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Mahasamund. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कोटे के तहत अनुचित रूप से राशन का लाभ ले रहे अपात्र लोगों की पहचान शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर खाद्य विभाग की टीमों ने बड़े पैमाने पर भौतिक सत्यापन अभियान चलाया है। अब तक 9100 कार्डधारक अपात्र पाए गए हैं, जिनमें से 6875 लोगों के कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं, जबकि 2223 मामलों में कार्रवाई बाकी है।
किन पर गिरी गाज
छत्तीसगढ़ में राशनकार्ड रद्द होने से हड़कंप मच गया है। खाद्य विभाग के मुताबिक जिन लोगों के पास पांच एकड़ से अधिक जमीन है, 6 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय है, या आयकर का भुगतान करते हैं, उन्हें बीपीएल श्रेणी से बाहर किया जा रहा है। ऐसे कार्डधारकों के बीपीएल कार्ड को एपीएल कार्ड में परिवर्तित किया जाएगा।
सत्यापन में यह भी सामने आया है कि कई कार्डधारक ऐसे हैं जिनके परिवार के सदस्य अब जीवित नहीं हैं या जिले से बाहर पलायन कर चुके हैं, फिर भी वे राशन का लाभ उठा रहे थे।
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जिलेवार स्थिति
महासमुंद जिले में 1.36 लाख से अधिक कार्डधारक ऐसे हैं जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा भूमि है। इनमें से 180 कार्ड निरस्त हो चुके हैं और बाकी का सत्यापन जारी है। 6 लाख से अधिक आय वाले 1849 लोगों के राशन कार्डों में से 889 निरस्त किए जा चुके हैं। आयकर देने वाले 44 व्यक्तियों में से 21 पर कार्रवाई हो चुकी है। एमसीए के तहत 178 कार्डों में से 82 निरस्त किए गए हैं।
प्रशासन की सख्त निगरानी
जिले में कुल 3 लाख राशनकार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में और 32,243 कार्ड शहरी क्षेत्रों में हैं। इनमें से करीब 3 लाख बीपीएल श्रेणी में आते हैं। प्रशासन ने तय किया है कि सत्यापन के बाद ऐसे सभी कार्ड जो पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते, रद्द कर एपीएल कार्ड में बदले जाएंगे।
अपर कलेक्टर द्वारा सभी पंचायतों और नगरपालिकाओं को आदेश जारी किया गया है कि 15 नवंबर तक सभी संदिग्ध राशनकार्डों का भौतिक सत्यापन कर पोर्टल में अपलोड करें।
महिला मुखिया की अनिवार्यता पर जोर
महासमुंद में 5774 राशनकार्ड ऐसे हैं जिनमें पुरुष मुखिया दर्ज हैं। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि परिवार में 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला सदस्य मौजूद है, तो वही राशनकार्ड की मुखिया होगी। विभाग इन कार्डों का भी पुनः सत्यापन कर रहा है ताकि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य को बढ़ावा मिले।
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खाद्य अधिकारी ने क्या कहा
खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि “सत्यापन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं का गलत लाभ न उठा सके। पात्र हितग्राही को ही योजनाओं का लाभ मिले, यही प्रशासन की प्राथमिकता है।”
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