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छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर राज्य में 166 नए महतारी सदनों के निर्माण को स्वीकृति दी गई है, जिसके लिए 49 करोड़ 80 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
यह पहल ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और सामुदायिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है। महतारी सदन न केवल महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे, बल्कि सामुदायिक एकता और समरसता को भी बढ़ावा देंगे।
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महतारी सदन, महिला सशक्तिकरण का नया केंद्र
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण महिलाओं की क्षमताओं को देश के विकास से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि ग्राम भ्रमण के दौरान महिलाओं ने बार-बार सामुदायिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त स्थान की कमी की शिकायत की थी।
इस मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में महतारी सदन बनाने का निर्णय लिया। यह सदन ग्रामीण महिलाओं के लिए एक ऐसा मंच होंगे, जहां वे अपने कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगी, रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकेंगी और सामाजिक गतिविधियों में भाग ले सकेंगी।
166 महतारी सदनों को मंजूरी, 368 की कुल स्वीकृति
राज्य सरकार ने पहले चरण में 166 महतारी सदनों के निर्माण के लिए 49 करोड़ 80 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही, अब तक कुल 368 महतारी सदनों को मंजूरी मिल चुकी है। प्रत्येक महतारी सदन का निर्माण लगभग 30 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कार्यों में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए एक मानक डिजाइन और प्राक्कलन तैयार किया है, जिसके आधार पर सभी सदनों का निर्माण होगा।
महतारी सदन की विशेषताएं
महतारी सदन का निर्माण 2500 वर्ग फुट के क्षेत्र में किया जाएगा, जिसमें महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। प्रत्येक सदन में निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
कमरा और हॉल : सामुदायिक गतिविधियों और प्रशिक्षण के लिए।
किचन और स्टोररूम : स्वयं सहायता समूहों और अन्य गतिविधियों के लिए।
शौचालय और सामुदायिक शौचालय : स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए।
बरामदा : बैठने और चर्चा के लिए खुला स्थान।
ट्यूबवेल और वाटर हार्वेस्टिंग : जल आपूर्ति और संरक्षण के लिए।
बाउंड्रीवाल : महिलाओं की सुरक्षा के लिए।
ये सुविधाएं ग्रामीण महिलाओं को एक सुरक्षित और सुसज्जित स्थान प्रदान करेंगी, जहां वे अपनी गतिविधियों को बिना किसी रुकावट के संचालित कर सकेंगी।
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पांच वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन
छत्तीसगढ़ सरकार की योजना अगले पांच वर्षों में राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन स्थापित करने की है। पहले चरण में प्रत्येक विकासखंड में एक महतारी सदन का निर्माण शुरू हो चुका है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी, बल्कि सामाजिक समरसता और सामुदायिक सहभागिता को भी बढ़ावा देगी। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “न्यू इंडिया के विकास में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। महतारी सदन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ग्रामीण महिलाओं को उनके गांव में ही रोजगार और सशक्तिकरण के अवसर प्रदान करेगा।”
महिलाओं की मांग से शुरू हुई पहल
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ग्राम भ्रमण के दौरान महिलाओं ने बार-बार बैठने और सामुदायिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त स्थान की कमी की बात उठाई थी। कई महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से अपने व्यवसाय और गतिविधियों को संचालित करने के लिए जगह की मांग की थी। इस मांग को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने महतारी सदन की अवधारणा को मूर्त रूप दिया। ये सदन न केवल महिलाओं को कार्यस्थल प्रदान करेंगे, बल्कि प्रशिक्षण, सिलाई, बुनाई, और अन्य कौशल विकास गतिविधियों के लिए भी एक केंद्र के रूप में काम करेंगे।
आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पहल को आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि महतारी सदन ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाकर राज्य और देश के विकास में योगदान देगा। यह पहल स्वयं सहायता समूहों, ग्रामीण उद्यमिता, और सामुदायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
ग्रामीण महिलाओं ने इस पहल का स्वागत किया है। कांकेर जिले की एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य, राधिका साहू (बदला हुआ नाम), ने कहा, “महतारी सदन हमारे लिए एक वरदान है। अब हमें अपने काम के लिए जगह की कमी नहीं होगी, और हम अपने उत्पादों को गांव में ही बना और बेच सकेंगे।” कई ग्रामीण महिलाओं का मानना है कि यह पहल उनके लिए न केवल रोजगार का साधन बनेगी, बल्कि सामाजिक जुड़ाव और आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी।
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