बिना QR कोड वाले पुराने मैनुअल बर्थ सर्टिफिकेट अमान्य, 3.5 लाख बच्चों के आधार कार्ड अटके

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हजारों परिवार अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए परेशान हैं। UIDAI के नए नियम के तहत अब पुराने मैनुअल जन्म प्रमाण पत्र मान्य नहीं हैं, बल्कि केवल QR कोड वाले डिजिटल प्रमाण पत्र ही आधार के लिए स्वीकार होंगे।

author-image
Harrison Masih
New Update
chhattisgarh-digital-birth-certificate-aadhaar-issue the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Raipur. छत्तीसगढ़ के लाखों ग्रामीण परिवार इस समय बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं। अपने बच्चों के आधार कार्ड अपडेट या बनवाने के लिए अभिभावक पंचायतों और नगर निकायों के चक्कर काट रहे हैं। इसका कारण यह है कि पुराने मैनुअल जन्म प्रमाण पत्र अब आधार के लिए मान्य नहीं हैं।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि अब केवल क्यूआर कोड वाले डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र ही आधार कार्ड के लिए स्वीकार किए जाएंगे। इससे राज्य के लगभग 3.5 लाख बच्चों के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया अधर में लटक गई है।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में 90% बच्चों के आधार कार्ड आवेदन रिजेक्ट, अपार आईडी के लिए बढ़ी पालकों की परेशानी

समस्या की जड़ – मैनुअल प्रमाण पत्र

राज्य में वर्ष 2018 से 2020 के बीच 6.16 लाख जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन आए थे, जिनमें से 5.15 लाख प्रमाण पत्र जारी किए गए। इनमें से अधिकतर प्रमाण पत्र क्यूआर कोड रहित मैनुअल फॉर्मेट में हैं। अब UIDAI के नए नियमों के तहत मैनुअल बर्थ सर्टिफिकेट अमान्य माने जा रहे हैं।

नए आधार कार्ड या अपडेट के लिए अब पहले डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र बनवाना आवश्यक है। डिजिटल प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही उसमें क्यूआर कोड जनरेट होता है, जो UIDAI पोर्टल पर आधार वेरिफिकेशन के लिए अनिवार्य है।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों को आदेश, 31 अक्टूबर तक पूरा करें छात्रों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट

तकनीकी दिक्कतें बनी बड़ी बाधा

गांवों और पंचायत स्तर पर इस पूरी प्रक्रिया में तकनीकी और सर्वर से जुड़ी दिक्कतें आ रही हैं। पंचायत सचिवों को नए सिस्टम की पर्याप्त ट्रेनिंग नहीं मिली है।सर्वर की धीमी गति के कारण आवेदन अपलोड करने में समय लग रहा है। कई जगह अब भी मैनुअल प्रमाण पत्र ही जारी किए जा रहे हैं, जिससे समस्या और गहराती जा रही है।

ग्रामीण अभिभावकों की बढ़ी चिंता

हजारों बच्चों ने पुराने मैनुअल प्रमाण पत्र के आधार पर स्कूल में दाखिला लिया है। अब जब स्कूलों ने आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है, तो अभिभावक बड़ी दिक्कत में हैं। पोर्टल की धीमी गति और तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से न तो नया प्रमाण पत्र बन पा रहा है, न ही आधार अपडेट हो पा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें... डबरा में डॉग टॉमी के नाम का आधार कार्ड वायरल, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश तो खुली पोल

ये खबर भी पढ़ें... बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश, आधार कार्ड को वैध दस्तावेज माना जाए

अधिकारियों की सफाई

सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 2021 के बाद जारी सभी जन्म प्रमाण पत्र केंद्र सरकार के पोर्टल से क्यूआर कोड सहित बनाए जा रहे हैं। हालांकि, तकनीकी जानकारी की कमी और सर्वर की समस्या के कारण कुछ पंचायतें अभी भी पुराने प्रारूप में प्रमाण पत्र जारी कर रही हैं।

“जिनके रिकॉर्ड मिसमैच हैं, उन्हें अपने संबंधित पंचायत या नगर निकाय से सुधार करवाना होगा। इसके बाद ही नया डिजिटल प्रमाण पत्र जारी होगा।”
याकूब कुजूर, उप संचालक, योजना एवं सांख्यिकी विभाग

UIDAI के इस नए नियम ने जहां आधार प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया है, वहीं छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में यह फिलहाल तकनीकी चुनौती बन गया है। सरकार को अब ग्राम पंचायत स्तर पर तकनीकी प्रशिक्षण और सर्वर सुधार पर ध्यान देना होगा ताकि बच्चों के आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया तेज हो सके। 

आधार कार्ड UIDAI पोर्टल पर आधार वेरिफिकेशन डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र UIDAI मैनुअल बर्थ सर्टिफिकेट अमान्य
Advertisment