छत्तीसगढ़ में सूचना आयुक्त की नियुक्ति का रास्ता साफ, HC ने खारिज की याचिकाएं, 25 साल अनुभव की शर्त को दी थी चुनौती

राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने 25 साल के अनुभव की शर्त को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी है। इस तरह नियुक्ति प्रक्रिया को मंजूरी मिली है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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BILASPUR. छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त के पद पर 25 साल अनुभव की शर्त पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने इस शर्त को सही मानते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने कहा कि जब आवेदन अधिक होते हैं, तो चयन प्रक्रिया में शॉर्टलिस्टिंग महत्वपूर्ण होती है।

25 साल के अनुभव की शर्त पर कोर्ट का फैसला

अनिल तिवारी, राजेंद्र कुमार पाध्ये और डॉ. दिनेश्वर प्रसाद सोनी ने राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी। इन याचिकाओं में 25 साल के अनुभव की शर्त को अनुचित बताया गया। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि अनुभव की यह शर्त उम्मीदवारों के लिए असमानता पैदा करती है। याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि शर्तें चयन प्रक्रिया के बाद बदली गई हैं। उम्मीदवारों को विधि, विज्ञान, समाजसेवा, पत्रकारिता या प्रशासन के क्षेत्र में अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा उम्मीदवारों की आयु 65 साल से कम होनी चाहिए।  

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अनुभव की कोई न्यूनतम शर्त नहीं है

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि आरटीआई एक्ट में अनुभव की कोई न्यूनतम शर्त नहीं है। उन्होंने सरकार के फैसले को खेल के बीच में नियम बदलने जैसा बताया। छत्तीसगढ़ सरकार ने सर्च कमेटी के फैसले का समर्थन किया और इसे उचित ठहराया। सरकार का कहना था कि अनुभव की शर्त आरटीआई एक्ट के अनुसार है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने सर्च कमेटी की शर्तों को सही ठहराया और याचिकाओं को खारिज किया। इस फैसले के बाद सूचना आयुक्त की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। अब 25 साल का अनुभव और आयु सीमा तय कर नियुक्ति प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई है।

राज्य सरकार का पक्ष

राज्य सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया है। सरकार के अनुसार सर्च कमेटी को शर्तें तय करने का पूरा अधिकार है। उनका कहना था कि आरटीआई एक्ट के तहत सूचना आयुक्त पद के लिए एक अनुभव और ज्ञान जरूरी है। उच्च न्यायालय ने इस पक्ष को सही ठहराया और याचिकाओं को खारिज कर दिया।

शॉर्टलिस्टिंग प्रक्रिया को लेकर कोर्ट का रुख

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी पद के लिए बहुत सारे आवेदन आते हैं। इसलिए सर्च कमेटी को शॉर्टलिस्टिंग के मानदंड तय करने का अधिकार है। यही नहीं, कोर्ट ने यह भी माना कि 25 साल का अनुभव इस पद के लिए जरूरी है। यह किसी प्रकार से मनमाना या अवैध नहीं है।

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फैसले से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें

सर्च कमेटी का अधिकार: कोर्ट ने सर्च कमेटी को उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के मानदंड तय करने का अधिकार दिया।

निर्धारित मानदंड: 25 साल का अनुभव और आयु सीमा के आधार पर उम्मीदवारों का चयन होगा।

आरटीआई एक्ट 2005: याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि आरटीआई एक्ट में इस तरह के अनुभव की शर्त नहीं है, लेकिन कोर्ट ने इसे सही माना।

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