागत‎ बनवाया था। लेकिन रख रखाव नहीं ‎होने की वजह से मियाद खत्म होने से ‎पहले ही पूरी सड़क गड्ढों में तब्दील हो  चुकी है।‎ हर दिन जाम गड्ढों में फंसे हुए वाहन ‎और हादसों के खतरे को देखते हुए अब लोगों ने  कार और बाइक से इस‎ सड़क पर चलना बंद कर दिया है।‎

पढ़ें: 20 साल से अटका है लेमरू एलिफेंट रिजर्व, आखिर कब मिलेगा हाथियों को ठिकाना

ट्रकों की लगी लंबी लाइन

मोपका से रतनपुर हाईवे तक इस सड़क की लंबाई 14‎ किलोमीटर है, जिसमें  करीब 2 हजार छोटे-बड़े गड्ढे हैं। इसमें से करीब ‎100 गड्ढे तो इतने खतरनाक हैं कि, इसमें फंसकर किसी की जान भी जान सकती है। गड्ढों की वजह से सड़क पर आय दिन जाम के हालत बन रहे हैं। जाम की वजह से इस सड़क पर ट्रकों की लंबी लाइन लगी है। घंटों लंबा जाम लग रहा है, जिससे इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है।

पढ़ें: इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट देने छत्तीसगढ़ आएंगी गूगल और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी

35 करोड़ की लागत से बनी थी सड़क

रतनपुर से कटघोरा की तरफ जाने‎ के लिए लोग को शहर के अंदर से होकर‎ आवजाही करनी पड़ती है।‎ मोपका बायपास से अब सिर्फ‎ भारी वाहनों का आना-जाना हो रहा‎ है। लेकिन अब इन वाहनों का चलना ‎भी मुश्किल हो चुका है। इस वजह से ‎सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है। इस सड़क पर भारी वाहन तो क्या टू व्हीलर चलाना भी मुश्किल और जोखिम भरा हो चला है।  इस सड़क का निर्माण साल 2016 में 35 करोड़ 88‎ लाख रुपए की लागत से बनाया गया था, जो  उखड़नी शुरू हो गई। ‎‎मरम्मत पर 5 करोड़ खर्च हो चुके हैं।‎

पढ़ें: भारी बारिश से टापू बने कांकेर के इलाके... बस्तर में बाढ़ जैसी स्थिति

गड़बड़ी की यह है वजह

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सड़क पर मुरुम का‎लेयर 8 सीबीआर से अधिक होना था, लेकिन ‎तत्कालीन इंजीनियरों और ठेकेदार ने आसपास के‎ खेतों की काली मिट्टी डाल दी, वह भी 8 CBR से कम है। डामर के उखड़ने और काली मिट्टी होने की वजह से सड़क दलदली हो गई।

पढ़ें: पीएम सूर्यघर योजना से घर बैठे करें सोलर प्लांट के लिए ऑनलाइन आवेदन, पाएं 40% तक सब्सिडी

करनी पड़ेगी खुदाई

सड़क नए सिरे से बनाई‎ जाएगी तो पहले 1 मीटर तक खुदाई करनी पड़ेगी,‎तब जाकर मापदंड के मुताबिक सही सड़क बनेगी।‎ बता दें कि यह सड़क पीडब्ल्यूडी की है और इसका निर्माण‎ ठेकेदार अनिल अग्रवाल ने किया था। जानकारी के ‎मुताबिक निर्माण के दौरान गुणवत्ता से जुड़े तमाम मापदंडों‎ की अनदेखी की गई।

Bilaspur, Road, potholes in the road, traffic jam, Negligence, allegation of negligence, allegation of negligence on management, poor construction, Chhattisgarh, Chhattisgarh News, ट्रैफिक जाम, लापरवाही, घटिया निर्माण, छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ न्यूज

छत्तीसगढ़ न्यूज छत्तीसगढ़ घटिया निर्माण लापरवाही ट्रैफिक जाम गड्ढे सड़क बिलासपुर Chhattisgarh News Chhattisgarh poor construction allegation of negligence on management allegation of negligence Negligence traffic jam potholes in the road Road Bilaspur
Advertisment