रेलवे का खाना खाकर बिगड़ी यात्रियों की तबीयत, चेन खींचकर रोकी ट्रेन
दूरंतो एक्सप्रेस में बासी खाना खाने से 10 से ज्यादा यात्रियों की तबीयत बिगड़ गई। भोजन में खराबी के कारण रायगढ़ स्टेशन के पास यात्रियों को उल्टियां होने लगीं।
हावड़ा से पुणे जा रही दूरंतो एक्सप्रेस में बासी खाना खाने से 10 से ज्यादा यात्रियों की तबीयत बिगड़ गई। टाटानगर बेस किचन से दिए गए भोजन में खराबी के कारण रायगढ़ स्टेशन के पास यात्रियों को उल्टियां होने लगीं। ट्रेन बिलासपुर स्टेशन पर पहुंची, लेकिन डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। इससे नाराज यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी और हंगामा शुरू कर दिया।
ट्रेन 10 घंटे देरी से बिलासपुर स्टेशन रात 12 बजे पहुंची। यात्रियों ने टीटीई को डॉक्टर बुलाने के लिए कहा था, लेकिन यह सूचना स्टेशन कंट्रोल रूम तक नहीं पहुंच पाई। स्टेशन पर डॉक्टर न मिलने से नाराज यात्रियों ने ट्रेन को आगे बढ़ने नहीं दिया। कुछ देर बाद डॉक्टर पहुंचे और बीमार यात्रियों को प्राथमिक उपचार और दवाइयां दीं।
डॉक्टरों के पहुंचने और उपचार शुरू होने तक यात्री ट्रेन रोकने पर अड़े रहे। जैसे ही ट्रेन चलने को होती, कोई न कोई चेन पुलिंग कर देता। इस हंगामे के चलते ट्रेन बिलासपुर में करीब दो घंटे तक खड़ी रही। यात्रियों को राहत मिलने के बाद ही ट्रेन को आगे जाने दिया गया।
टीटीई और प्रशासन पर उठे सवाल
हंगामे के दौरान आरपीएफ और स्टेशन मास्टर ने यात्रियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। यात्री इस बात पर नाराज थे कि टीटीई ने उनकी मदद नहीं की। वहीं, टीटीई का कहना है कि उन्हें किसी यात्री ने समस्या की जानकारी नहीं दी थी। इस घटना ने रेल प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दूरंतो एक्सप्रेस में यात्रियों की तबीयत क्यों बिगड़ी?
यात्रियों की तबीयत खराब होने का कारण टाटानगर बेस किचन से दिया गया बासी भोजन था। खराब दाल और सब्जी खाने के बाद रायगढ़ स्टेशन के पास यात्रियों को उल्टियां होने लगीं।
बिलासपुर स्टेशन पर यात्रियों ने ट्रेन क्यों रोकी?
बिलासपुर स्टेशन पर डॉक्टर उपलब्ध न होने से नाराज यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी। डॉक्टरों के पहुंचने और बीमार यात्रियों का इलाज होने तक उन्होंने ट्रेन को आगे नहीं बढ़ने दिया।
इस घटना में टीटीई और रेल प्रशासन पर क्या सवाल उठे?
यात्री इस बात से नाराज थे कि टीटीई ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया और डॉक्टर की व्यवस्था नहीं की। वहीं, टीटीई का दावा था कि किसी यात्री ने उन्हें स्थिति की जानकारी नहीं दी थी। इस घटना ने रेल प्रशासन की तैयारी और व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।