सीजी युक्तियुक्तकरण में अतिशेष शिक्षकों की आपत्ति, समिति तय करेगी प्रक्रिया कितनी सही
छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नई समितियों का गठन किया है।
CG News.छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ युक्तियुक्तकरण (Rationalization) प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नई समितियों का गठन किया है। यह सुधार शिक्षकों को अपनी आपत्तियों के समाधान के लिए एक उचित और स्पष्ट प्रक्रिया प्रदान करेगा।
युक्तियुक्तकरण की आपत्तियों की सुनवाई
सरकार ने दो स्तरीय समितियों का गठन किया है, जो शिक्षकों की आपत्तियों की सुनवाई करेंगी। इनमें से एक समिति संभागीय स्तर (Divisional Level) पर काम करेगी और दूसरी समिति संचालनालय स्तर (Directorate Level) पर।
Photograph: (the sootr)
संभागीय समिति कैसे करेगी काम?
छत्तीसगढ़ सरकार, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने दो समितियों का गठन किया है। पहली संभाग स्तर पर रहेगी, जिसके अध्यक्ष संभागायुक्त (Divisional Commissioner) रहेंगे। समिति में संयुक्त संचालक (JD) व डीपीआई कार्यालय सहायक संचालक सदस्य के रूप में रहेंगे।
यह समिति जिला स्तर पर हुए फैसलों के बाद शिक्षकों की आपत्ति की सुनवाई करेगी। इसके बाद समिति स्वतंत्र निर्णय ले सकती हैं।
हां, यदि शिक्षक को जिला स्तर और फिर संभाग स्तर की समिति के निर्णय से संतुष्टि नहीं मिलती है तो वह अगली समिति में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। संचालनालय स्तर पर समिति के द्वारा शिक्षकों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान और निर्णय लिया जाएगा।
इस समिति के अध्यक्ष संयुक्त सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग हैं। यह समिति राज्य स्तर पर अंतिम निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होगी।
इस निर्णय के बाद उन शिक्षकों को राहत मिलने की संभावना है, जिन्हें जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) द्वारा गलत तरीके से अतिशेष घोषित कर अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षकों की आपत्तियों को सही तरीके से निपटाने के लिए दो स्तरीय समितियों का गठन किया है। इन समितियों का उद्देश्य युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना है।
2. संभागीय समिति का कार्य
पहली समिति संभागीय स्तर पर कार्य करेगी, जिसकी अध्यक्षता संभागायुक्त (Divisional Commissioner) करेंगे। इस समिति में संयुक्त संचालक (JD) और डीपीआई कार्यालय के सहायक संचालक सदस्य के रूप में शामिल होंगे। यह समिति जिला स्तर पर शिक्षकों की आपत्तियों की सुनवाई करेगी और स्वतंत्र निर्णय लेगी।
3. संचालनालय स्तर पर अंतिम सुनवाई
यदि शिक्षक संभागीय समिति के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे अपनी आपत्ति संचालनालय स्तर की समिति के पास दर्ज कर सकते हैं। यह समिति राज्य स्तर पर अंतिम निर्णय करेगी, और इसका अध्यक्ष संयुक्त सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग होगा।
4. शिक्षकों के लिए राहत
इस सुधार से उन शिक्षकों को राहत मिलने की संभावना है, जिन्हें जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) द्वारा गलत तरीके से अतिशेष घोषित कर दूसरे विद्यालयों में स्थानांतरित किया गया था।
5. पारदर्शिता और उत्तरदायित्व
इस कदम से युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होगा, जिससे शिक्षकों को उचित निर्णय मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।