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Photograph: (the sootr)
आजकल टेक्नोलॉजी ने हर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इस मामले में छत्तीसगढ़ की पंचायतें भी पीछे नहीं है। अब यह पंचायतें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम करेंगी। छत्तीसगढ़ की 11 हजार 693 ग्राम पंचायतों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग शुरू होने जा रहा है।
AI आधारित एक विशेष टूल सभासार (SabhaSaar) के द्वारा ग्राम सभा की बैठकों के मिनट्स (विवरण) को स्वचालित रूप से तैयार किया जाएगा। इस डिजिटल नवाचार का उद्देश्य ग्राम पंचायतों की कार्यक्षमता बढ़ाना और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है।
क्या है SabhaSaar टूल?
SabhaSaar एक AI (Artificial Intelligence) आधारित उपकरण है, जिसे ग्राम पंचायतों की बैठकों के ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग्स के माध्यम से बैठक का सारांश (Minutes) तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस टूल का मुख्य उद्देश्य कार्यों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
सभासार की कार्यप्रणाली
सभासार का काम बैठक के दौरान की जाने वाली चर्चाओं को सुनकर उन पर आधारित महत्वपूर्ण बिंदुओं और निर्णयों को स्वचालित रूप से लिपिबद्ध करना है। यह प्रक्रिया न केवल समय बचाती है बल्कि सरकारी बैठकों को भी और अधिक कार्यकुशल बनाती है।
सभासार का उपयोग ग्राम पंचायतों में
छत्तीसगढ़ के लगभग 11,693 ग्राम पंचायतों में इस टूल का इस्तेमाल किया जाएगा जो प्रत्येक ग्राम सभा की बैठक के मिनट्स को एक व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से तैयार करेगा। इसके उपयोग से ग्राम पंचायत के अधिकारियों को अधिक समय मिलेगा क्योंकि उन्हें मैन्युअल रूप से रिकॉर्ड्स तैयार करने की आवश्यकता नहीं होगी।
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छत्तीसगढ़ की पंचायतों में एआई के नवीन प्रयोगों को ऐसे समझेंAI आधारित सभासार टूल: छत्तीसगढ़ के 11,693 ग्राम पंचायतों में सभासार टूल का इस्तेमाल किया जाएगा, जो ग्राम सभा की बैठकों के मिनट्स (विवरण) को ऑटोमैटिक तैयार करेगा। पारदर्शिता और समय की बचत: इस टूल से बैठक की जानकारी पारदर्शी होगी और मैन्युअल दस्तावेजीकरण में लगने वाला समय कम होगा। 13 भाषाओं में उपलब्ध: सभासार टूल 13 भारतीय भाषाओं में काम करता है, जिससे विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि वाले लोग इसका उपयोग कर सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में तकनीकी चुनौतियां: छत्तीसगढ़ के दूरदराज के इलाकों में नेटवर्क समस्याएं आ सकती हैं जिससे इसका प्रभाव पड़ सकता है। केंद्र सरकार की पहल: केंद्र सरकार ने 15 अगस्त से इस टूल का उपयोग ग्राम पंचायतों में लागू करने का निर्देश दिया है। |
क्या होंगे फायदे?
समय की बचत: अब पंचायतों को बैठकों के मिनट्स तैयार करने में अधिक समय नहीं लगेगा।
पारदर्शिता: सभासार के माध्यम से बैठक की सारी जानकारी पारदर्शी तरीके से साझा की जा सकती है।
उत्तरदायित्व: यह टूल सुनिश्चित करेगा कि हर बैठक की कार्यवाही को सार्वजनिक रूप से साझा किया जाए, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित हो।
AI की ताकत: AI तकनीक बैठक के अहम बिंदुओं और निर्णयों को तुरंत पहचानकर उनका सही तरीके से दस्तावेजीकरण करती है।
तकनीकी दिक्कतें और समाधान
हालांकि, छत्तीसगढ़ के दूरदराज के इलाकों में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या आ सकती है जिससे सभासार टूल का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाएगा। इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने इस प्रणाली को 15 अगस्त से ग्राम सभा में लागू करने का आदेश दिया था। इसके संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
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13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध
SabhaSaar का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह उपकरण 13 भारतीय भाषाओं में कार्य करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी ग्राम पंचायतों के पदाधिकारी और सदस्य अपनी भाषाई पृष्ठभूमि के अनुसार इसे आसानी से उपयोग कर सकें। भविष्य में इसे अन्य भाषाओं में भी विस्तार दिया जाएगा।
दिया जाएगा गाइडलाइन व प्रशिक्षण
प्रियंका महोबिया संचालक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कहा, ग्राम पंचायतों में सभासार टूल का उपयोग किया जाएगा। इस संबंध में सभी को निर्देश जारी किए गए हैं। इस टूल के संचालन के लिए भी गाइडलाइन व प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।