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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साइबर ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक बीमा सलाहकार के वाट्सएप पर आए शादी के ई-कार्ड ने उनके बैंक खाते से 4.80 लाख रुपये उड़ा लिए। यह घटना डिजिटल युग में बढ़ती साइबर अपराध की चुनौतियों को उजागर करती है। पीड़ित ने तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर आम लोगों को ऑनलाइन संदिग्ध लिंक और मैसेज से सावधान रहने की चेतावनी दी है।
आखिर क्या है पूरा मामला?
रायपुर के राजेंद्र नगर निवासी 57 वर्षीय देवेंद्र सिंह रिसम, जो पेशे से बीमा सलाहकार हैं, 19 अगस्त 2025 को एक अनजान नंबर से आए वाट्सएप मैसेज का शिकार हुए। मैसेज में एक शादी का ई-कार्ड था, जिसमें नीचे लिखा था, "शादी में आने का निमंत्रण।"
सामान्य तौर पर निमंत्रण पत्र समझकर देवेंद्र ने कार्ड खोलने की कोशिश की। जैसे ही उन्होंने ई-कार्ड पर क्लिक किया, उनका मोबाइल अचानक ब्लिंक करने लगा और काम करना बंद कर दिया। कुछ ही देर में उनके मोबाइल पर बैंक से मैसेज आने शुरू हो गए, जिसमें उनके खाते से अलग-अलग किस्तों में पैसे निकाले जाने की जानकारी थी।
हैरान-परेशान देवेंद्र ने तुरंत अपने मोबाइल को बंद किया और दोबारा चालू करने की कोशिश की, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था। कुल 4.80 लाख रुपये उनके बैंक खाते से गायब हो चुके थे। उन्होंने तत्काल बैंक पहुंचकर अपने खाते की जानकारी ली और खाता ब्लॉक कराया।
इसके बाद, साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 (नोट: खबर में 1920 का उल्लेख है, लेकिन सही हेल्पलाइन नंबर 1930 है) पर संपर्क किया और स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
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कैसे हुई ठगी?
पुलिस और साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की ठगी में साइबर अपराधी वाट्सएप, एसएमएस या ईमेल के जरिए फर्जी लिंक भेजते हैं, जो किसी आकर्षक निमंत्रण, ऑफर या जरूरी सूचना का हिस्सा दिखाई देते हैं। इस मामले में, शादी का ई-कार्ड एक मैलवेयर (Malware) लिंक था, जो क्लिक करते ही पीड़ित के मोबाइल में घुस गया। इस मैलवेयर ने डिवाइस को हैक कर लिया और संभवतः बैंकिंग डिटेल्स, ओटीपी या अन्य संवेदनशील जानकारी चुराकर ठगों को भेज दी। इसके बाद, अपराधियों ने तुरंत कई ट्रांजेक्शन कर खाते से पैसे निकाल लिए।
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पुलिस और बैंक की कार्रवाई
देवेंद्र की शिकायत के बाद पुलिस ने साइबर सेल की मदद से मामले की जांच शुरू की। पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि ठगी में शामिल अपराधी किस तरह से लिंक भेज रहे हैं और पैसा कहां ट्रांसफर किया गया। बैंक ने भी खाता ब्लॉक करने के बाद ट्रांजेक्शन की डिटेल्स पुलिस को सौंपी हैं, ताकि धन के लेन-देन का पता लगाया जा सके। साइबर सेल के अधिकारी संदिग्ध नंबर और लिंक की जांच कर रहे हैं, साथ ही यह भी देख रहे हैं कि क्या यह किसी बड़े साइबर ठगी गिरोह का हिस्सा है।
साइबर ठगी के बढ़ते मामले
छत्तीसगढ़ में हाल के वर्षों में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। साइबर अपराधी अब शादी के निमंत्रण, लॉटरी, सरकारी योजनाओं, या फर्जी नौकरी ऑफर जैसे लुभावने मैसेज भेजकर लोगों को निशाना बना रहे हैं। रायपुर पुलिस के अनुसार, इस तरह के मामलों में अक्सर लोग अनजान लिंक पर क्लिक कर लेते हैं, जिससे उनका डिवाइस हैक हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लिंक में मैलवेयर या स्पाइवेयर हो सकते हैं, जो डिवाइस की पूरी जानकारी अपराधियों तक पहुंचा देते हैं।
साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानियां
इस घटना ने एक बार फिर डिजिटल सुरक्षा की जरूरत को रेखांकित किया है। साइबर विशेषज्ञ और पुलिस ने लोगों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
अनजान लिंक पर क्लिक न करें : वाट्सएप, एसएमएस या ईमेल से आए किसी भी संदिग्ध लिंक को खोलने से बचें, भले ही वह कितना आकर्षक क्यों न हो।
संदेश की प्रामाणिकता जांचें : किसी भी निमंत्रण या ऑफर की सत्यता जांचने के लिए भेजने वाले से संपर्क करें।
एंटीवायरस का उपयोग करें : अपने मोबाइल और कंप्यूटर में विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
बैंकिंग जानकारी सुरक्षित रखें : ओटीपी, पासवर्ड या बैंक डिटेल्स कभी भी किसी के साथ साझा न करें।
तुरंत शिकायत करें : यदि आपको ठगी का शक हो, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन : अपने बैंक खाते और ऑनलाइन ऐप्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) जरूर सक्रिय करें।
आमलोगों से सावधान रहने की अपील
इस घटना से आहत देवेंद्र सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के फर्जी मैसेज और लिंक से सावधान रहें। उन्होंने कहा, "मैंने सोचा कि यह एक सामान्य शादी का निमंत्रण है, लेकिन कुछ ही मिनटों में मेरे खाते से लाखों रुपये गायब हो गए। मैं चाहता हूं कि लोग मेरी गलती से सबक लें और ऐसी ठगी से बचें।"
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