शेयर मार्केट में मुनाफा दिलाने का झांसा देकर रिटायर्ड से ऑनलाइन ठगी करने वाले ठगों ने एक महीने में 44 लाख ठग लिए। जब मैनेजर ने अपने ई वॉलेट से पैसे निकालने की कोशिश की तो उसे ठगी का पता चला। इसके बाद उसने पुलिस को शिकायत की। प्राथमिक जांच और दस्तावेजों के आधार पर सुपेला पुलिस ने अज्ञात मोबाइल नंबरों के धारकों के खिलाफ धारा 3(5) और 318(4) के तहत केस दर्ज किया है।
इन अज्ञात मोबाइल नंबर में एक नंबर लंदन का भी है। उक्त नंबर से वाट्सएप कॉल करके ठगी की गई है। पुलिस निवासी बीके भट्ट ने बताया कि फेसबुक में उसने शेयर ट्रेडिंग का विज्ञापन देखा था। इसके बाद उसने ट्रेडिंग करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। उसके पास दो अलग अलग नंबरों से साक्षी जायसवाल और संदीप नाम के लोगों ने संपर्क किया।
ऐसे की ठगी
दोनों ने क्रमशः बताया कि वे स्टेडी ऐज और एफएक्सरोड नाम की कंपनी में काम करते हैं। दोनों ने उसे शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा दिलाने का झांसा दिया। निवेश करने पर अच्छा रिटर्न दिलाने का आश्वासन दिया। ठगों के झांसे में आने के बाद उसने कई बैंक खातों में पैसा जमा किए। उसने 24 2025 के बीच 44.18 लाख रुपए जमा किए थे।
पुलिस के मुताबिक एंटरप्राइजेज एक्सिस बैंक गोरेगांव, नानीगोपाल डे आईसीआईसीआई बैंक आसनसोल, श्रेया इन्फोसॉल्यूशंस सरस्वती को-ऑप बैंक लिमिटेड इंदौर, हितेश बंधन बैंक अलवर, अंशुल यादव यस बैंक अलवर के बैंक खाते पैसे जमा हुए हैं। इसके अलावा मैनेजर ने यू फॉरेक्स टेक्नालाजी के ऑनलाइन यूपीआई के माध्यम से पैसे जमा किए हैं। ठगी का शिकार होने के बाद मैनेजर ने सायबर टोल फ्री नंबर 1930 पर भी शिकायत की है।
रिटायर्ड व्यक्ति ने फेसबुक पर शेयर ट्रेडिंग का विज्ञापन देखा और रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद साक्षी जायसवाल और संदीप नाम के लोगों ने उनसे संपर्क किया और शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा दिलाने का झांसा देकर निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
पीड़ित ने ठगों के कहने पर कितना पैसा और कहां जमा किया?
पीड़ित ने ठगों के झांसे में आकर 44.18 लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में जमा किए। इनमें एक्सिस बैंक गोरेगांव, आईसीआईसीआई बैंक आसनसोल, सरस्वती को-ऑप बैंक इंदौर, बंधन बैंक अलवर, और यस बैंक अलवर शामिल हैं।
ठगी का पता पीड़ित को कब चला और उसने क्या कार्रवाई की?
ठगी का पता तब चला जब पीड़ित ने अपने ई-वॉलेट से पैसे निकालने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने सुपेला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और सायबर टोल फ्री नंबर 1930 पर भी शिकायत दी।