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Photograph: (the sootr)
कांकेर लोकसभा चुनाव 2024 (Kanker Lok Sabha Election 2024) के नतीजों को लेकर विवाद थमने की बजाय बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस उम्मीदवार बीरेश सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया है कि चुनावी प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM - Electronic Voting Machine) से छेड़छाड़ हुई है और मतगणना में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं।
इस आरोप को लेकर वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट भी पहुंचे है। उनकी याचिका को कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है। इधर इस याचिका को खारिज करने की सांसद की मांग को खारिज कर दिया गया है।
सांसद की याचिका खारिज
सांसद भोजराज नाग (Bhojraj Nag), जिन्होंने कांकेर सीट जीती थी, ने कांग्रेस की याचिका को खारिज करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि याचिका Representation of People Act, 1951 की धारा 81, 82 और 83 के अनुरूप नहीं है और इसमें कोई ठोस आरोप नहीं है।
हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका में पर्याप्त तथ्य और सबूत मौजूद हैं। इसलिए, याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता और सुनवाई जारी रहेगी। अगली सुनवाई 3 नवंबर 2024 को निर्धारित की गई है।
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चुनावी याचिका का आधार
EVM में गड़बड़ी और मतगणना पर सवाल
कांग्रेस प्रत्यासी रहे बीरेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि:
EVM मशीनों में छेड़छाड़ हुई।
वोटिंग डेटा ट्रांसमिशन में देरी हुई।
मतगणना के दौरान कई बूथों पर आंकड़े मेल नहीं खा रहे थे।
विशेष रूप से गुंडरदेही और डोंडीलोहारा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों का उल्लेख किया गया है, जहां मतों के अंतर और डेटा में गड़बड़ी की आशंका जताई गई।
सांसद नाग की दलीलें
भोजराज नाग ने दलील दी कि याचिका:
भ्रष्ट आचरण (corrupt practices) पर आधारित नहीं है।
चुनाव आयोग को पक्षकार नहीं बनाया गया है।
तकनीकी कारणों से सुनवाई योग्य नहीं है।
लेकिन, हाईकोर्ट ने उनके इन तर्कों को खारिज करते हुए याचिका को सुनवाई योग्य माना।
कांग्रेस प्रत्याशी की याचिका और आरोपों को ऐसे समझें
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हाईकोर्ट का फैसला: क्यों अहम है?
लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती
यह फैसला सिर्फ कांकेर चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे लोकतांत्रिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। चुनाव में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखना लोकतंत्र की मजबूती का मूल आधार है।
EVM पर लगातार सवाल
भारत में EVM को लेकर समय-समय पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। कांकेर का मामला भी उसी बहस को और मजबूत करता है।
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चुनावी याचिका और कानून
Representation of People Act, 1951
धारा 81: चुनाव याचिका दाखिल करने की प्रक्रिया।
धारा 82: आवश्यक पक्षकारों को शामिल करना।
धारा 83: याचिका में तथ्यों और आरोपों का उल्लेख।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि बीरेश ठाकुर की याचिका इन प्रावधानों के अनुरूप है।