छत्तीसगढ़ नान घोटाला: 4 साल बाद हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला, जनहित याचिकाएं खारिज

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2015 के चर्चित नान घोटाले की सीबीआई जांच की मांग वाली सभी जनहित याचिकाओं को निरस्त कर दिया। 10 साल पुराने मामले में अब जांच एजेंसी बदलने की मांग को उचित नहीं माना गया।

author-image
Harrison Masih
New Update
chhattisgarh-nan-scam-highcourt-decision-2025
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Raipur. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2015 में सामने आए चर्चित नान घोटाले (CG NAN Scam) से संबंधित सीबीआई जांच की मांग वाली सभी जनहित याचिकाओं को निराकृत कर दिया है। डिवीजन बेंच ने कहा कि यह मामला 10 साल से अधिक पुराना है और अब जांच एजेंसी बदलने की मांग उचित नहीं है।

सुनवाई का विवरण

शुक्रवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस पीपी साहू की विशेष डिवीजन बेंच में 8 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं के कारण पिछले लगभग 4 साल से इन याचिकाओं की सुनवाई नहीं हो पा रही थी। सुनवाई के दौरान बेंच ने देखा कि केवल दो जनहित याचिकाओं के अधिवक्ता या याचिकाकर्ता ही अदालत में उपस्थित थे, बाकी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ नान घोटाला : सरेंडर करने पहुंचे रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला, कोर्ट ने किया इनकार, जानें वजह

मुख्य फैसले और आदेश

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक द्वारा लगाई गई एसआईटी जांच के खिलाफ याचिका को हाईकोर्ट ने वापस लेने की अनुमति दी। बेंच ने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ एसीबी ने चालान पेश नहीं किया, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विचारण न्यायालय में धारा 319 का आवेदन किया जा सकता है। सभी जनहित याचिकाएं खारिज कर दी गईं क्योंकि मामला अब अंतिम चरण में है और जांच एजेंसी बदलना उचित नहीं माना गया।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ नान घोटाला, सुप्रीम कोर्ट ने रायपुर कोर्ट को नान मामले की सुनवाई से रोका,12 अक्टूबर को 2 बजे अगली सुनवाई,

क्या है नान घोटाला?

नान घोटाला छत्तीसगढ़ के PDS (जन वितरण प्रणाली) और राशन वितरण में हुई अनियमितताओं से जुड़ा था। एसीबी की चार्जशीट के अनुसार, नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) जिम्मेदार था कि राज्य में राशन और अन्य आवश्यक सामान का प्रोक्योरमेंट और वितरण करे। 55 लाख परिवारों के लिए 70 लाख राशन कार्ड बनाए गए, जिससे हजारों करोड़ रुपए का राशन अफरा-तफरी हुआ। आदिवासी इलाकों में सप्लाई किए गए आयोडाइज्ड नमक में कांच के टुकड़े पाए गए।

जांच में अनियमितताएं

एसीबी ने 27 जिला प्रबंधकों और कई उच्च पदस्थ अधिकारियों को अभियुक्त नहीं बनाया। कई लोक सेवकों से पूछताछ नहीं की गई, जबकि उनके पास घोटाले के पुख्ता सबूत मौजूद थे। मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी में भी विलंब हुआ।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ नान घोटाला: रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ED रिमांड पर,16 अक्टूबर तक होगी पूछताछ

इस मामले को 3 पॉइंट्स में समझें

  • जनहित याचिकाओं का खारिज होना: हाईकोर्ट ने 2015 के नान घोटाले में सीबीआई जांच की मांग वाली सभी जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया क्योंकि मामला 10 साल से अधिक पुराना है और अब जांच एजेंसी बदलने की मांग उचित नहीं मानी गई।

  • विचारण अंतिम चरण में: मामले में अब ट्रायल कोर्ट में विचारण अपने अंतिम चरण में है, और जिन लोगों के खिलाफ चालान पेश किया गया है या जिनका विचारण चल रहा है, उन पर अब कोई रोक नहीं है।

  • एसीबी जांच अधूरी और राजनीतिक विरोध: एसीबी ने कई उच्च पदस्थ अधिकारियों को अभियुक्त नहीं बनाया, और राजनीतिक नेताओं की याचिकाओं के विरोध के कारण मामले की सुनवाई लंबित रही। सुप्रीम कोर्ट की रोक हटने के बाद ही हाईकोर्ट में सुनवाई संभव हुई।

राजनीतिक विरोध और सुप्रीम कोर्ट की रोक

2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद एसआईटी जांच हुई। भाजपा नेता धरमलाल कौशिक और विक्रम उसेंडी ने सीबीआई जांच के खिलाफ विरोध जताया। सुप्रीम कोर्ट में ईडी की याचिकाओं के निराकरण के बाद ही हाईकोर्ट में जनहित याचिकाओं पर सुनवाई का रास्ता साफ हुआ।

ये खबर भी पढ़ें... नान घोटाला मामले में पूर्व आईएएस टुटेजा और शुक्ला को सुप्रीम झटका, हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत रद्द

अगले कदम

मामले में अब विचारण अंतिम चरण में है। जिन व्यक्तियों का चालान हुआ है या विचारण चल रहा है, उनके खिलाफ कोई रोक नहीं है। बेंच ने कहा कि अब जांच एजेंसी बदलने की मांग उचित नहीं है, और मामले को स्थानीय न्यायालय में धारा 319 के तहत आवेदन देकर आगे बढ़ाया जा सकता है। यह रिपोर्ट छत्तीसगढ़ की राजनीति और न्यायिक प्रक्रिया के बीच नान घोटाले के लंबे और जटिल इतिहास को विस्तार से दर्शाती है।

FAQ

हाईकोर्ट ने नान घोटाले की CBI जांच याचिकाओं को क्यों खारिज किया?
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2015 के नान घोटाले की जनहित याचिकाओं को खारिज किया क्योंकि मामला 10 साल से अधिक पुराना है और अब जांच एजेंसी बदलना उचित नहीं माना गया।
नान घोटाला क्या है ?
नान घोटाला छत्तीसगढ़ के PDS (जन वितरण प्रणाली) और राशन वितरण में हुई अनियमितताओं से जुड़ा था। आरोप हैं कि 55 लाख परिवारों के लिए 70 लाख राशन कार्ड बनाए गए, और आदिवासी इलाकों में घटिया क्वालिटी का आयोडाइज्ड नमक सप्लाई किया गया।
नान घोटाला छत्तीसगढ़ नान घोटाला CG NAN Scam जस्टिस रमेश सिन्हा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
Advertisment