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छत्तीसगढ़ में अब भ्रष्ट नेताओं की कुर्सी ही सुरक्षित है। अब अगर नेता भ्रष्टाचारी नहीं होंगे तो उनकी कुर्सी चली जाएगी। इतना ही नहीं, चुनाव लड़ने पर भी बैन लगा दिया जाएगा। वह नेता जो लाखों-करोड़ों का घोटाला करते हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन, कोई नेता अगर वफादार है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वफादार नेता में भले ही राशि की कोई हेराफेरी न की तो न ही लापरवाही बरती हो फिर भी, उसकी कुर्सी छीन ली जाएगी। इसी तरह का एक मामला दुर्ग जिले से सामने आया है। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने उनके खिलाफ ही कार्रवाई कर दी जिसने दुर्ग और छत्तीसगढ़ का नाम पूरे देश में रौशन किया था।
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पतोरा की बर्खास्त सरपंच अंजिता साहू
जिसने बढ़ाया नाम, उसी की गई कुर्सी
दरअसल, सुजल स्वच्छ भारत निर्माण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर देश में दुर्ग और छग की मान बढ़ाने वाली पतोरा की सरपंच अंजिता साहू को सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट से प्राप्त आय-व्यय का रिकॉर्ड संधारण नहीं किया था। वहीं दूसरी ओर ऐसे कई दागी सरपंच है जिस पर आर्थिक गबन और छग पंचायती राज अधिनियम को ताक पर रखकर मर्जी से अपना राज चलाने के आरोप की पुष्टि हो चुकी है। जांच के बाद जनपद पंचायत ने बर्खास्तगी की सिफारिश भी कर दी है, बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी के यहां लंबित है।
ऐसे सरपंचों का कार्यकाल अब बीतने को है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 28 और 29 दिसंबर को आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी। यानी निर्वाचित पंच, सरपंचों का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। इसके बाद सरपंचों से हेर-फेर की राशि तो वसूल की जा सकती है, लेकिन छग पंचायत राज अधिनियम 1993 को धारा के प्रावधानों के प्रतिकूल आचरण के कारण पदमुक्त और पंचायत के किसी भी निर्वाचन के लिए 6 वर्ष वक निर्धारित कार्रवाई से वे साफ बच जाएंगे।
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एक दिन में मजदूरों की दो जगह हाजिरी लगाकर डकार ली रकम, आरोप सिद्ध
ग्राम कातरो की सरपंच मंजू यादव पर गड़बड़ी के कई गंभीर आरोप हैं। उनसे 1,56,076 रुपए वसूल किया जाना है। एक ही दिन में मनरेगा मजदूरों की अलग-अलग जगह काम की दो-दो हाजिरी लगाकर राशि निकालने का आरोप भी सिद्ध हुआ है। पति खुमेश यादव को हरिओम ट्रेडर्स के नाम से एक लाख भुगतान किया है। जबकि इस नाम की दुकान ही नहीं है। 24 अक्टूबर को जनपद पंचायत की ओर से सौंपी रिपोर्ट में सरपंच की बर्खास्तगी की सिफारिश की गई है।
आंवला के वन को उद्योगपति को 30 साल लीज पर दे दिया, वहां चेकर टाइल्स बन रहा
जडी-बूटी नहीं, चेकर टाइल्स बना रहे हैं गाम नगपुरा के सरपंच भूपेंद्र रिगरी पर अपने रिश्तेदार को अतिक्रमण कर दुकान व मकान बनाने की छूट देने का आरोप सिद्ध हो चुका है। सामाजिक वानिकी क्षेत्र आंक्ला वन को एक उद्योगपति को 30 साल के लिए लीज पर दे दिया है। जड़ी-बूटी के नाम पर जमीन लेकर अब वहां चेकर टाइल्स का निर्माण किया जा रहा है। पद का दुरुपयोग कर मनरेगा मजदूरों से चक्काजाम करवाने का भी आरोप है। जनपद पंचायत के 10 अक्टूबर की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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