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naxal surrender 2025 update : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहे ऑपरेशन के कारण नक्सल संगठन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। हथियारों की सप्लाई चैन के साथ रसद आपूर्ति पर भी रुक गई है। नतीजा, सुरक्षाबलों की गोली से बचने अब नक्सली अन्य राज्यों में जाकर सरेंडर भी कर रहे हैं।
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छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर बढ़ा दबाव
नक्सली दो राज्यों की सीमा का फायदा उठाते हुए बॉर्डर पर ज्यादा सक्रिए रहते हैं। वे एक राज्य में वारदात कर दूसरे राज्य में छिप जाते थे। छत्तीसगढ़ फोर्स ने तेलंगाना बॉर्डर पर दबाव बनाया है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के 64 नक्सलियों ने पिछले दिनों ही तेलंगाना के भद्राद्री कोत्तागुडेम जिले के पुलिस मुख्यालय में पहुंचकर आत्मसमर्पण किया। वहीं बीजापुर जिले में भी 24 लाख के ईनामी 9 नक्सलियों समेत 17 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। ऐसे में कुल 81 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
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तेलंगाना में मल्टी जोन-1 के आइजीपी चंद्रशेखर रेड्डी की मौजूदगी में आत्मसमर्पण हुआ। सरेंडर करने वालों में बीजापुर और सुकमा के नक्सल बटालियनों के सदस्य शामिल हैं, जिनमें डीवीसीएम, एसीएम, मिलिशिया और पीपीसीएम जैसे कैडर के नक्सली शामिल हैं। इनमें 16 महिलाएं भी शामिल हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों का कहना है कि हथियारों के साथ ही उनके खाने-पीने की सप्लाई भी रुक गई है। यदि वे सरेंडर नहीं करते तो भूखे मरने के हालात पैदा हो गए थे।
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